20 दिनों तक पाकिस्तान के कब्जे में रहे बीएसएफ (BSF) के जवान पीके शॉ वतन वापसी के बाद शुक्रवार को आखिरकार अपने पश्चिम बंगाल स्थित गांव पहुंच गए हैं. पीके शॉ हुगली जिले के रिसड़ा से ताल्लुक रखते हैं. स्थानीय लोगों द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया.
उनके स्वागत का वीडियो भी सामने आया है जिसमें बैंड बाजे के साथ माला डालकर उनका स्वागत किया गया. उनके लिए फूलों से सजी खुली जिप्सी तैयार की गई थी. शॉ परिवार ने भी उनके स्वागत के लिए खास इंतजाम किए थे.
हुआ भव्य स्वागत
जैसे ही वह हावड़ा स्टेशन पर उतरे तो भावुक हो उठे. उन्होंने कहा, "मैं अपने भारत लौट आया, आप सभी का धन्यवाद." इस दौरान रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ देखी गई. पीके शॉ की वापसी को लेकर पूरे इलाके में जश्न का माहौल है.
हावड़ा से रिसड़ा तक रास्ते में स्थानीय लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया गया. तिरंगा लहराते हुए और ढोल-नगाड़ों के साथ उन्हें घर तक ले जाया गया.
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उनकी वापसी पर न सिर्फ आम लोग, बल्कि विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता भी रिसड़ा पहुंचे. वे जवान के परिवार से मिल रहे हैं और उनकी बहादुरी को सलाम कर रहे हैं.
गलती से चले गए सीमा पार
पीके शॉ, गलती से इंटरनेशनल बॉर्डर क्रॉस करके पाकिस्तान पहुंच गए थे, जिसके बाद पाकिस्तान रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया. वे पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में तैनात थे. भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए. पाकिस्तान ने भी जवाबी हमले किए, जिससे तनाव बढ़ गया. ऐसे में शॉ के परिवार की चिंता और भी बढ़ गई थी.
इसके बाद उनको रिहा करवाने को लेकर भारत और पाक दोनों के सैन्य अफसरों के बीच लगातार बातचीत हुई और अनंत 14 मई को उन्हें रिहा कर दिया गया. पाकिस्तानी रेंजर्स ने अटारी वाघा सीमा के रास्ते बीएसएफ कॉन्स्टेबल को वापस भेजा.
राजेश साहा