भारत की नकल करते हुए पाकिस्तान ने दुनिया के सामने अपना पक्ष रखने के लिए आउटरिच मिशन को बाहर भेजना शुरू कर दिया है. इसी सिलसिले में पाकिस्तान का एक आउटरिच मिशन अमेरिका पहुंच गया है. खास बात यह है कि पाकिस्तान का ये मिशन ठीक उस समय अमेरिका में है जब ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का आउटरिच मिशन अमेरिका में है.
भारतीय का संसदीय प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के प्रति भारत की शून्य सहनशीलता की नीति को उजागर करने और आतंकवादी समूहों को पाकिस्तान के समर्थन को उजागर करने के लिए अमेरिका का दौरा कर रहा है.
पाकिस्तान के आउटरिच मिशन की अगुआई बड़बोले नेता बिलावल भुट्टो कर रहे हैं. पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल में 3 विदेश मंत्री शामिल हैं.
पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ के निर्देश पर ये उच्चस्तरीय बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल न्यूयॉर्क, वाशिंगटन डीसी, लंदन और ब्रुसेल्स का दौरा करेगा.
पाकिस्तान ने यह कदम भारत द्वारा पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद अपने कूटनीतिक प्रयासों के तहत 33 देशों की राजधानियों में सात बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल भेजने के बाद उठाया गया है.
अमेरिका जाने वाले पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों में फेडरल मंत्री मुसादिक मलिक, पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार और खुर्रम दस्तगीर खान, पूर्व मंत्री सैयद फैसल अली सुब्जवारी और शेरी रहमान, सीनेटर बुशरा अंजुम बट शामिल हैं. इसमें दो पूर्व विदेश सचिव - जलील अब्बास जिलानी और तहमीना जंजुआ भी शामिल हैं.
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल संयुक्त राष्ट्र महासचिव, संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष, 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 14 देशों के राजदूतों, जिनमें चीनी और रूसी संयुक्त राष्ट्र दूत भी शामिल हैं, से मुलाकात करेगा.
न्यूयॉर्क में बिलावल भुट्टो ने अपने स्टाइल में भारत के खिलाफ खूब प्रोपगैंडा फैलाने की कोशिश की. बिलावल भुट्टो ने ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज (OIC) के प्रतिनिधियों से बात करते हुए इस्लामिक कार्ड खेलने की कोशिश की. बिलावल ने अपने संबोधन में भारत पर आक्रमकता फैलाने का आरोप लगाया.
बिलावल ने अपने गलतबयानी से OIC देशों के सदस्यों को बरगलाने की कोशिश की. उन्होंने कहा, "मैं OIC के सदस्यों से व्यक्तिगत रूप से अनुरोध करता हूं कि भारत के साथ आपके संबंध हमारे से बेहतर हैं."
बिलावल ने अपनी झेंप मिटाते हुए OIC के सदस्यों को मुस्कुराते हुए कहा कि, 'आपके हमारे पड़ोसी के साथ अच्छे संबंध हैं, आप भारत को बताएं कि मु्द्दों पर बात की जाए, शांति पर बात करे, इस उपमहाद्वीप के जो मुद्दे सुलझे नहीं हैं उस पर बात हो. इसमें आतंकवाद का मुद्दा भी शामिल रहेगा. अगर पाकिस्तान और भारत मिलकर आतंकवाद से लड़ें तो मैं लिख सकता हूं कि यह क्षेत्र आतंकवाद से मुक्त हो जाएगा.'
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने धमकी भरे अंदाज में कहा कि अगर भारत-पाकिस्तान आतंकवाद पर बात नहीं करते हैं तो वे लिखकर दे सकते हैं कि इस उपमहाद्वीप में आतंकवाद बढ़ता रहेगा.
एक अलग पोस्ट में भुट्टो ने कहा कि साझा जल संसाधनों पर कोई भी आक्रमण न केवल पाकिस्तान की संप्रभुता को बल्कि वैश्विक स्थिरता को भी चुनौती देता है. हम सभी रूपों में आतंकवाद को अस्वीकार करते हैं, फिर भी पाकिस्तान को निशाना बनाने के लिए एक राजनीतिक उपकरण के रूप में इसके दुरुपयोग का विरोध करते हैं.
लेकिन बिलावल यह नहीं बता पाए कि पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर क्यों कहते हैं कि हिन्दू-मुस्लिम एक नहीं हो सकते. बिलावल ने यह नहीं कहा कि आसिम मुनीर मुसलमानों को किसी आधार पर हिन्दुओं से अलहदा और बेहतर बता रहे थे.
बिलावल भुट्टो इस पर जवाब नहीं दिए कि संयुक्त राष्ट्र से आतंकी घोषित हाफिज सईद पाकिस्तान में किस आधार पर रहता आ रहा है.
गौरतलब है कि आसिम मुनीर के इस बयान के बाद ही पहलगाम में निर्दोष सैलानियों पर हमला हुआ था और आतंकियों ने धर्म पूछकर 26 लोगों की जान ली थी.
भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को सस्पेंड करने के बाद पाकिस्तान में कोहराम मचा है. पाकिस्तान अब इस मसले को अंतर्राष्ट्रीय फोरम पर बार बार उठा रहा है. अमेरिका पहुंचे बिलावल ने एक कार्यक्रम में कहा कि, "भारत द्वारा शहरी क्षेत्रों को निशाना बनाना और सिंधु जल संधि को निलंबित करना क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा है."
वहीं अमेरिका में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की मौजूदगी पर भारतीय प्रतिनिधिमंडल के चीफ शशि थरूर ने कहा कि वाशिंगटन में हम पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के मौजूद होने की दिलचस्प घटना देखेंगे, और लगभग बिल्कुल वही दिन... कल वे लगभग वाशिंगटन में होंगे, जबकि हम उसी तारीख को वाशिंगटन में होंगे. इसलिए शायद दिलचस्पी बढ़ेगी क्योंकि एक ही शहर में दो प्रतिस्पर्धी प्रतिनिधिमंडल हैं."
पाकिस्तान के आउटरीच प्रयासों पर टिप्पणी करते हुए थरूर ने कहा, "यह कोई संयोग नहीं है कि पाकिस्तानियों ने भी विदेश में एक प्रतिनिधिमंडल भेजा है, लेकिन वे उतने देशों में नहीं जा रहे हैं, जितने भारतीय प्रतिनिधिमंडल जा रहे हैं. वे उन कुछ प्रमुख राजधानियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जैसे वाशिंगटन, ब्रुसेल्स, लंदन. ऐसा लगता है कि पाकिस्तानी प्रयास का जोर इसी पर है. हम उन सभी राजधानियों और उससे भी ज़्यादा जगहों पर गए हैं."
ANI से बात करते हुए करते हुए थरूर ने कहा कि अमेरिकी मीडिया एक मुश्किल जगह है, लेकिन जो लोग आतंकवाद के खिलाफ हैं और दक्षिण पूर्व एशिया की गहरी चिंता करते हैं और आतंकवाद के खिलाफ हैं, वे भारत की बात सुनेंगे."
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