अमेरिका में सरकारी कामकाज पर लगा ताला, 7.5 लाख कर्मचारी प्रभावित, 3 लाख की नौकरी पर लटकी तलवार

फंडिंग डील पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट्स की खींचतान से प्रशासन का कामकाज ठप है. हवाई यात्रा, रिसर्च और सैनिकों का वेतन रुका, रोजाना 400 मिलियन डॉलर का नुकसान हो रहा है. राजनीतिक गतिरोध 2026 मिड-टर्म चुनावों पर गहरा असर डाल सकता है.

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डेमोक्रेट्स और ट्रंप प्रशासन के बीच फंडिंग को लेकर सहमति नहीं बन सकी. (Image- Fotofind) डेमोक्रेट्स और ट्रंप प्रशासन के बीच फंडिंग को लेकर सहमति नहीं बन सकी. (Image- Fotofind)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 11:16 PM IST

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में एक बार फिर अमेरिका में गवर्नमेंट शटडाउन हो गया है. फंड्स की मांग वाले प्रस्ताव के फेल होने के बाद बुधवार को सरकार का बड़ा हिस्सा बंद हो गया है. ट्रंप प्रशासन और कांग्रेस के डेमोक्रेट्स फंडिंग डील पर सहमत नहीं हो सके. यह 1981 के बाद से 15वां सरकारी शटडाउन है, जिसने करीब 7.5 लाख संघीय कर्मचारियों को प्रभावित किया है.

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इस शटडाउन के चलते शुक्रवार को जारी होने वाली अहम रोजगार रिपोर्ट टल गई है. हवाई यात्रा धीमी हो रही है, वैज्ञानिक रिसर्च रुकी है, सैनिकों को वेतन नहीं मिल रहा और संघीय कर्मचारियों को फर्लो पर भेजा जा रहा है. प्रत्येक दिन का आर्थिक बोझ 400 मिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.

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राष्ट्रपति ट्रंप ने चेतावनी दी है कि यह गतिरोध संघीय नौकरियों में और कटौती का रास्ता साफ कर सकता है. व्हाइट हाउस के मुताबिक, दिसंबर तक 3 लाख कर्मचारियों को बाहर करने की योजना पहले से ही चल रही है.

उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस ने हवाई सुरक्षा पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि एयर ट्रैफिक कंट्रोलर और TSA कर्मचारी बिना वेतन के काम कर रहे हैं, जिससे उड़ानों में देरी और सुरक्षा जोखिम बढ़ सकते हैं.

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डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन के बीच राजनीतिक गतिरोध

सीनेट डेमोक्रेट्स ने मंगलवार को एक अस्थायी फंडिंग बिल को रोक दिया क्योंकि रिपब्लिकन पार्टी ने स्वास्थ्य लाभों के विस्तार को शामिल करने से इनकार कर दिया था. डेमोक्रेट्स का कहना है कि यह मुद्दा करोड़ों अमेरिकियों से जुड़ा है और इसे अलग से नहीं निपटाया जा सकता.

हाउस डेमोक्रेटिक लीडर हकीम जेफ्रीज़ ने कहा, "ट्रंप और रिपब्लिकन ने सरकार इसलिए बंद की क्योंकि वे कामकाजी वर्ग को हेल्थकेयर देना नहीं चाहते." वहीं सीनेट रिपब्लिकन लीडर जॉन थ्यून का आरोप है कि यह शुद्ध राजनीति है, "अतीत में डेमोक्रेट्स ने ऐसे बिल का समर्थन किया था, फर्क सिर्फ इतना है कि इस बार व्हाइट हाउस में ट्रंप हैं."

बाजार पर भी पड़ रहा शटडाउन का असर

शटडाउन का असर वॉल स्ट्रीट और एशियाई शेयर बाजारों पर भी देखने को मिल रहा है. अमेरिकी डॉलर कमजोर हुआ और सोने की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. विश्लेषकों का मानना है कि यह गतिरोध पहले के शटडाउन की तुलना में ज्यादा लंबा चल सकता है, जिससे जीडीपी ग्रोथ पर भी असर पड़ेगा.

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जब अमेरिका में हुआ सबसे लंबा सरकारी शटडाउन

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अमेरिका का सबसे लंबा सरकारी शटडाउन 2018-2019 में 35 दिनों से अधिक समय तक चला था और इस दौरान ट्रंप अपने पहले कार्यकाल में थे. तब आंशिक रूप से हवाई यातायात नियंत्रकों के बीमार होने के कारण उड़ानों में देरी के कारण शटडाउन समाप्त किया गया था.

सरकारी फंडिंग के मोर्चे पर मुद्दा एजेंसी संचालन के लिए 1.7 ट्रिलियन डॉलर का है, जो सरकार के कुल 7 ट्रिलियन डॉलर के बजट का लगभग एक-चौथाई है. बाकी राशि का अधिकांश हिस्सा स्वास्थ्य और सेवानिवृत्ति कार्यक्रमों और बढ़ते 37.5 ट्रिलियन डॉलर के कर्ज पर ब्याज भुगतान में जाता है.

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