'बांग्ला बोलने वाले बांग्लादेशी नहीं...' PM मोदी से मिलकर ऐसा क्यों बोले अधीर रंजन, जान‍िए- पूरा मामला

पीएम से मुलाकात के साथ ही अधीर रंजन चौधरी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री को एक पत्र भी सौंपा है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि देश के अलग-अलग हिस्सों, खासकर कुछ राज्यों में, बंगाली भाषा बोलने वाले मजदूरों को ‘घुसपैठिया’ बताकर निशाना बनाया जा रहा है. कई मामलों में उन्हें पीटा गया, जेल या डिटेंशन सेंटर तक भेजा गया.

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अधीर रंजन ने PM मोदी से मिलकर उठाया बंगाल के प्रवासी मजदूरों पर हमलों का मुद्दा अधीर रंजन ने PM मोदी से मिलकर उठाया बंगाल के प्रवासी मजदूरों पर हमलों का मुद्दा

मौसमी सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 30 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:21 PM IST

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर पश्चिम बंगाल से बाहर काम करने वाले बंगाली प्रवासी मजदूरों पर हो रहे हमलों और भेदभाव का मुद्दा उठाया. अधीर रंजन ने साफ कहा कि 'बांग्लाभाषी होना, बांग्लादेशी होना नहीं है' लेकिन इसके बावजूद कई राज्यों में बंगाली बोलने वाले मजदूरों को शक की नजर से देखा जा रहा है.

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पीएम से मुलाकात के साथ ही अधीर रंजन चौधरी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री को एक पत्र भी सौंपा है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि देश के अलग-अलग हिस्सों, खासकर कुछ राज्यों में, बंगाली भाषा बोलने वाले मजदूरों को ‘घुसपैठिया’ बताकर निशाना बनाया जा रहा है. कई मामलों में उन्हें पीटा गया, जेल या डिटेंशन सेंटर तक भेजा गया.

पत्र में अधीर रंजन ने लिखा है कि ये मजदूर देश की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे हैं, अपनी मेहनत और हुनर से रोजी-रोटी कमा रहे हैं, इसके बावजूद सिर्फ भाषा के आधार पर उनके साथ हिंसा, नफरत और उत्पीड़न किया जा रहा है, जो संविधान के मूल अधिकारों का खुला उल्लंघन है.

PDF देखें- इस पीडीएफ में पढ़ें अधीर रंजन चौधरी ने पीएम मोदी को पत्र में क्या ल‍िखा 

उन्होंने ओडिशा के संबलपुर में हुई उस घटना का भी जिक्र किया जिसमें मुर्शिदाबाद के युवक जुएल शेख की कथित तौर पर इस शक में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई कि वह बांग्लादेशी है. अधीर रंजन ने इसे बेहद दर्दनाक और शर्मनाक घटना बताया.

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मुलाकात के बाद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ये एक सामान्य मुलाकात थी और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने साफ शब्दों में बात रखी. उनके मुताबिक, प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया है कि वो इस मामले को देखेंगे.

अधीर रंजन ने केंद्र सरकार से मांग की है कि सभी राज्य सरकारों और पुलिस-प्रशासन को संवेदनशील बनाया जाए ताकि बांग्लाभाषी और बांग्लादेशी के बीच फर्क समझा जा सके और निर्दोष मजदूरों को परेशान न किया जाए. उन्होंने कहा कि देश में कहीं भी रहने और काम करने का अधिकार हर भारतीय को है और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है.

बताया जा रहा है कि अधीर रंजन चौधरी इस मुद्दे को लगातार अलग-अलग मंचों पर उठा रहे हैं. वो न सिर्फ प्रधानमंत्री से मिले हैं, बल्कि हरियाणा का दौरा कर चुके हैं, राष्ट्रपति भवन तक गए हैं, कई मुख्यमंत्रियों को पत्र लिख चुके हैं और सार्वजनिक मंचों से भी प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा की मांग कर चुके हैं.

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