भारत ने चेनाब पर एक नए जलविद्युत प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है. पाकिस्तान से तनाव और सिंधु जल समझौते के निलंबन के बीच इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दिए जाने से पाकिस्तान बिलबिला उठा है. सोमवार को शहबाज शरीफ सरकार में सहयोगी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) की वरिष्ठ नेता और सांसद शेरी रहमान ने इसे 'पानी का हथियारीकरण' कहा है. रहमान ने कहा कि पाकिस्तान इस कदम को स्वीकार नहीं करेगा.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में शेरी रहमान ने लिखा, 'सिंधु जल संधि (IWT) का खुला उल्लंघन करते हुए भारत ने जम्मू-कश्मीर में चेनाब नदी पर दुलहस्ती स्टेज-II जलविद्युत प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है.'
पाकिस्तानी सांसद ने कहा कि सिंधु जल संधि को एकतरफा रूप से रद्द नहीं किया जा सकता. भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में यह संधि हुई थी जिसके तहत सिंधु, झेलम और चेनाब नदियों के जल पर पाकिस्तान को नियंत्रण मिला जबकि रावी, ब्यास और सतलुज नदियां भारत के हिस्से में आईं.
इसी साल 22 अप्रैल को पाकिस्तान स्पॉन्सर आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हमला कर 26 लोगों की हत्या कर दी थी. हमले में दर्जनों लोग घायल हुए थे. इस हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया था.
भारत ने साफ कहा था कि पानी और खून एकसाथ नहीं बह सकते और जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद पर लगाम नहीं लगाता संधि बहाल नहीं की जाएगी.
पाकिस्तान भारत के इस फैसले से बौखलाया हुआ है क्योंकि निलंबन की वजह से उसे नदियों का पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा. निलंबन की वजह से भारत पाकिस्तान के साथ डेटा शेयरिंग भी नहीं कर रहा जिससे पाकिस्तान को बाढ़, नदी में पानी की ज्यादती या कमी आदि की जानकारी नहीं मिल पा रही.
पाकिस्तान इस निलंबन को लेकर हर जगह रोना रो रहा है. इधर, भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने की ठान ली है और सिंधु बेसिन में कई हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स पर तेजी से आगे बढ़ रहा है.
शेरी रहमान ने कहा कि संधि को निलंबित करने के बाद भारत ने सावलकोट, रतले, बर्सार, पाकल दुल, क्वार, किरू और कीर्थाई-1 व 2 प्रोजेक्ट्स पर काम तेज किए हैं. उनके मुताबिक दुलहस्ती स्टेज-II को भी इसी स्ट्रेटजी का हिस्सा माना जा रहा है.
उन्होंने कहा, 'जल को हथियार बनाना जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय दबाव झेल रहे इस क्षेत्र में न तो समझदारी है और न ही स्वीकार्य. दोनों देशों के बीच पहले से ही दुश्मनी और भरोसे की कमी है. ऐसे में इस कदम से द्विपक्षीय संबंधों में तनाव और बढ़ेगा.'
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, भारत के पर्यावरण मंत्रालय के एक पैनल ने कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चेनाब नदी पर दुलहस्ती स्टेज-II हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है. 260 मेगावाट का यह प्रोजेक्ट उसी नदी पर 1,856 मेगावाट की सावलकोट हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने के दो महीने बाद आई है.
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