ईरान और कनाडा के बीच कूटनीतिक तनाव और गहरा गया है. ईरान के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बड़ा जवाबी कदम उठाते हुए कनाडा की रॉयल कैनेडियन नेवी को ‘आतंकी संगठन’ घोषित कर दिया. तेहरान ने कहा कि यह फैसला कनाडा द्वारा वर्ष 2024 में ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) को आतंकी संगठन की सूची में डालने के जवाब में लिया गया है. इससे दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण रिश्तों में और कड़वाहट आएगी.
ईरानी विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि कनाडा का 'इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स' को आतंकी संगठन घोषित करना अंतरराष्ट्रीय कानून के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन है. मंत्रालय के मुताबिक, IRGC ईरान की आधिकारिक सशस्त्र सेनाओं का हिस्सा है और उसे आतंकवादी संगठन करार देना एक संप्रभु देश के खिलाफ राजनीतिक रूप से प्रेरित फैसला है.
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बयान में कहा गया कि 'पारस्परिकता के सिद्धांत' (Principle of Reciprocity) के तहत ईरान ने रॉयल कनाडियन नेवी को आतंकवादी संगठन घोषित किया है. हालांकि, ईरान ने यह स्पष्ट नहीं किया कि इस घोषणा के व्यावहारिक परिणाम क्या होंगे. क्या इससे कनाडा की नौसेना या उसके कर्मियों पर कोई सीधा असर पड़ेगा या संपत्ति जब्त करना, यात्रा प्रतिबंध या अन्य कानूनी कार्रवाई शामिल होगी.
ईरान और कनाडा के रिश्ते 2020 में बिगड़े
ईरान और कनाडा के संबंध पिछले कई वर्षों से तनावपूर्ण हैं. वर्ष 2020 में यूक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइंस की फ्लाइट PS752 को ईरान की IRGC ने गलती से मार गिराया था, जिसमें 176 लोग मारे गए थे, जिनमें कई कनाडाई नागरिक शामिल थे. इसके बाद कनाडा ने ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाए और 2024 में IRGC को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया. कनाडा का यह कदम अमेरिका के बाद ईरान के खिलाफ किसी बड़े पश्चिमी देश की पहली ऐसी कार्रवाई थी.
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ईरान ने हमेशा इस आरोप को खारिज किया है कि IRGC आतंकवाद को बढ़ावा देती है. तेहरान का कहना है कि IRGC देश की रक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए जरूरी है. दूसरी ओर, कनाडा और उसके सहयोगी देश IRGC को क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने और आतंकी समूहों को समर्थन देने का जिम्मेदार मानते हैं. हालांकि, शेषज्ञों का मानना है कि ईरान का यह कदम ज्यादातर प्रतीकात्मक है, क्योंकि कनाडाई नौसेना की संपत्ति या अधिकारियों तक तेहरान की पहुंच सीमित है.
फिर भी, यह ईरान की उस नीति को दर्शाता है जिसमें वह पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का जवाब उसी तरह के कदमों से देता है. ईरान ने पहले भी अमेरिकी सेना की सेंट्रल कमांड (CENTCOM) को आतंकवादी संगठन घोषित किया था, जब अमेरिका ने IRGC को ब्लैकलिस्ट किया था. अब कनाडा के साथ भी तेहरान ने यही रणनीति अपनाई है. हाल के वर्षों में ईरान और पश्चिमी देशों के बीच परमाणु कार्यक्रम, प्रतिबंधों और क्षेत्रीय संघर्षों को लेकर टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है.
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