पाकिस्तानी सैनिक पैंट तक छोड़कर भागे, अफगानी सैनिकों ने बंदूकों पर लटकाकर मनाया जश्न

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव में उस समय बढ़ा,जब अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने दावा किया कि पाकिस्तान ने उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है और अफगानी इलाकों पर हवाई हमले भी किए हैं.

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अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच फिलहाल 48 घंटे का सीजफायर हैं. (Photo: PTI) अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच फिलहाल 48 घंटे का सीजफायर हैं. (Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 10:31 AM IST

अफगानिस्तान और पाकिस्तान सीमा पर सब ठीक नहीं है. पिछले कुछ समय से दोनों ओर से लगातार एक-दूसरे पर हमले हो रहे हैं. ऐसे में 48 घंटे के लिए सीजफायर लागू हो चुका है. 

इससे पहले बुधवार को काबुल और कंधार में पाकिस्तानी हवाई हमलों में कम से कम 15 अफगान नागरिक मारे गए और 100 से अधिक घायल हो गए. यह हमला तालिबान के जवाबी हमले के बाद हुआ, जिसमें उन्होंने स्पिन बोल्डक में सीमा चौकियों पर कब्जा कर लिया. इस दौरान तालिबान के हाथ पाकिस्तानी सैनिकों की पैंट्स भी लगी हैं, जिन्हें छोड़कर वे भाग गए थे.

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अफगानी पत्रकार दाउद जुनबिश ने बताया कि तालिबान के जवाबी हमले के बाद कुछ पाकिस्तानी सैनिक डूरंड रेखा के पास अपनी सैन्य चौकियों को छोड़कर भाग गए. तालिबान लड़ाकों ने इन चौकियों से पैंट और हथियार जब्त किए और इन्हें जीत की निशानी के तौर पर पेश किया. उन्होंने तालिबान लड़ाकों की एक तस्वीर साझा की, जिसमें वे जवाबी हमले के बाद भागी गई सीमा चौकियों से जब्त की गई पैंट और हथियार दिखा रहे हैं.

बता दें कि पिछले हफ्ते पाकिस्तान ने काबुल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के कैंप्स को निशाना साधकर हमला किया था. यह हमला उस समय किया गया, जब अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी भारत दौरे पर आए.

अफगानिस्तान ने सीमा पर झड़प और अफगान के एयरस्पेस के बार-बार उल्लंघन के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया. इससे पहले पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और अफगान तालिबान के बीच मंगलवार रात को झड़पें हुई थीं. इस हमले में 12 लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इसके बाद अफगानिस्तान ने पाकिस्तानी  सीमा पर पर टैंक भेज दिए थे.

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अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच डूरंड लाइन को लेकर लंबे समय से विवाद है. दोनों देश एक-दूसरे पर हमले और आतंकियों को छिपाने का आरोप लगाते रहते हैं. 2021 में अफगानिस्तान हुकूमत पर तालिबान के कंट्रोल के बाद से तनाव और बढ़ गया है.

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