दो घंटे का सफर, अब सिर्फ दो मिनट में... क्यों खास है चीन में बना दुनिया का सबसे ऊंचा ब्रिज, VIDEO

चीन ने गुइझोउ में हुआजियांग ग्रैंड कैन्यन ब्रिज खोल दिया है, जिससे घाटी पार करने का समय दो घंटे से घटकर सिर्फ़ दो मिनट रह गया है. यह ब्रिज ज़मीन से 625 मीटर ऊंचा है और अब दुनिया का सबसे ऊंचा पुल है. तीन साल से ज़्यादा समय में बनकर तैयार हुआ यह पुल घाटी में 1,420 मीटर तक फैला है.

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एडवांस टेक्नोलॉजी की मिसाल है चीन का हुआजियांग ग्रैंड कैन्यन ब्रिज (Photo: X/Good View Hunting) एडवांस टेक्नोलॉजी की मिसाल है चीन का हुआजियांग ग्रैंड कैन्यन ब्रिज (Photo: X/Good View Hunting)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:36 PM IST

चीन में पहले जो सफर तय करने में दो घंटे का वक्त लगता था, अब हुआजियांग ग्रैंड कैन्यन ब्रिज के खुलने से यह घटकर सिर्फ दो मिनट का रह गया है. चीन ने गुइझोऊ में दुनिया के सबसे ऊंचे पुल का उद्घाटन किया है. जमीन से 625 मीटर ऊंचा यह पुल तीन साल में बनकर तैयार हुआ है. इसकी लंबाई 1,420 मीटर है और इसमें एडवांस इंजीनियरिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है.

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क्षेत्रीय संपर्क के लिए काफी अहम

मैगी नूडल्स को भी पकने में दो मिनट का समय लगता है. इसी तरह चीन के नवनिर्मित पुल को पार करने में भी करीब इतना ही वक्त लगेगा, जिस दूरी को पहले दो घंटे में तय किया जाता था. ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कियानक्सिनन बुई, मियाओ स्वायत्त प्रांत और गुइझोऊ के अंशुन शहर के बीच की सीमा पर बने हुआजियांग ग्रैंड कैन्यन ब्रिज ने दोनों छोर के बीच यात्रा का समय दो घंटे से घटाकर दो मिनट कर दिया है. इससे क्षेत्रीय संपर्क में सुधार होगा और आर्थिक-सामाजिक विकास को बढ़ावा मिलेगा.

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प्रांतीय परिवहन विभाग के प्रमुख झांग यिन ने कहा, 'हुआजियांग ग्रैंड कैनियन ब्रिज के खुलने से दोनों कोने के बीच यात्रा का समय दो घंटे से घटकर दो मिनट रह गया है. उन्होंने कहा कि इस पुल के खुलने से क्षेत्रीय परिवहन की स्थिति में सुधार होगा और क्षेत्रीय आर्थिक- सामाजिक विकास को नई गति मिलेगी.

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दुनिया के सबसे ऊंचे पुल का रिकॉर्ड

हुआजियांग ग्रैंड कैन्यन ब्रिज 190 किलोमीटर लंबे शांतियन-पुक्सी एक्सप्रेसवे का एक हिस्सा है, जिसे दक्षिण-पश्चिमी चीन में क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के दक्षिणी पहाड़ी प्रांत गुइझोऊ में एक नदी और गहरी घाटी से 625 मीटर ऊपर बने इस पुल ने दुनिया का सबसे ऊंचा पुल होने का खिताब हासिल कर लिया है. इसने पास के बेइपानजियांग ब्रिज को पीछे छोड़ दिया है, जो 565 मीटर ऊंचा है और अब दूसरे स्थान पर है.

किसी भी पहाड़ी इलाके में सबसे बड़ा ब्रिज

रिपोर्टों के अनुसार, चार लेन वाले इस पुल ने अब विश्व के सबसे ऊंचे पुल और पहाड़ी क्षेत्र में बने सबसे बड़े पुल का रिकॉर्ड स्थापित कर दिया है, जिसकी कुल लंबाई 2,890 मीटर है. सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, विश्व के 100 सबसे ऊंचे पुलों में से करीब 50 इसी प्रांत में स्थित हैं.

चीन के ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार सुबह स्थानीय अधिकारी और विभिन्न जातीय समूहों के निवासी हुआजियांग ग्रैंड कैन्यन ब्रिज के उद्घाटन समारोह के लिए वहां और उसके आसपास जमा हुए. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इसी साल अगस्त में एक टेस्टिंग टीम ने पुल की मजबूती का परीक्षण करने के लिए 96 ट्रकों को निर्धारित स्थानों पर पहुंचाया था.

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एफिल टॉवर से भी भारी स्ट्रक्चर

शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, हुआजियांग ग्रैंड कैन्यन ब्रिज के निर्माण में तीन साल से ज़्यादा का समय लगा. 1,420 मीटर लंबे मुख्य पुल के साथ, इसे किसी भी पहाड़ी क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा पुल बताया जा रहा है.

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के साइंस एंड टेक डेली के मुताबिक मुख्य पुल को 93 स्टील ट्रस सेक्शन से बनाया गया है, जिसका वजन करीब 22,000 टन है, जो एफिल टॉवर के वजन का तीन गुना है. हुआजियांग ग्रैंड कैन्यन ब्रिज प्रोजेक्ट को 21 पेटेंट भी हासिल हुए हैं.

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साइंस एंड टेक्नोलॉजी डेली के अनुसार, हालिया तकनीकी विकास ने प्रमुख पुलों के निर्माण की समय-सीमा को कम कर दिया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि नए पुल में डॉपलर लिडार डिटेक्शन, बेईडू डायनेमिक पोजिशनिंग, डिजिटल असेंबली और इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम जैसे एडवांस डिवाइस शामिल किए गए हैं.

झांग यिन ने बताया कि पुल के निर्माण के लिए इंजीनियरों को तेज हवाओं और चुनौतीपूर्ण भूभाग से पैदा होने वाली कठिनाइयों से निपटने की जरूरत थी. उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट को 21 ऑफिशियल पेटेंट हासिल हुए हैं और इसकी कुछ तकनीकी प्रगति को भविष्य की निर्माण परियोजनाओं के लिए राष्ट्रीय मानकों में शामिल किया गया है. इसमें हवा-रोधी डिजाइन और उच्च ऊंचाई पर निर्माण जैसे क्षेत्र शामिल हैं.

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