बलूच आर्मी का पाकिस्तान के 29 सैनिकों को मारने का दावा, फिर कहा- आजादी तक PAK की सेना कीमत चुकाएगी

क्वेटा में बीएलए की स्पेशल यूनिट फतह स्क्वाड ने पाकिस्तानी सैन्यकर्मियों को ले जा रही बस को निशाना बनाकर IED अटैक किया. बलूच लिबरेशन आर्मी ने यह हमला अपनी इंटेलिजेंस इकाई ZIRAB के खुफिया इनपुट के बाद किया. 

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बीएलए लंबे समय से बलूचिस्तान की आजादी की जंग लड़ रही है. (Photo: X/@Natsecjeff) बीएलए लंबे समय से बलूचिस्तान की आजादी की जंग लड़ रही है. (Photo: X/@Natsecjeff)

अरविंद ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 17 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 11:24 AM IST

बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) का दावा है कि उन्होंने कलात और क्वेटा में दो अलग-अलग ऑपरेशन में पाकिस्तान के 29 सुरक्षाबलों को मार गिराया है. बीएलए ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ इस जंग को बदस्तूर जारी रखने की भी बात कही है. 

बलूच लिबरेशन आर्मी ने बयान जारी कर बताया कि क्वेटा में बीएलए की स्पेशल यूनिट फतह स्क्वाड ने पाकिस्तानी सैन्यकर्मियों को ले जा रही बस को निशाना बनाकर IED अटैक किया. बलूच लिबरेशन आर्मी ने यह हमला अपनी इंटेलिजेंस इकाई ZIRAB के खुफिया इनपुट के बाद किया.

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ZIRAB पाकिस्तानी सैन्यकर्मियों को लेकर जा रही बस को लगातार मॉनिटर कर रहा था. यह बस पाकिस्तानी सैन्यकर्मियों को कराची से क्वेटा लेकर जा रही थी. इस हमले में 27 पाकिस्तानी सैन्यकर्मियों को मौके पर ही ढेर कर दिया गया जबकि कई गंभीर रूप से घायल हो गए. इस बस में कव्वाली गायक भी थे. 

बीएलए ने कहा कि ये कव्वाली कलाकार हमारे निशाने पर नहीं थे इसलिए इन्हें हाथ तक नहीं लगाया गया. इस बीच बीएलए ने कलात के हजार गांजी इलाके में एक और IED अटैक किया. यह हमला भी पाकिस्तानी सेना के वाहन को निशाना बनाकर किया गया. इस हमले में दो सैनिकों को मार गिराया गया. कलात में बीएलए के ऑपरेशन में पाकिस्तानी सेना से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी बड़ा नुकसान पहुंचा.

बलूच लिबरेशन आर्मी ने इन हमलों की जिम्मेदारी लेते हुए कहा है कि पाकिस्तानी सेना के खिलाफ हमारी जंग जारी तब तक जारी रहेगी, जब तक बलूचिस्तान को आजाद नहीं करा लिया जाता और तब तक पाकिस्तान की सेना इसकी कीमत चुकाएगी.

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इससे पहले बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के लड़ाकों ने 11 मार्च को क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया था. इस दौरान ट्रेन में 440 यात्री सवार थे. लड़ाकों ने अपनी मांग मंगवाने के लिए पाकिस्तान सरकार पर दबाव बना रही थी. इस घटना में लड़ाकों ने 26 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था, जिसमें 18 सुरक्षाकर्मी भी शामिल थे.

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