पार्कों में कचरा, लाखों कर्मचारियों की जबरन छुट्टी...जब 34 दिन के लिए अमेरिका में था शटडाउन!

अमेरिका में पिछला शटडाउन 34 दिनों तक चला था. यह शटडाउन 2018 दिसंबर से 2019 जनवरी तक था. इस दौरान लाखों सरकारी कर्मचारियों को घर पर बैठा दिया गया था. ठेके पर आधारित कई काम बंद हो गए थे. नेशनल पार्क, एयर ट्रैफिक जैसी सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई थीं.

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डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में 34 दिनों के लिए सबसे लंबा शटडाउन लगा था (Photo - AFP) डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में 34 दिनों के लिए सबसे लंबा शटडाउन लगा था (Photo - AFP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 01 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 2:18 PM IST

अमेरिका में शटडाउन शुरू हो गया है. इससे सबसे ज्यादा सरकारी कर्मचारी और ठेकेदार प्रभावित होते हैं. सरकारी दफ्तरों में काम-काज ठप हो जाता है या फिर सीमित हो जाता है. लाखों सरकारी कर्मियों को छुट्टियों पर भेज दिया जाता है या फिर बिना वेतन के काम कराया जाता है.  इस बार तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लेऑफ की भी धमकी दी है. 

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इस बार भी शटडाउन को लेकर अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण सवाल हो रहे हैं कि कितने कर्मचारी कितने समय के लिए काम से दूर रहेंगे. इसे फर्लो कहा जाता है. प्रबंधन एवं बजट कार्यालय यह तय करता है कि किन कर्मचारियों को फर्लो से "छूट" दी गई है, जिसका अर्थ है कि उन्हें आपातकालीन या अति आवश्यक काम के लिए बिना सैलरी के काम करना होगा. ऐसे में जानते हैं पिछले शटडाउन के दौरान 2018-19 में क्या-क्या हुआ था.

6 अरब डॉलर का हुआ था नुकसान
2018-19 में, ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान शटडाउन, जो 34 दिनों तक चला था और जिसने देश की अर्थव्यवस्था को अनुमानतः 6 अरब डॉलर या उससे ज़्यादा का नुकसान पहुंचाया था. सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले या सरकारी विभागों के वेंडर और ठेकेदारों को काफी नुकसान हुआ था. उनके बिल्स और वेतन रुक गए थे. 

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सरकारी कर्मचारियों के छुट्टियों पर जाने से हुआ था नुकसान
कांग्रेस के बजट कार्यालय के अनुमान के अनुसार, 2018 और 2019 में  सरकारी बंद के कारण 2019 की पहली तिमाही में वार्षिक वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर में 0.4% की कमी आई. यह नुकसान छुट्टी पर भेजे गए सरकारी कर्मचारियों की वजह से उत्पादकता में गिरावट तथा शटडाउन से व्यापार क्षेत्र में फैली आर्थिक चिंता के कारण हुआ था.

8 लाख सरकारी कर्मियों पर पड़ा था असर  
लगभग 800,000 संघीय कर्मचारियों को या तो छुट्टी पर भेज दिया गया या उन्हें बिना वेतन के काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा.  इस बंद का प्रभाव नौ फेडरल एजेंसियों पर पड़ा था. इसमें संघीय विमानन कर्मचारी भी शामिल थे. इस वजह से विमान सेवाए बाधित हुई, जिसके परिणामस्वरूप न्यूयॉर्क इंटरनेशनल हवाई अड्डे, लागार्डिया हवाई अड्डे और फिलाडेल्फिया इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विमानों की उड़ान में देरी हुई या उन्हें रोकना पड़ा.

3,40,000 कर्मियों को बैठा दिया गया था घर में
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनमुसार, पिछली बार 2018 के अंत से 2019 की शुरुआत तक 34 दिनों तक चले सबसे लंबे  शटडाउन में 3,40,000 कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया गया था. लेकिन यह आंशिक शटडाउन था क्योंकि कांग्रेस पहले ही कुछ खर्च संबंधी विधेयक पारित कर चुकी थी, जिसका मतलब था कि लाखों कर्मचारी काम करते रह सकते थे और संघीय वेतन-सूची में बने रह सकते थे.

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बिना आय के काम चला रहे सरकारी कर्मचारी
लगभग 8,00,000 कर्मचारी जो या तो छुट्टी पर भेज दिए थे या उन्हें बिना वेतन के काम पर आने के लिए कहा गया था. इसका मतलब है कि महीने-दर-महीने गुज़ारा करने वाले लाखों लोगों को अपने घर का कर्ज चुकाने, खाने का इंतजाम करने और यहां तक कि उन नौकरियों पर जाने के लिए पेट्रोल का खर्च उठाने के लिए भी मजबूर होना पड़ रहा है जिनके लिए उन्हें वेतन नहीं मिल रहा है.

नेशनल पार्कों में जमा हो गया था कचरा
2018-19 में जब 35 दिनों के लिए शटडाउन हुआ था तो अमेरिका के राष्ट्रीय उद्यानों में कचरा जमा हो गया था. पिछली बार ट्रम्प के पहले कार्यकाल में 2018-2019 के बंद के दौरान, उनके प्रशासन ने पार्कों को खुला रखा था. हालांकि, अधिकांश श्रमिकों को छुट्टी दे दी गई थी. 

पार्क सेवा ने कहा था कि वह पर्यटकों के लिए इसे बंद करने की योजना बना रही है. लेकिन वह बंद टल गया था. कर्मियों के पार्कों में काम नहीं करने की वजह से वहां गंदगी जमा हो गई थी. पर्यटक वहां बिना किसी रोक-टोक के घूमने जाते रहे थे.

खुले छोड़ दिए गए थे पार्क
इस बार यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिकी राष्ट्रीय उद्यान बंद के दौरान खुले रहेंगे या नहीं. क्योंकि आंतरिक विभाग ने अपनी बंद योजना प्रकाशित नहीं की है. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि शटडाउन की स्थिति में राष्ट्रीय उद्यान सेवा के अंतर्गत आने वाले 433 से अधिक स्थल बंद हो जाएंगे.

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हवाई उड़ानें हुई थी प्रभावित
पहले के शटडाउन के कारण भी समस्याएं पैदा हुईं थी. 2019 में, कई परिवहन सुरक्षा प्रशासन TSA कर्मचारियों ने काम से अनुपस्थित रहने की सूचना दी थी. इससे सुरक्षा चौकियाँ बंद हो गईं थीं और कुछ हवाई अड्डों पर उड़ानों में देरी हुई थी.

यह भी पढ़ें: अमेरिका में शटडाउन... 20 साल में 6 बार, पिछली बार 35 दिन चला था संकट, अब ठप हो जाएंगे ये काम

एयर ट्रैफिक कंट्रोल में आई थी कई बाधाएं
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार,  2018-19 के हालिया शटडाउन पर नजर डालें तो इसका असर व्यापक था. इसकी वजह से ट्रैफिक कंट्रोलरों को लंबी शिफ्ट में काम करना पड़ा और ज़्यादा कर्मचारियों को बीमार होने की सूचना देनी पड़ी थी, जिससे प्रमुख हवाई अड्डों पर सुरक्षा जांच में कुछ देरी हुई.

कम हो गई थी यात्रियों की संख्या
2018-19 में शटडाउन शुरू होने के बाद से, एयरलाइनों के ग्राहकों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है, जबकि प्रमुख व्यवसायों पर भी इसका असर पड़ा था.

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