लोकसभा चुनाव से पहले ही उत्तर प्रदेश में राजनीतिक माहौल गरमा गया है. यहां अपना दल के दोनों गुटों में शक्ति प्रदर्शन की तैयारी देखने को मिल रही है. 2 जुलाई को अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल की जयंती है. इस कार्यक्रम को लेकर दोनों धड़ों अपना दल (एस) और अपना दल (कमेरावादी) के बीच दिग्गज नेताओं को बुलाने की होड़ मची है. कार्यक्रम स्थल को लेकर विवाद भी सामने आया है.
अपना दल (एस) की नेता अनुप्रिया पटेल ने अपने कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को मुख्य अतिथि बनाया है. उनके इस कार्यक्रम में बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी और महाराष्ट्र से आरपीआई नेता और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले भी शामिल होंगे. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान और निषाद पार्टी के संजय निषाद को भी बुलाया गया है.
पल्लवी के कार्यक्रम में आएंगे अखिलेश और नीतीश
वहीं, अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल ने अपने कार्यक्रम में बिहार के सीएम नीतीश कुमार को आमंत्रित किया है. इस कार्यक्रम में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और उदय प्रताप भी शामिल होंगे. सोनेलाल पटेल की पत्नी कृष्णा पटेल कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगी. ये कार्यक्रम दोपहर 12 बजे से होगा. इसमें 'जातिवार जनगणना की जरूरत' पर व्याख्यान दिया जाएगा.
अपना दल (एस) का इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कार्यक्रम
अनुप्रिया पटेल का धड़ा लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कार्यक्रम करेगा. इस कार्यक्रम में बीजेपी और अपना दल (एस) के साथ ही एनडीए के घटक दलों के नेताओं के भी शामिल होने की बात कही जा रही है.
सोनेलाल की जयंती पर शक्ति प्रदर्शन करेंगी अनुप्रिया पटेल, अमित शाह भी होंगे शामिल, क्या है प्लान?
पल्लवी पटेल ने भी इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान को ही अपने कार्यक्रम के लिए तय किया था, लेकिन प्रशासन ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान की अनुमति पल्लवी पटेल को नहीं दी है.
कुर्मी वोट साधने में जुटीं अनुप्रिया और पल्लवी
दरअसल, 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अनुप्रिया पटेल की पार्टी और बीजेपी कुर्मी वोटर्स को फिर से साधने की कोशिश में हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव में पूर्वांचल के कई इलाकों में कुर्मी मतदाता बीजेपी से छिटक गए थे. ये मतदाता अनुप्रिया की बहन पल्लवी पटेल की पार्टी अपना दल (कमेरावादी) और सपा के साथ चले गए थे. ऐसे में अनुप्रिया की पार्टी के आयोजन में खुद अमित शाह भी शामिल होने लखनऊ आएंगे. भाजपा और अपना दल (एस) की कोशिश छिटके कुर्मी मतदाताओं के साथ ही अन्य पिछड़ा मतदाताओं को भी बड़ा संदेश की है.
पिता की विरासत को लेकर छिड़ी है जंग
सोनेलाल पटेल के निधन के बाद यूपी में पल्लवी पटेल और अनुप्रिया पटेल के बीच उनकी विरासत को लेकर जंग छिड़ी है. कहा जाता है कि यूपी में यादव समाज के बाद ओबीसी में सबसे ज्यादा कुर्मी वोटर्स की संख्या है. अब सोनेलाल पटेल की विरासत को लेकर उनकी दोनों बेटियां पल्लवी और अनुप्रिया आमने-सामने हैं. दोनों की राजनीति का आधार कुर्मी वोटबैंक है. सोनेलाल की पत्नी कृष्णा पटेल छोटी बेटी के साथ हैं.
कुर्मी वोटबैंक को साधने की तैयारी
सोनेलाल पटेल की विरासत की इस जंग में अनुप्रिया पटेल की नजर अपने कोर वोटर कुर्मी बिरादरी पर है. अनुप्रिया स्थापना दिवस पर बड़ा कार्यक्रम कर अपने कोर वोटर को स्पष्ट संदेश देने की कोशिश में हैं. असल लड़ाई कुर्मी वोट की है. अमित शाह के आने और इस कार्यक्रम के बाद उत्तर प्रदेश में पिछड़ों की सियासत, खासकर कुर्मी वोटर्स का मूड किस तरफ जाता है? गौरतलब है कि अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल (एस) का बीजेपी के साथ गठबंधन है तो वहीं पल्लवी पटेल की अपना दल कमेरावादी यूपी चुनाव से पहले सपा के साथ आ गई थी.
कुमार अभिषेक