पाकिस्तान से बात क्यों नहीं कर रहा भारत? PAK पत्रकार के सवाल पर अमेरिका ने दिया ये जवाब

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच चले आ रहे संघर्षों को हल करने के लिए हम रचनात्मक बाचतीत और सार्थक कूटनीति का समर्थन करते हैं. एक पार्टनर देश के रूप हम उस प्रक्रिया का समर्थन करने के लिए तैयार हैं जो उन्हें उचित लगे. लेकिन यह निर्णय भारत और पाकिस्तान को स्वंय लेने होंगे.

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अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस (फोटो-रॉयटर्स) अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस (फोटो-रॉयटर्स)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 1:44 PM IST

अमेरिका ने गुरुवार को जोर देते हुए कहा है कि भारत उसका वैश्विक रणनीतिक साझेदार है और वह भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चले आ रहे विवादों को हल करने के लिए रचनात्मक बातचीत का समर्थन करता है. हालांकि, अमेरिका ने साफ कर दिया है कि यह फैसला दोनों पड़ोसी देशों को खुद लेना है. 

अमेरिका की ओर से यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान ने भारत में हो रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के मुख्य न्यायाधीशों की बैठक में आने से इनकार कर दिया है. यह बैठक 10 से 12 मार्च तक नई दिल्ली में होगी. 

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अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कही ये बात 

पाकिस्तानी न्यूज चैनल ARY News के पत्रकार जहांजैब अली ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस से पूछा, "पाकिस्तान ने कई बार भारत के साथ शांति वार्ता करने की पेशकश की है. लेकिन भारत सरकार इससे बचने की कोशिश करती है. इसलिए जब आप (नेड प्राइस) भारतीय अधिकारियों के साथ बातचीत करते हैं तो वे क्या कारण बताते हैं? भारत लंबित मुद्दों पर पाकिस्तान से क्यों बात नहीं करना चाहता है?

इस पर जवाब देते हुए नेड प्राइस ने कहा, "मैं उस मैसेज पर बात करूंगा जो हमने भारत और पाकिस्तान दोनों को भेजा है. हम रचनात्मक बातचीत का समर्थन करते हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच चले रहे आ रहे पुराने विवादों को हल करने के लिए हम कूटनीति का समर्थन करते हैं. हम दोनों देशों के साथ साझेदारी रखते हैं. एक पार्टनर देश के रूप हम उस प्रक्रिया का समर्थन करने के लिए तैयार हैं जो उन्हें उचित लगे. लेकिन अंततः यह निर्णय भारत और पाकिस्तान को खुद लेने होंगे."

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अगले सवाल के तौर पर पाकिस्तानी पत्रकार ने पूछा, "विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका के पास दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने की शक्ति और अधिकार है, तो आप मध्यस्थता क्यों नहीं करते?

इस पर जवाब देते हुए प्राइस ने कहा, "क्योंकि ये फैसले देश खुद लेते हैं. अगर वे अमेरिका की किसी विशेष भूमिका के लिए सहमत होते हैं, तो अमेरिका दोनों देशों के सहयोगी के तौर पर उस प्रक्रिया का समर्थन करने के लिए तैयार है जो वह जिम्मेदारी के साथ कर सकता है. लेकिन अमेरिका ये फैसला नहीं कर सकता है कि भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे से किस तरह से बातचीत करें. हम जो कर सकते हैं, वो है रचनात्मक बातचीत का समर्थन. हम लंबे समय से चले आ रहे संघर्षों को हल करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच रचनात्मक बातचीत और सार्थक कूटनीति का समर्थन करते हैं."

SCO सदस्य देशों के मुख्य न्यायाधीशों की बैठक में पाकिस्तान ने आने से किया इनकार 

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर से बार-बार बातचीत की गुहार लगाने के बाद भारत ने एससीओ समिट की बैठक में भाग लेने के लिए पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को निमंत्रण भेजा था. लेकिन 10 से 12 मार्च को नई दिल्ली में हो रहे न्यायाधीशों की बैठक में पाकिस्तान ने आने से इनकार कर दिया है. पाकिस्तान एक मात्र ऐसा देश है, जो भारत में हो रहे एससीओ मुख्य न्यायाधीश की बैठक में भाग नहीं लेगा. 

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पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने बयान जारी करते हुए कहा है कि एससीओ के सक्रिय सदस्यों में से एक रूप में पाकिस्तान नियमित रूप से एससीओ की सभी गतिविधियों में भाग लेता है और उनके परिणामों में अपना रचनात्मक योगदान देता है.

पाकिस्तान ने खेद प्रकट करते हुए कहा है कि न्यायाधीशों की निर्धारित बैठक की तारीखों पर अपनी अपरिहार्य प्रतिबद्धताओं के कारण पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीशों की एससीओ बैठक में भाग नहीं ले पाएंगे. 

 

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