संयुक्त राष्ट्र में भारत का पाकिस्तान पर तीखा हमला, कहा– आतंकवाद नहीं, भरोसा है सहयोग की नींव

भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान पर बड़ा हमला बोला है. भारतीय राजनयिक अनुपमा सिंह ने कहा कि लंबे समय तक चलने वाला सहयोग विश्वास पर आधारित होना चाहिए, आतंकवाद पर नहीं.

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आतंकवाद पर भारत ने PAK को घेरा (File Photo: ITG) आतंकवाद पर भारत ने PAK को घेरा (File Photo: ITG)

सुबोध कुमार

  • नई दिल्ली,
  • 19 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:31 PM IST

भारत ने संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में पाकिस्तान पर जोरदार हमला किया है. जेनेवा में भारतीय राजनयिक अनुपमा सिंह ने कहा कि लंबे वक्त तक चलने वाला सहयोग विश्वास पर आधारित होना चाहिए, आतंकवाद पर नहीं. अनुपमा सिंह ने पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद की कड़ी निंदा की. 

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद यकीन को कमजोर कर रहा है, जिससे संधि दायित्वों का सम्मान करने के लिए जरूरी माहौल खत्म हो रहा है.

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अनुपमा सिंह ने सिंधु जल संधि के निलंबन को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि विश्वास के बिना कोई भी संधि लंबे वक्त तक नहीं चल सकती.

पाकिस्तान पर आतंकवाद का आरोप...

भारतीय राजनयिक ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से प्रायोजित आतंकवाद भारत और पाकिस्तान के बीच विश्वास को कमजोर कर रहा है. अनुपमा सिंह ने जोर देकर कहा कि लंबे समय तक चलने वाला सहयोग विश्वास पर आधारित होना चाहिए, आतंकवाद पर नहीं.

पाकिस्तान की सुरक्षा की गारंटी सऊदी ने ली!

17 सितंबर 2025 को पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुआ है. समझौते के मुताबिक, "एक देश पर हमला, यानी दोनों पर हमला." यह समझौता सऊदी अरब के लिए सुरक्षा का एक वैकल्पिक ढाल है. जबकि पाकिस्तान के लिए यह आर्थिक संजीवनी. दोनों देशों ने इस समझौते का नाम दिया है 'स्ट्रेटेजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट.'

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यह भी पढ़ें: 'पाकिस्तान-बांग्लादेश घर जैसा लगता है...', बोले सैम पित्रोदा, Gen-Z से दोहराई राहुल गांधी वाली अपील

अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, रियाद को लगता है कि इस समझौते के बाद सऊदी अरब को इस्लामाबाद का 'न्यूक्लियर अम्ब्रेला' मिल जाएगा. ऐसे वक्त में जब गल्फ का देश कतर पिछले कुछ ही महीनों में दो बार हमले का शिकार हो चुका है तो सऊदी अरब के 'पाकिस्तानी एटम बम' का ये अप्रत्यक्ष भरोसा अहम है. वहीं आर्थिक दिवालियापन की कगार पर खड़ा, आईएमएफ के लोन पर चल रहा, चीनी कर्ज में डूबा और सब्सिडी की सऊदी तेल पर गुजारा कर रहे पाकिस्तान को विश्व पटल पर सऊदी अरब के रूप में एक भरोसेमंद सुरक्षा साझीदार मिल गया है. 

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