तुर्की में आज अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच फिर से उच्च-स्तरीय वार्ता शुरू होने जा रही है. दोनों देशों के बीच यह बातचीत कई हफ्तों से जारी तनाव के बाद हो रही है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने साफ चेतावनी दी है कि अगर बातचीत विफल रही, तो हालात युद्ध तक पहुंच सकते हैं.
एक पत्रकार के सवाल पर आसिफ ने कहा, 'अगर बातचीत असफल होती है तो हालात और बिगड़ेंगे. हमारे पास अपने विकल्प मौजूद हैं. जिस तरह हमें निशाना बनाया जा रहा है, हम भी उसी तरह जवाब दे सकते हैं.' जब उनसे पूछा गया कि क्या इसका मतलब युद्ध है, तो आसिफ ने जवाब दिया- हां... सिर्फ युद्ध.'
सेना ने शहबाज सरकार को किया दरकिनार
हाल के हफ्तों में दोनों देशों के बीच चली झड़पों के बाद हुई शांति-वार्ता का कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है. लेकिन बंद दरवाजों के पीछे हुई चर्चाओं से दो बड़ी बातें सामने आई हैं. पहली, यह कि अमेरिका अफगानिस्तान के अंदर ड्रोन हमलों के लिए पाकिस्तान की हवाई सीमा का इस्तेमाल कर रहा है और इस्लामाबाद इसे रोक पाने में पूरी तरह असमर्थ है.
दूसरी, अफगान तालिबान अधिकारियों का दावा है कि पाकिस्तान की सेना, फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की अगुवाई में, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार को दरकिनार कर काबुल के साथ तनाव बढ़ा रही है.
ट्रंप के साथ मीटिंग पर उठे सवाल
बताया जा रहा है कि वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई बैठक में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के अलावा सेना प्रमुख आसिम मुनीर भी मौजूद थे. इस पर सवाल उठे कि आखिर किसी देश की नागरिक सरकार के साथ उसकी सेना का प्रमुख राष्ट्रपति से क्यों मिल रहा है.
जंग की कगार पर खड़े दोनों देश
अफगान तालिबान के इन दावों और पाकिस्तानी सैन्य हलकों की भूमिका पर सवाल ऐसे समय उठे हैं जब राष्ट्रपति ट्रंप अफगानिस्तान में रणनीतिक रूप से अहम बगराम एयरबेस का संचालन अपने नियंत्रण में लेना चाहते हैं.
तनाव के इस माहौल में तुर्की में होने वाली आज की बातचीत को बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि अगर यह वार्ता नाकाम रही, तो जैसा कि खुद पाकिस्तान के मंत्री ने कहा है, 'अगला कदम सिर्फ युद्ध होगा.'
सुबोध कुमार