डोेनाल्ड ट्रंप की भारत समेत ब्रिक्स देशों को धमकी के बाद क्या बोले विदेश मंत्री जयशंकर

डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को धमकी दी थी कि अगर वो अपनी नई करेंसी शुरू करते हैं तो उन्हें 100% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा. ट्रंप की इस धमकी से जुड़ीं चिंताओं को लेकर जयशंकर ने एक बयान दिया है.

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एस जयशंकर ने डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वाली धमकी पर टिप्पणी की है (Photo- Reuters) एस जयशंकर ने डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वाली धमकी पर टिप्पणी की है (Photo- Reuters)

गीता मोहन

  • नई दिल्ली,
  • 02 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:33 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपना दूसरा कार्यकाल शुरू होने से पहले ही टैरिफ को लेकर दुनिया के देशों को धमकाना शुरू कर दिया है. ट्रंप ने कहा है कि अगर BRICS (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, साऊथ अफ्रीका जैसे विकासशील देशों का समूह) देशों ने अमेरिकी डॉलर को रिप्लेस करने की कोशिश की तो उन पर 100% टैरिफ लगाया जाएगा. ट्रंप की इस धमकी के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान सामने आया है. 

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सीआईआई पार्टनरशिप समिट में विदेश मंत्री ने सधे हुए लहजे में कहा, 'ट्रंप के दूसरे कार्यकाल को लेकर व्यापारिक हलकों में बातें चल रही हैं और मुझे हैरानी नहीं कि इस पर बहस हो रही है. अलग-अलग देशों को ट्रंप के पहले प्रशासन से अलग-अलग अनुभव हुए हैं और संभवतः दूसरे प्रशासन से संबंध बनाने के लिए वो देश पिछले संबंधों को ही देखेंगे. मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि भारत के लिए अमेरिका के साथ रणनीतिक मेलजोल समय के साथ और भी गहरा हुआ है, उन्होंने एक ऐसा वातावरण बनाया है जिसमें अधिक सहयोग का पता लगाया जा सकता है.'

जयशंकर ने आगे कहा, 'स्वाभाविक रूप से दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच, हमेशा कुछ देना और लेना होगा. जब हम आर्थिक या प्रौद्योगिकी डोमेन को देखते हैं, तो हाल के सालों में भारत-अमेरिका के बीच विश्वसनीय और भरोसेमंद साझेदारी बढ़ी है. इसलिए आगे जो कुछ भी है, वो पारस्परिक रूप से लाभकारी होगा. और इस संबंध में, भारत जितना अधिक योगदान दे सकता है, हमारी अपील उतनी ही मजबूत होगी.'

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टैरिफ को लेकर ट्रंप ने क्या कहा था?

डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया साइट ट्रूथ पर ब्रिक्स देशों को चेतावनी देते हुए कहा, 'यह सोचना कि ब्रिक्स देश डॉलर से दूर जाने की कोशिश कर रहे हैं और हम मूकदर्शक बने देखते रहेंगे, अब खत्म हो चुका है. हमें इन देशों से यह वादा चाहिए कि वे न तो नई ब्रिक्स करेंसी बनाएंगे, न ही शक्तिशाली अमेरिकी डॉलर की जगह किसी अन्य करेंसी का समर्थन करेंगे वरना उन्हें 100% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा. उन्हें अपना सामान अमेरिका में बेचना छोड़ना पड़ेगा.'

उन्होंने आगे कहा, 'वो कोई दूसरा मूर्ख ढूंढ सकते हैं! इस बात की कोई संभावना नहीं है कि ब्रिक्स अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अमेरिकी डॉलर की जगह ले लेगा, और जो भी देश ऐसा करने की कोशिश करेगा, उसे अमेरिका को अलविदा कह देना चाहिए.'

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