यूपी में योगी सरकार का आतंक पर वार, 8 सालों में 230 दुर्दांत अपराधी ढेर, 142 स्लीपर गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले आठ सालों में आतंकवाद और असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर प्रदेश की सुरक्षा मजबूत की है. एटीएस ने 230 अपराधियों को मुठभेड़ों में मार गिराया और 142 आतंकवादी स्लीपिंग मॉड्यूल गिरफ्तार किए, जिनमें से 11 टेरर फंडिंग से जुड़े थे. 2017 से लागू जीरो टॉलरेंस नीति के तहत आतंकवादी संगठनों जैसे आईएसआईएस, सिमी और अल-कायदा को निशाना बनाया गया.

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आतंकवाद के खिलाफ यूपी में सख्ती, सरकार ने जारी किए गिरफ्तारी के आंकड़े (फोटो क्रेडिट - पीटीआई) आतंकवाद के खिलाफ यूपी में सख्ती, सरकार ने जारी किए गिरफ्तारी के आंकड़े (फोटो क्रेडिट - पीटीआई)

aajtak.in

  • लखनऊ,
  • 13 मई 2025,
  • अपडेटेड 5:41 AM IST

उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले आठ वर्षों में न केवल अपराधियों पर कार्रवाई का बुलडोजर चलाया बल्कि प्रदेश में आतंकवादी संगठनों के स्लीपिंग मॉड्यूल (सहयोगी) और असामाजिक तत्वों पर भी शिकंजा कसा है. उत्तर प्रदेश में न सिर्फ आतंकियों के नेटवर्क को ध्वस्त किया बल्कि टेरर फंडिंग, धार्मिक उन्माद, फर्जी दस्तावेज, विदेशी घुसपैठ पर सर्जिकल स्ट्राइक की गई है.

मुठभेड़ और गिरफ्तारी के आंकड़े

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उत्तर प्रदेश में पिछले आठ वर्षों में जहां एक ओर 230 दुर्दांत अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर किया गया वहीं दूसरी ओर आतंकवादी संगठनों के 142 स्लीपिंग माॅड्यूल को भी अरेस्ट किया गया है. इनमें प्रदेश में एक्टिव 131 स्लीपिंग मॉड्यूल आतंकवादी संगठनों को पनाह देने के साथ गोपनीय सूचनाएं पहुंचाते थे जबकि एक आतंकवादी को मुठभेड़ में मार गिराया. वहीं आतंकवादी संगठनों को टेरर फंडिंग करने वाले 11 स्लीपिंग माॅड्यूल को अरेस्ट कर सलाखों के पीछे धकेला है.

स्लीपिंग मॉड्यूल, टेरर फंडिंग और विदेशी घुसपैठ पर करारा प्रहार

वर्ष 2017 से यूपी में अपराधियों पर शुरू हुई में जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अपराध, अपराधियों, आतंकवादी संगठनों के स्लीपिंग मॉड्यूल, टेरर फंडिंग, विदेशी घुसपैठ पर करारा पहार करने के निर्देश दिये गए. योगी सरकार ने साफ कहा उत्तर प्रदेश की धरती पर न तो आतंक और न ही देशविरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों को बर्दाश्त किया जाएगा. नतीजा , एटीएस (उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वायड) ने पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर आतंकी संगठनों के स्लीपिंग माड्यूल पर कार्रवाई तेज की और जिसका नतीजा रहा कि पिछले 8 वर्षों में एटीएस ने आतंकवादी संगठनों के 131 स्लीपिंग माड्यूल पर शिकंजा कसा और गिरफ्तार कर जेल भेजा. यह अातंकवादी संगठन को पनाह देने के साथ गोपनीय सूचनाएं भेजते थे जबकि एक आतंकवादी को मुठभेड़ में ढेर किया.

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आईएसआईएस, सिमी, पीएफआई, अल-कायदा जैसे संगठनों से जुड़े थे मॉड्यूल

आतंकवादी संगठनों के जिन स्लीपिंग माॅड्यूल को अरेस्ट किया गया, वह आईएसआईएस, AQIS, JMB, ABT, LeT, JeM, HM, IM-SIMI, नक्सल, पीएफआई, आईएसआई जैसे संगठनों से ताल्लुक रखते थे. बीते 8 वर्षों में प्रदेश में आतंकवाद के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई बताती है कि यूपी एटीएस ने संगठित आतंकवादी नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने में किस तरह काम किया. इसके साथ ही एटीएस ने टेरर फंडिंग के खिलाफ भी पूरी ताकत से एक्शन लिया. पिछले आठ वर्षों में आतंकवादी संगठनों को टेरर फंडिंग करने वाले 11 स्लीपिंग मॉड्यूल को गिरफ्तार किया गया है, जो अवैध धन के माध्यम से आतंकी गतिविधियों को पोषित करने में लिप्त थे. इसके अतिरिक्त भारतीय जाली मुद्रा के मामलों में 41 गिरफ्तारियां की गयी और 47.03 लाख रुपये की नकली मुद्रा बरामद की गई है.

रोहिंग्या-बांग्लादेशी घुसपैठ और धर्मांतरण मॉड्यूल पर शिकंजा

अयोध्या में राम मंदिर को लेकर धार्मिक उन्माद फैलाने या सड़क-जुलूस की साजिश में लिप्त अभियुक्तों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है. इन मामलों में एटीएस ने 1 गिरफ्तारी की है.

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बीते आठ वर्षों में यूपी सरकार ने आतंकवादी संगठनों और उनके नेटवर्क को तोड़ने के लिए जिस रणनीति और तत्परता से काम किया है, उसने प्रदेश को आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में एक नई ऊंचाई दी है. इतना ही नहीं प्रदेश में गैरकानूनी तरीके से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों पर भी एटीएस की पैनी नजर रही. इस अवधि में 173 ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया गया, जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते थे. वहीं, अवैध धर्मांतरण से जुड़े 20 से अधिक लोगों को अरेस्ट किया गया. एटीएस ने साइबर फ्रॉड और फर्जी नाम/पते पर सिम खरीदने जैसे मामलों में भी प्रभावी कदम उठाए. साइबर फ्रॉड गतिविधियों में लिप्त गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 19 आरोपियों को अरेस्ट किया गया. इनमें चार चाइनीज और 15 भारतीय आरोपी हैं.

नेपाल सीमा पर कड़ी निगरानी

मौजूदा हालात में इंडो नेपाल बॉर्डर पर यूपी एटीएस और जिला पुलिस की टीम नजर लगाए है. बॉर्डर एरिया के संवेदनशील इलाकों पर ड्रोन कैमरा से निगरानी रखी जा रही है.

इनपुट: संतोष कुमार

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