अमेरिका में चीनी छात्रों के लिए बढ़ेंगी मुश्किलें! मार्को रूबियो ने वीजा रद्द करने की दी धमकी

व्हाइट हाउस ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बात करते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विदेशी छात्रों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, "हम शॉपिंग सेंटरों में विस्फोट नहीं देखना चाहते हैं. हम आपके द्वारा किए गए दंगों की तरह नहीं देखना चाहते हैं."

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अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 मई 2025,
  • अपडेटेड 8:57 AM IST

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बुधवार को कहा कि अमेरिकी सरकार चीनी छात्रों के वीज़ा रद्द करना शुरू कर देगी, जिनमें क्रिटिकल फील्ड में स्टडी करने वाले या चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े छात्र भी शामिल हैं. भारत के बाद, चीन अमेरिका में इंटरनेशनल स्टूडेंट्स का दूसरा सबसे बड़ा सोर्स है. 2023-2024 के शैक्षणिक वर्ष के लिए, चीन से 270,000 से करीब छात्र अमेरिका में पढ़ाई कर रहे थे, जो सभी विदेशी छात्रों का करीब एक-चौथाई हिस्सा था.

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रुबियो ने एक बयान में कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व में, अमेरिकी विदेश विभाग, होमलैंड सुरक्षा विभाग के साथ मिलकर चीनी स्टूडेंट्स के लिए वीजा को आक्रामक तरीके से रद्द करने के लिए काम करेगा, जिनमें चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से संबंध रखने वाले या क्रिटिकल फील्ड में स्टडी करने वाले छात्र भी शामिल होंगे."

यह कदम अमेरिकी विश्वविद्यालयों पर चीन के साथ अपने संबंध खत्म करने के बढ़ते दबाव की प्रतिक्रिया है. हाउस रिपब्लिकन ने हाल ही में ड्यूक यूनिवर्सिटी से चीनी विश्वविद्यालय के साथ संबंध खत्म करने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि इस सहयोग से चीनी स्टूडेंट्स को अमेरिका द्वारा वित्तपोषित महत्वपूर्ण शोध तक पहुंच प्राप्त हुई है.

डोनाल्ड ट्रंप बनाम हार्वर्ड

होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (DHS) ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को नए इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को दाखिला देने से अस्थायी रूप से रोक दिया है. स्कूल पर शोध साझेदारी के जरिए 'चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ समन्वय' करने का आरोप लगाया है. DHS ने हार्वर्ड पर एक चीनी अर्धसैनिक समूह के सदस्यों को प्रशिक्षण देने का भी आरोप लगाया है.

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रुबियो का यह ऐलान सरकार द्वारा आवेदकों की कड़ी जांच की प्रत्याशा में नए अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए वीजा इंटरव्यू को रोकने के एक दिन बाद आई है.

इस बीच, व्हाइट हाउस ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बात करते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विदेशी छात्रों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, "हम शॉपिंग सेंटरों में विस्फोट नहीं देखना चाहते हैं. हम आपके द्वारा किए गए दंगों की तरह नहीं देखना चाहते हैं और मैं आपको बताता हूं कि उनमें से कई छात्र कहीं नहीं गए, उनमें से कई छात्र कट्टरपंथी वामपंथियों द्वारा पैदा किए गए उपद्रवी थे."

ट्रंप प्रशासन द्वारा इंटरनेशनल स्टूडेंट्स पर बैन लगाने की कार्रवाई विवाद के केंद्र में रही है. अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन ने इस साल की शुरुआत में विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने वाले छात्रों को गिरफ्तार किया और उन्हें निर्वासित करने का प्रयास किया. प्रशासन ने छात्र वीजा पर नियमों को बदलने से पहले हजारों अंतरराष्ट्रीय छात्रों की कानूनी स्थिति को अस्थायी रूप से रद्द कर दिया.

हार्वर्ड इस विवाद के केंद्र में है. विश्वविद्यालय में 27 फीसदी से ज्यादा इंटरनेशनल स्टूडेंट हैं. ट्रंप ने कहा कि प्रतिशत को घटाकर 15 फीसदी किया जाना चाहिए. उन्होंने ओवल ऑफिस में कहा, "मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि विदेशी छात्र ऐसे लोग हों जो हमारे देश से प्यार कर सकें."

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यह भी पढ़ें: क्या US वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं, एडमिशन मिल गया तो...? ट्रंप के फैसले के बीच एक्सपर्ट्स से जानें अहम सवालों के जवाब

वीजा के लिए सख्त नियम

अमेरिकी सरकार वीजा आवेदकों के सोशल मीडिया अकाउंट की भी जांच करेगी. साल 2019 से वीजा आवेदकों के लिए सोशल मीडिया हैंडल जरूरी कर दिए गए हैं, लेकिन रुबियो ने कहा कि खासकर चीन और हांगकांग के लोगों के लिए नए नियमों से जांच बढ़ेगी.

ट्रंप प्रशासन ने विश्वविद्यालय को दिए जाने वाले 2.2 बिलियन डॉलर के संघीय वित्त पोषण को रोक दिया. फिर इसने हार्वर्ड की इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को एडमिशन देने की क्षमता को रोक दिया. ये कदम हार्वर्ड द्वारा विदेशी छात्रों के बारे में जानकारी साझा करने और परिसर में यहूदी विरोधी घटनाओं को संबोधित करने से इनकार करने के बाद उठाए गए. जवाब में, हार्वर्ड ने प्रशासन पर उसके कार्यों के लिए मुकदमा दायर किया है.

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