'नए बांग्लादेश में...', ईशनिंदा के आरोप में हिंदू युवक की बेरहमी से हत्या पर बोली यूनुस सरकार

बांग्लादेश में एक हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की कथित ईशनिंदा के आरोप में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. यह घटना छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद भड़की हिंसा के बीच हुई. यूनुस की अंतरिम सरकार ने इस जघन्य अपराध की कड़ी निंदा की और कहा कि नए बांग्लादेश में इस तरह की हिंसा की कोई जगह नहीं है.

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बांग्लादेश में हिंदू युवक की मॉब लिंचिंग कर दी गई है (File Photo) बांग्लादेश में हिंदू युवक की मॉब लिंचिंग कर दी गई है (File Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:24 PM IST

बांग्लादेश की सड़कों पर एक बार फिर खूनी खेल हो रहा है. मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार हिंसा को रोकने में नाकाम रही है. इसी बीच कथित ईशनिंदा के आरोप में एक हिंदू युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. अब यूनुस की सरकार ने दिखावे की संवेदना जताते हुए हिंदू युवक की हत्या की कड़ी निंदा की है.

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हिंदू युवक के हत्या की यह घटना एक छात्र नेता की मौत के बाद भड़के ताजा हिंसक प्रदर्शनों के बीच हुई. इस हत्या को लेकर यूनुस की सरकार ने कहा है कि 'नए बांग्लादेश में इस तरह की हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है.' यूनुस सरकार ने कहा है कि इस जघन्य अपराध में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा.

मृतक की पहचान दीपू चंद्र दास के रूप में हुई है, जो कपड़े की एक फैक्ट्री में काम करता था. युवक एक युवा गारमेंट फैक्ट्री कर्मी था और भालुका उपजिला के दुबलिया पाड़ा इलाके में किराए पर रहता था. पुलिस के अनुसार, स्थानीय लोगों के एक समूह ने उस पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया और गुरुवार रात करीब 9 बजे उस पर हमला कर दिया.

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इस भीड़ हत्या पर यूनुस की सरकार ने बयान जारी कर कहा, 'मायमनसिंह में एक हिंदू युवक की पिटाई और हत्या की घटना की हम कड़ी निंदा करते हैं. नए बांग्लादेश में इस तरह की हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. इस क्रूर अपराध में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा.'

'ऐसी घटनाओं को अलग-थलग पड़े आतंकवादी समूह दे रहे अंजाम'

अंतरिम सरकार ने नागरिकों से सभी तरह की हिंसा के खिलाफ सतर्क रहने की अपील की और कहा कि यह घटनाएं कुछ 'अलग-थलग पड़े आतंकवादी समूह' अंजाम दे रहे हैं. बयान में हिंसा, डर फैलाने, आगजनी और तोड़-फोड़ की निंदा की गई.

यूनुस सरकार ने कहा, 'हम हिंसा, डर फैलाने, आगजनी और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाली सभी गतिविधियों की कड़ी और बिना किसी शर्त के निंदा करते हैं.' 

साथ ही चेतावनी दी कि बांग्लादेश इस समय एक ऐतिहासिक लोकतांत्रिक परिवर्तन के निर्णायक दौर से गुजर रहा है और अराजकता फैलाने की कोशिशों को शांति की राह से भटकने नहीं दिया जाएगा.

छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद भड़की है हिंसा

बांग्लादेश में इंकलाब मंच के छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की गोली मारकर हत्या कर दी गई है जिसके बाद से बांग्लादेश एक बार फिर हिंसा की चपेट में है. इसी बीच हिंदू युवक के लिंचिंग की खबर आई है. हादी जुलाई 2024 के छात्र आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले नेता थे जो शेख हसीना और भारत-विरोधी रुख के लिए जाने जाते थे. बयान में कहा गया कि हादी के बलिदान का सम्मान करने के लिए बांग्लादेश के लोगों को संयम, जिम्मेदारी से काम लेना चाहिए और नफरत व हिंसा से बचना चाहिए.

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यूनुस प्रशासन ने 'The Daily Star' 'Prothom Alo' और 'New Age' के पत्रकारों के साथ एकजुटता भी जताई, जिनके दफ्तरों और कर्मचारियों पर  गुरुवार को हमले हुए.

बयान में कहा गया, 'द डेली स्टार, प्रोथोम आलो और न्यू एज के पत्रकारों से हम कहना चाहते हैं कि हम आपके साथ हैं. आपको जिस आतंक और हिंसा का सामना करना पड़ा, उसके लिए हम माफी मांगते हैं. पत्रकारों पर हमला सच पर हमला है. हम आपको पूर्ण न्याय का भरोसा दिलाते हैं.'

शुक्रवार रात बांग्लादेश लाया जाएगा हादी का पार्थिव शरीर

बांग्लादेश में फरवरी 2024 में आम चुनाव होने हैं और चुनाव से महज दो महीने पहले बांग्लादेश भारी उथल-पुथल में घिर गया है. 12 दिसंबर को अज्ञात हमलावरों ने हादी को गोली मारी थी जिसके बाद सिंगापुर में उसका इलाज चल रहा था. गुरुवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई जिसके बाद उसके हजारों समर्थक सड़क पर उतर आए और भारी हिंसा की. हादी का पार्थिव शरीर आज रात बांग्लादेश लाया जाएगा.

बांग्लादेश की हिंसा में भारत विरोधी रुख अपनाया है और प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि हादी के हत्यारे भारत भाग गए हैं. इसी बेबुनियाद आरोप पर इस्लामिक कट्टरपंथियों ने ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग को बंद करने की मांग तक कर डाली है.

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