'प्लीज, भारत से आए मुहाजिरों को बचाइए', पाकिस्तानी नेता अल्ताफ हुसैन ने PM मोदी से लगाई गुहार

पाकिस्तानी नेता अल्ताफ हुसैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुहाजिर समुदाय के लिए भी इसी तरह के समर्थन की आवाज उठाने का अनुरोध किया. अल्ताफ का कहना है कि मुहाजिरों का दशकों से उत्पीड़न और उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है, जो पूरी तरह से स्टेट स्पॉन्सर है.

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अल्ताफ हुसैन और पीएम नरेंद्र मोदी अल्ताफ हुसैन और पीएम नरेंद्र मोदी

प्रणय उपाध्याय

  • नई दिल्ली,
  • 28 मई 2025,
  • अपडेटेड 7:16 AM IST

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में जारी तनाव के बीच पाकिस्तान के निर्वासित नेता और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के फाउंडर अल्ताफ हुसैन (Altaf Hussain) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है. 

अल्ताफ हुसैन ने पीएम मोदी से अनुरोध किया है कि वह बंटवारे के बाद भारत से आकर पाकिस्तान में बसे उर्दू बोलने वाले शरणार्थियों यानी मुजाहिरों के उत्पीड़न का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मचों पर उठाएं. उन्होंने यह अपील लंदन में एक कार्यक्रम के दौरान की.

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उन्होंने अपने बयान में बलोच लोगों का समर्थन करने के लिए पीएम मोदी की प्रशंसा की और इसे साहसी और नैतिक रूप से सराहनीय कदम बताया.

उन्होंने पीएम मोदी से मुहाजिर समुदाय के लिए भी इसी तरह के समर्थन की आवाज उठाने का अनुरोध किया. अल्ताफ का कहना है कि मुहाजिरों का दशकों से उत्पीड़न और उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है, जो पूरी तरह से स्टेट स्पॉन्सर है.

उन्होंने कहा कि भारत के बंटवारे के बाद से पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों ने कभी भी मुहाजिरों को देश के वैध नागरिकों के तौर पर पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया. एमक्यूएम लगातार इन हाशिए पर मौजूद समुदायों के अधिकारों की पैरवी करती रही है लेकिन सैन्य कार्रवाई में अब तक 25000 से ज्यादा मुहाजिरों की मौत हो गई है और हजारों को गायब कर दिया गया है.

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अल्ताफ हुसैन का कहना है कि अमेरिका के ह्यूस्टन में पाकिस्तानी कॉन्सुल जनरल आफताब चौधरी ने कार्यक्रम के दौरान एक वीडियो पेश किया, जिसमें अल्ताफ और एमक्यूएम को भारत का एजेंट दिखाया गया. उनका कहना है कि इस तरह के आरोप लगाकर मुहाजिरों की आवाज को दबाने का काम किया जाता है. पाकिस्तान में मुहाजिरों को असहाय छोड़ दिया गया है. 

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी इन मुहाजिरों की आवाज को  अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाएं और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन इस समुदाय के लोगों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा करे. 

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