मध्य पूर्व में जारी तनाव के बीच ईरान की तीर्थ यात्रा पर गए उत्तर प्रदेश के बलिया के पांच लोग मंगलवार को सुरक्षित अपने गृहनगर लौट आए हैं. उन्होंने अपनी सुरक्षित वापसी के लिए भारत और ईरान की सरकारों के प्रति आभार व्यक्त किया.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, बलिया जिले के रसड़ा कस्बे के निवासी पांच तीर्थयात्री- सैयद असद अली बकर, सैयद मोहम्मद मुज्तबा हुसैन, सैयद मोहम्मद, शमा जहां और सैयद नजमुस्किब, इजरायल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष के कारण तेहरान में फंस गए थे. ये सब आज सुबह बलिया स्थित अपने गांव पहुंचे.
हुसैन ने बताया कि उनकी धार्मिक यात्रा मूल रूप से सात दिनों की थी, लेकिन संघर्ष के कारण उन्हें दो सप्ताह से अधिक समय तक ईरान में रहना पड़ा. उनका ग्रुप तीर्थयात्रा के लिए 28 मई को इराक पहुंचा और बाद में 7 जून को ईरान गया. वे 21 जून तक वहां रहे.
इस अनुभव को याद करते हुए हुसैन ने कहा कि ईरान में स्थिति "भयावह" थी और मिसाइलें दागी जा रही थीं, लेकिन लोगों का दैनिक जीवन काफी हद तक सामान्य था. उन्होंने कहा कि दुकानें खुली थीं और पूजा स्थलों पर नियमित रूप से लोगों की आवाजाही जारी थी.
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बलिया का यह ग्रुप तेहरान के एक होटल में रुका था, क्योंकि उन्हें भारत लौटने को लेकर अनिश्चितता की चिंता थी. इसको लेकर हुसैन ने कहा कि ईरानी सरकार विदेशी नागरिकों की वापसी में सक्रिय रूप से मदद कर रही है और उन्होंने उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए भारतीय दूतावास के प्रयासों की भी सराहना की.
मामले में बलिया के सांसद सनातन पांडेय ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर इन पांचों लोगों की सुरक्षित घर वापसी के लिए जरूरी कदम उठाने की मांग की थी. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी केंद्र सरकार से अपील की थी कि विशेष विमान भेजकर विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाया जाए.
हालांकि, ईरान और इजरायल के बीच 12 बाद आखिरकार जंग थम चुकी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर का ऐलान कर दिया और चेतावनी भी दी कि कोई भी पक्ष इसका उल्लंघन न करे. इस संघर्ष के दौरान भारत सरकार ने बड़ी संख्या में अपने नागरिकों को ईरान से सुरक्षित बाहर निकाल लिया.
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