यूपी की बरेली पुलिस ने लेखपाल मनीष कश्यप हत्याकांड में सनसनीखेज खुलासा हुआ है. मनीष कश्यप करीब तीन हफ्ते से लापता थे. बीते दिनों उनका कंकाल नाले में पड़ा मिला था. इस बीच हत्यारोपी ओमवीर पकड़ा गया. उसने पूछताछ में बताया कि उसकी दो पत्नियां हैं, दोनों का खर्च उठाना पड़ता था, कार की किस्त भी बाकी थी, इसलिए पैसों की जरूरत के चलते लेखपाल को अगवा किया फिर नशे की हालत में उसे मौत के घाट उतार दिया.
दो पत्नी, गाड़ी की किस्त, फिर लेखपाल की हत्या
लेखपाल मनीष कश्यप हत्याकांड के आरोपी ओमवीर ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसकी दो पत्नियां हैं. एक पत्नी नोएडा में रहती है तो दूसरी बरेली में. दोनों का ही खर्च उसे उठाना पड़ता है. हाल फिलहाल में उसने एक गाड़ी भी खरीदी थी, जिसकी तीन किस्त अभी बाकी थी. इस तरीके के तमाम खर्चों के कारण वह आर्थिक रूप से परेशान था. जिसके बाद आखिर में उसने लेखपाल के अपहरण और फिरौती का प्लान बनाया. लेकिन नशे में फिरौती मिलने से पहले ही लेखपाल की हत्या हो गई.
गिरफ्तार आरोपी के बारे में बताते हुए बरेली पुलिस ने कहा कि ओमवीर कुछ समय पहले ही जेल से रिहा होकर आया है. जमानत कराने में उसके बहुत रुपये खर्च हो गए थे. जिस वजह से वह आर्थिक रूप से और कमजोर हो गया था. जो भी जमा पूंजी थी वह कोर्ट कचहरी के चक्कर में खर्च हो गई, इसलिए उसने लेखपाल का अपहरण करने और रुपये मांगने की प्लानिंग बनाई. लेकिन हत्या के बाद फिरौती मांगने से पहले ही पकड़ा गया.
पहले पिलाई शराब, फिर किया कत्ल
ओमवीर ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि घटना वाले दिन उसने चार क्वार्टर बोतल शराब ली थी. वहीं, लेखपाल ने ₹100 की नमकीन चखने के तौर पर ली थी. दोनों ने साथ में बैठकर शराब पी. कुछ लोग और भी थे. जब लेखपाल को नशा हो गया तो उसका फोन निकाल कर स्विच ऑफ कर दिया. फिर उसे फॉर्म हाउस ले जाकर बंधक बनाकर रखना था, लेकिन एक साथी घबरा गया और उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उसके दूसरे साथी ने अपने मफलर से लेखपाल की गला घोंट कर हत्या कर दी.
जानिए पूरी कहानी
आपको बता दें कि बीते 18 दिनों से लापता लेखपाल मनीष कश्यप का कंकाल रविवार शाम को बरेली के थाना कैंट क्षेत्र के नाले से बरामद हुआ था. कंकाल बरामद होने के 24 घंटे के अंदर ही पुलिस ने इस घटना में शामिल प्रमुख दो आरोपियों को गिरफ्तार करके वारदात का खुलासा कर दिया है.
पकड़े गए आरोपी ओमवीर के पास रुपयों की तंगी थी. उसपर से उसकी दो पत्नियां हैं. गाड़ी भी लोन की थी. खुद जेल में बंद था और बाहर के आने के लिए कोर्ट-कचहरी के चक्कर में काफी पैसा खर्च कर दिया था. इसलिए पैसों के लिए साथियों संग लेखपाल के अपहरण की योजना बनाई. मगर ऐन मौके पर एक साथी पीछे हट गया, जिस कारण लेखपाल को मारना पड़ा.
वहीं, एक अन्य आरोपी ने पूछताछ में बताया कि पकड़े जाने के डर से लेखपाल की हत्या कर दी गई. मकसद सिर्फ अपहरण के बाद फिरौती वसूलना था. मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने बताया कि पुलिस को उनके मोबाइल से दो आडियो रिकार्डिंग भी मिली हैं, जिसमें एक कह रहा है कि रिचार्ज कर दें, कॉल करें...और दूसरा कह रहा है कि अभी रिचार्ज मत करो, कॉल मत करो, वरना फंस जाओगे, मामला गरम है. जितना भी है, जो है, उसे ठिकाने लगा दो.
पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर लेखपाल का कंकाल नाले से बरामद किया. झाड़ी होने की वजह से शव नजर नहीं आ रहा था. आरोपी ने पुलिस को बताया कि लेखपाल की हत्या उसी रात कर दी गई थी, जिस रात उसे घर से बुलाकर ले गए थे. हत्या के बाद उन्होंने शव को नाले में फेंक दिया. जलकुंभी की वजह से शव राहगीरों को नजर नहीं आया. अंदाजा लगाया जा रहा है कि जानवरों ने शव को खा लिया होगा. इस वजह से केवल खोपड़ी का कंकाल मिला. कपड़ों से परिजनों ने पहचान की थी.
कृष्ण गोपाल राज