चीन ने ताइवान की ओर दागे रॉकेट... अब तक की सबसे बड़ी ड्रिल, द्वीप को घेरने की तैयारी

चीन ने ताइवान के चारों ओर रॉकेट, एम्फीबियस असॉल्ट शिप्स, बमवर्षक विमान और युद्धपोत तैनात कर अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास शुरू किया है, जिसे ताइवान की नाकाबंदी की तैयारी माना जा रहा है. ‘जस्टिस मिशन 2025’ नाम के इस अभ्यास में ईस्टर्न थिएटर कमांड के तहत समुद्र और हवाई क्षेत्र में लाइव फायरिंग, समुद्री व हवाई लक्ष्यों पर हमले और पनडुब्बी रोधी अभियानों का अभ्यास किया जा रहा है.

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चीन ने ताइवान के चारों ओर सबसे बड़े सैन्य अभ्यास के तहत रॉकेट दागे और युद्धपोत तैनात किए हैं. (Photo: Reuters) चीन ने ताइवान के चारों ओर सबसे बड़े सैन्य अभ्यास के तहत रॉकेट दागे और युद्धपोत तैनात किए हैं. (Photo: Reuters)

aajtak.in

  • बीजिंग,
  • 30 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:21 PM IST

चीन ने मंगलवार को ताइवान की ओर रॉकेट दागे और नए एम्फीबियस असॉल्ट शिप्स, बमवर्षक विमानों और युद्धपोतों की तैनाती कर द्वीप को चारों तरफ से घेरने का अभ्यास किया. यह चीन के अब तक के सबसे बड़े सैन्य अभ्यास का दूसरा दिन है, जिसका मकसद ताइवान की नाकाबंदी की तैयारी करना बताया जा रहा है. 

अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास
 
चीन के ईस्टर्न थिएटर कमांड ने कहा, 'ताइवान के आसपास और चीनी तट के पास पांच इलाकों में समुद्र और हवाई क्षेत्र में शाम 6 बजे तक लाइव फायरिंग की जाएगी, जबकि नौसेना और वायुसेना की इकाइयां ताइवान के उत्तर और दक्षिण में समुद्री और हवाई लक्ष्यों पर हमले के साथ-साथ पनडुब्बी रोधी अभियानों का अभ्यास कर रही हैं.'

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'जस्टिस मिशन 2025' नाम से चल रहे ये अभ्यास अमेरिका की ओर से ताइवान को 11.1 अरब डॉलर के हथियार पैकेज के ऐलान के 11 दिन बाद शुरू हुए हैं. ये अभ्यास दायरे और ताइवान के बेहद करीब होने के लिहाज से अब तक के सबसे बड़े माने जा रहे हैं. 

हालात पर नजर बनाए हुए है ताइवान

ताइवान के एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि सरकार इस बात पर नजर रखे हुए है कि क्या चीन, 2022 की तरह इस बार भी ताइवान के ऊपर से मिसाइलें दागता है. उन्होंने कहा कि चीन इन अभ्यासों के जरिए जमीन पर मौजूद लक्ष्यों को निशाना बनाने की तैयारी कर रहा है, जिनमें अमेरिकी निर्मित लंबी दूरी की रॉकेट प्रणाली (HIMARS) भी शामिल है.

'सैनिक तैयार लेकिन हालात भड़काने की मंशा नहीं'

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ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने कहा कि चीन का यह कदम एक जिम्मेदार वैश्विक शक्ति के लिहाज से उचित नहीं है. उन्होंने साफ किया कि ताइवान के अग्रिम मोर्चों पर तैनात सैनिक पूरी तरह तैयार हैं, लेकिन ताइपे हालात को और भड़काना नहीं चाहता. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि मंगलवार सुबह उत्तर दिशा में फायरिंग हुई और उसका मलबा 24 समुद्री मील के सटे क्षेत्र में गिरा.

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