
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद भारत में जहां चिंता बढ़ी है, वहीं पाकिस्तान के अंदर भी सियासी तापमान चढ़ता दिख रहा है. इस्लामाबाद में प्रवासी पाकिस्तानियों के एक कार्यक्रम में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने बलोच अलगाववादियों को धमकाते हुए कहा, “बलूचिस्तान पाकिस्तान के माथे का झूमर है, अगली 10 नस्लें भी इसे अलग नहीं कर पाएंगी.”
बलूच नेता अख्तर मेंगल का तीखा जवाब
लेकिन बलूचिस्तान नेशनल पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अख्तर मेंगल ने इस बयान का जोरदार और तीखा जवाब दिया है.
1971 की हार को मत भूलो
मेंगल ने कहा, “पाकिस्तानी सेना को 1971 की शर्मनाक हार और 90,000 सैनिकों के समर्पण को कभी नहीं भूलना चाहिए. सिर्फ उनके हथियार नहीं, उनकी पतलूनें भी आज तक वहीं टंगी हैं.”
उन्होंने कहा कि सेना बलोचों को 10 पीढ़ियों तक सज़ा देने की बात कर रही है, लेकिन सवाल ये है कि पाक सेना की कितनी पीढ़ियां बंगालियों से मिली उस ऐतिहासिक हार को याद रखती हैं?
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75 साल से हम जुल्म झेल रहे हैं
अख्तर मेंगल ने आगे कहा कि बलोच जनता पिछले 75 वर्षों से पाकिस्तानी सेना और हुकूमत के जुल्मों को झेल रही है. “हम वो लोग हैं जो तुम्हारे हर जुर्म को याद रखते हैं, और हम तुम्हारी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं.”
पाकिस्तान की सत्ता को खुली चेतावनी
अख्तर मेंगल की यह प्रतिक्रिया सिर्फ एक राजनीतिक टिप्पणी नहीं, बल्कि पाकिस्तान के अंदरूनी फूट और सेना के दमनकारी रवैये की परतें उघाड़ने वाली है. ऐसे वक्त में जब भारत में आतंकी हमलों को लेकर पाकिस्तान पर उंगलियां उठ रही हैं, तब बलोच नेता की यह चेतावनी पाकिस्तानी सत्ता के लिए एक गहरी चुनौती बनकर उभरी है.
सुबोध कुमार