आखिर क्या है ममता बनर्जी के 'इस्तीफा देने को तैयार' वाले बयान के पीछे की वजह? 13 साल में पहली बार दिखीं इतनी बेबस

प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गतिरोध के लिए हाथ जोड़कर बंगाल के लोगों से माफ़ी मांगी और डॉक्टरों से काम पर लौटने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि हमने डॉक्टरों के साथ बैठक के लिए 2 घंटे तक इंतजार किया. इस दौरान उन्होंने “लोगों की खातिर” इस्तीफे की पेशकश तक कर दी.

Advertisement
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

अनुपम मिश्रा

  • कोलकाता,
  • 13 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:14 PM IST

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का गुरुवार को एक अलग ही रूप देखने को मिला, जब उन्होंने “लोगों की खातिर” इस्तीफे की पेशकश कर दी. उन्होंने कहा कि वह भी आरजी कर अस्पताल की उस डॉक्टर के लिये न्याय चाहती हैं जिसकी हत्या कर दी गई.

बनर्जी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, 'मैं बंगाल के लोगों से माफी मांगती हूं, जिन्हें उम्मीद थी कि आज आरजी कर गतिरोध खत्म हो जाएगा. वे (जूनियर डॉक्टर) नबान्न आए, लेकिन बैठक में शामिल नहीं हुए. मैं उनसे काम पर वापस जाने का अनुरोध करती हूं. मैं लोगों की खातिर इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं, क्योंकि पिछले तीन दिनों में मेरे सर्वोत्तम इरादों और प्रयासों के बावजूद, चिकित्सकों ने बातचीत करने से इनकार कर दिया.'

Advertisement

ममता का अलग अंदाज
पश्चिम बंगाल ने कल ममता बनर्जी का एक अलग ही चेहरा और अंदाज़ देखा. अपने तेज तर्रार अंदाज के लिए जानी जाने वाली ममता बनर्जी कल बेहद नरम भावुक और हाथ जोड़े दिखाई दीं. ये अंदाज, ये चेहरा और ये बॉडी लैंग्वेज पिछले 13 सालों में कभी नहीं दिखाई दी. 

एक बात पक्की है कि ममता बनर्जी पर आरजी कर अस्पताल की घटना के बाद चल रहे आंदोलन का व्यापक असर पड़ा है.ममता बनर्जी पिछले 13 सालों में इतने दबाव में कभी नहीं दिखीं. पहली बार राजनीतिक पार्टियों के अलावा जूनियर डॉक्टर्स और स्वतःस्फूर्त लोगों का हुजूम सड़कों पर दिखाई दे रहा है. 

यह भी पढ़ें: ममता बनर्जी के इस्‍तीफे की पेशकश कितनी गंभीर, कितना राजनीतिक पैंतरा? | Opinion

पार्टी में मतभेद

पार्टी में भी आपसी मतभेद शुरू हो चुके हैं.राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने इस्तीफा दे दिया है. वहीं दूसरे सांसद शुखेंदु शेखर रॉय बाग़ी हो चुके हैं और अभिषेक बनर्जी से भी मतभेद पनप चुका है. ममता पर पार्टी के भीतर से अंदरूनी दबाव बन रहा है तो वहीं बाहर से ग़ैर-राजनीतिक संगठनों के आंदोलन का दबाव बन रहा है. इस्तीफ़े की पेशकश के पीछे इन वजहों के अलावा इमोशनल दबाव बनाना भी है, जो ममता जैसी खांटी राजनेता ही कर सकती हैं.

Advertisement

क्यों माफी तक पहुंची बात

दरअसल कोलकाता के आरजी कर अस्पताल और मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर के रेप और हत्या के मामले को लेकर बंगाल में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस घटन के बाद से डॉक्टर हड़ताल पर बैठे हैं. गुरुवार को डॉक्टरों और ममता सरकार के बीच मीटिंग होनी थी लेकिन वह नहीं हो सकी. नबन्ना के कॉन्फ्रेंस हॉल में होने वाली मीटिंग के लिए ममता बनर्जी दो घंटे तक डॉक्टरों का इंतजार करती रहीं, लेकिन बातचीत की लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर डॉक्टर अड़े रहे और कॉन्फ्रेंस हॉल में जाने से इनकार कर दिया. इसके बाद देर शाम मीटिंग रद्द हो गई.

लगभग दो घंटे तक इंतजार करने के बाद ममता बनर्जी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि वह भी चाहती हैं कि पीड़िता को न्याय मिले और उन्होंने गतिरोध जारी रहने के लिए पश्चिम बंगाल के लोगों से माफी मांगी.

यह भी पढ़ें: कौन है लेडी मैकबेथ, राज्यपाल सीवी बोस ने जिससे की ममता बनर्जी की तुलना?

'मुझे सीएम की कुर्सी नहीं चाहिए'

सीएम ने कहा कि जब मामला विचाराधीन हो तो हम इस तरह मामले के बारीक विवरणों पर चर्चा नहीं कर सकते. इसलिए हमारे पास कार्यवाही को रिकॉर्ड करने की सुविधा थी. मैंने तय किया था कि हम मृतक पीड़िता और सीताराम येचुरी की याद में एक प्रस्ताव पारित करेंगे जो आज हमें छोड़कर चले गए. हम भी न्याय चाहते हैं लेकिन मामला अब हमारे पास नहीं है बल्कि सीबीआई के पास है. हम लाइव टेलीकास्ट के बारे में भी खुले दिमाग से सोचते हैं लेकिन मामला विचाराधीन होने के कारण कुछ कानूनी बाध्यताए हैं.

Advertisement

उन्होंने कहा कि मैं आम लोगों के लिए न्याय की खातिर कुर्सी छोड़ने को भी तैयार हूं, लेकिन उन्हें न्याय नहीं चाहिए, उन्हें सिर्फ कुर्सी चाहिए. मुझे सीएम की कुर्सी नहीं चाहिए, बल्कि पीड़िता के लिए न्याय चाहिए.
 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement