पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के चीफ इमरान खान सिफर केस (Imran Khan Cipher Case) में सजायाफ्ता हैं और अभी रावलपिंडी के अदियाला जेल में बंद हैं. उन्होंने कई मौकों पर यह आरोप लगाया है कि उनकी जान को खतरा है और उन्हें जेल में धीमा जहर (Slow Poison) दिया जा रहा है. इमरान खान की बेगम बुशरा बीबी भी अपने पति की जान को खतरा बता चुकी हैं. लेकिन पीटीआई चेयरमैन के निजी डॉक्टर उनके इस दावे से इत्तेफाक नहीं रखते.
इमरान खान के निजी चिकित्सक ने गुरुवार को कहा कि इस बात का कोई स्पष्ट संकेत नहीं है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री को जेल में 'धीमा जहर' दिया जा रहा है. डॉ. फैसल सुल्तान ने अदियाला जेल में 71 वर्षीय खान से मुलाकात के बाद यह टिप्पणी की. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, चिकित्सक ने संवाददाताओं से कहा कि इमरान खान का स्वास्थ्य और जेल में उन्हें दिया जा रहा आहार दोनों संतोषजनक थे और पूर्व प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर कोई शिकायत नहीं जताई.
इमरान के हेल्थ चेकअप में धीमा जहर की पुष्टि नहीं
डॉ. सुल्तान ने कहा, 'शायद उन्होंने (इमरान खान) पहले अपने स्वास्थ्य के बारे में कुछ चिंताएं व्यक्त की थीं और अब उन्हें गलत तरीके से पेश किया जा रहा है.' उन्होंने स्पष्ट किया कि इमरान खान की शारीरिक जांच में ऐसे कोई लक्षण नहीं पाए गए हैं, जिससे कहा जा सके की उन्हें स्लो-पॉइजन दिया जा रहा है. इस बीच, इमरान खान के वकील हामिद खान ने मीडिया को बताया कि पहले पीटीआई चेयरमैन पर हुए जानलेवा हमलों को देखते हुए पार्टी के नेता और समर्थक उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित थे.
उन्होंने दुख जताया कि अन्य राजनीतिक दलों के दोषी नेता स्टेट प्रोटोकॉल का आनंद ले रहे थे, जबकि इमरान खान को परेशानी और न्यायिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा था. इससे पहले, रावलपिंडी पुलिस ने 9 मई की हिंसा के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री खान का बयान उनके वरिष्ठ वकील की मौजूदगी में दर्ज किया था. बयान दर्ज होने के बाद डॉ. फैसल सुल्तान को जेल में बंद इमरान खान से मिलने और उनके शारीरिक परीक्षण करने की अनुमति दी गई. डॉक्टर की टिप्पणी इमरान खान के वकील शिराज अहमद रांझा द्वारा उन अटकलों का खंडन करने के एक दिन बाद आई है कि उन्हें जेल में धीरे-धीरे जहर दिया जा रहा है.
शाह महमूद कुरेशी की जेल में तबीयत हुई खराब
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक रांझा ने ऐसे सभी दावों का स्पष्ट रूप से खंडन किया और उन्हें निराधार बताया. इस बीच, एक विशेष अदालत ने गुरुवार को इमरान खान के सह-आरोपी और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी की हालत कथित तौर पर बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में स्थानांतरित करने की अनुमति दे दी. न्यायमूर्ति अबुल हसनत ज़ुल्कारनैन- ने कुरैशी और खान के खिलाफ सिफर मामले की सुनवाई करते हुए जेल अधिकारियों के अनुरोध पर अनुमति दी. जेल अधिकारियों ने न्यायाधीश को सूचित किया कि डॉक्टर की सिफारिश के अनुसार शाह महमूद कुरैशी को अस्पताल में स्थानांतरित करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
शाह महमूद कुरेशी के वकील तैमूर मलिक ने कहा कि 67 वर्षीय पूर्व विदेश मंत्री को तुरंत अस्पताल में स्थानांतरित नहीं किया जा रहा है, उन्होंने कहा कि एहतियात के तौर पर अनुमति ली गई है और अगर उनकी हालत बिगड़ती है तो उन्हें स्थानांतरित कर दिया जाएगा. पिछले साल मार्च में वाशिंगटन में पाकिस्तानी दूतावास द्वारा भेजे गए एक गुप्त राजनयिक केबल (सिफर) को सार्वजनिक करने के लिए इमरान खान के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद उन्हें अगस्त में गिरफ्तार किया गया था. पिछले महीने एक विशेष अदालत ने उन्हें और उनके करीबी सहयोगी कुरैशी को मामले में दोषी ठहराया था.
क्या है सिफर केस, जिसमें दोषी करार दिए गए इमरान?
मामला मार्च 2022 में वाशिंगटन में पाकिस्तान के दूतावास द्वारा भेजे गए एक दस्तावेज के बारे में है, जिसे इमरान खान ने एक राजनीतिक रैली में यह कहकर राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उपयोग करने की कोशिश की थी कि यह पिछले साल अप्रैल में उन्हें सत्ता से बेदखल करने की विदेशी साजिश का सबूत है. इमरान खान, जिन्होंने अगस्त 2018 से अप्रैल 2022 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया, पर सिफर की सामग्री का दुरुपयोग करके यह नैरेटिव गढ़ने का आरोप है कि उनकी सरकार को अमेरिका द्वारा रची गई साजिश के कारण अपदस्थ दिया गया था. वाशिंगटन ने इस आरोप से इनकार किया था. खान और कुरैशी ने आरोपों पर खुद को निर्दोष बताया.
अविश्वास मत के जरिए अपदस्थ हुई इमरान खान सरकार
पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (FIA) ने 30 सितंबर को इमरान खान और शाह महमूद कुरेशी के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया, जिन्होंने इसकी प्रतियों पर हस्ताक्षर किए. एफआईए ने आरोप पत्र में आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की धारा 5 और 9 को शामिल किया है, जिसके तहत दोषी पाए जाने पर मौत की सजा या दो से 14 साल की कैद हो सकती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस साल अप्रैल में पाकिस्तान के संयुक्त विपक्ष ने नेशनल असेंबली में अविश्वास मत के जरिए इमरान खान सरकार को अपदस्थ कर दिया था.
सत्ता से बाहर होने के बाद इमरान खान पर 150 मुकदमे
इस साल 5 अगस्त को इस्लामाबाद की एक अदालत द्वारा तोशाखाना मामले में 3 साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें जेल में डाल दिया गया था. पीटीआई प्रमुख को अटक जिला जेल में रखा गया था. बाद में, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने उनकी सजा को निलंबित कर दिया था, लेकिन फिर उन्हें सिफर मामले में गिरफ्तार कर लिया गया और वह ज्यूडिशियल रिमांड पर अटक जेल में रहे. बाद में उन्हें अदियाला जेल में स्थानांतरित कर दिया गया. पिछले साल अप्रैल में सत्ता से बाहर होने के बाद से इमरान खान के खिलाफ 150 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं.
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