'पड़ोसी नहीं बदल सकते...', अफगानिस्तान और पाकिस्तान की जंग पर आया चीन का बयान

पिछले हफ्ते पाकिस्तान ने काबुल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के कैंपों पर निशाना लगाया. 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान में सत्ता में आने के बाद से यह दोनों मुल्कों के बीच इस तरह की सबसे भयावह झड़प थी. यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ, जब तालिबान के विदेश मंत्री भारत के दौरे पर हैं.

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अफगानिस्तान और पाकिस्तान के सीजफायर पर चीन ने प्रतिक्रिया दी है (फाइल फोटो) अफगानिस्तान और पाकिस्तान के सीजफायर पर चीन ने प्रतिक्रिया दी है (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 4:05 PM IST

अफगानिस्तान और तालिबान के बीच हफ्तेभर के संघर्ष के बाद 48 घंटे का सीजफायर लागू है. लेकिन दोनों ओर से हल्की-फुल्की झड़प की रह-रहकर खबरें आ रही हैं. इस बीच चीन ने भी इस सीजफायर पर प्रतिक्रिया दी है.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि अस्थाई सीजफायर लागू करने और बातचीत के जरिए समाधान खोजने के पाकिस्तान और अफगानिस्तान के फैसले पर गौर किया है. यह दोनों पक्षों के साझा हितों को पूरा करता है और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता के अनुकूल है. चीन इस कदम का स्वागत और समर्थन करता है.

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लिन जियान ने कहा कि चीन ने बार-बार इस मुद्दे पर अपनी रुख साफ किया है. चीन का रूस सहित दुनियाभर के देशों के साथ व्यापार और ऊर्जा सहयोग सामान्य है और यह पूरी तरह से वैध है. उन्होंने कहा कि अमेरिका का रुख एकतरफा और धौंस जमाने का रहा है, जिससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों पर असर पड़ा है और दुनियाभर के उद्योगों की स्थिरता और सप्लाई चेन बाधित हुई है. 

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों चीन के मित्रवत पड़ोसी हैं. ऐसे पड़ोसी हैं जिन्हें बदला नहीं जा सकता. चीन दोनों देशों का समर्थन करता है कि वे शांत और संयमित रहें, एक व्यापक और स्थायी युद्धविराम हासिल करें. संवाद और बातचीत के जरिए आपसी मतभेदों को सुलझाएं, राजनीतिक समाधान के रास्ते पर लौटें और दोनों देशों के बीच और क्षेत्र में शांति और स्थिरता को संयुक्त रूप से बनाए रखें.

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लिन ने कहा कि हम पाकिस्तान-अफगानिस्तान संबंधों को बेहतर बनाने और विकसित करने में रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार है. बता दें कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच 48 घंटे के लिए अस्थायी युद्धविराम लागू करने पर सहमति बनी है. सीमा पर ताजा झड़पों के बाद यह कदम उठाया गया है.

पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच आठ अक्टूबर को संघर्ष शुरू हुआ था. यह संघर्ष पिछले हफ्ते शुरू हुआ जब पाकिस्तान ने काबुल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के ठिकानों पर हमला किया. पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग (ISPR) ने कहा था कि सुरक्षा बलों ने बलूचिस्तान बॉर्डर पर अफगान तालिबान के हमले को नाकाम कर दिया.

इसके बाद पाकिस्तान सुरक्षा बलों और अफगान तालिबान के बीच मंगलवार रात को झड़पें हुई थीं. अफगानिस्तान के तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने बताया था कि पाकिस्तानी सेना ने कंधार के स्पिन बोल्डक इलाके में हमला किया. इसके बाद बुधवार को पाकिस्तानी हवाई हमलों में काबुल और कंधार में 15 अफगान नागरिक मारे गए और 100 से ज्यादा घायल हो गए थे. इस घटना के बाद ही अफगानिस्तान ने बॉर्डर पर टैंक भेजे थे. इस तरह हफ्तेभर की जंग के बाद बुधवार शाम को 48 घंटे के लिए सीजफायर का ऐलान किया गया.

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