संभल हिंसा की जांच रिपोर्ट पर सपा ने उठाए सवाल, कहा- 'फैसला लिखा रखा है पहले से खिलाफ, तो आप क्या खाक सफाई देंगे'

पिछले साल नवंबर में संभल की मस्जिद में सर्वे करने के दौरान हिंसा हुई थी. जिसमें कई लोग मारे गए थे. इस हिंसा की जांच के लिए सरकार ने एक न्यायिक आयोग का गठन किया गया था. जिसने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.

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संभल हिंसा के वक्त की तस्वीर (file photo) संभल हिंसा के वक्त की तस्वीर (file photo)

समर्थ श्रीवास्तव

  • लखनऊ ,
  • 28 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 3:32 PM IST

संभल हिंसा की जांच रिपोर्ट सीएम योगी को सौंपने के बाद इसपर सियासत शुरू हो गई है. समाजवादी पार्टी ने इस रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं. पार्टी के प्रवक्ता ने वसीम बरेलवी की लाइनें पढ़ते हुए कहा कि 'फैसला लिखा रखा है पहले से खिलाफ, तो आप क्या खाक सफाई देंगे.'

'आजतक' से बात करते हुए समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि भाजपा सरकार में संभल हिंसा की 'गोपनीय' रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी जाती है. रिपोर्ट मीडिया के सामने रखी जाती है. ये काम जांच कमेटी के लोग करते हैं, फिर कैसे ये रिपोर्ट गोपनीय है. 

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बकौल सपा प्रवक्ता- जांच कमेटी के हेड मीडिया के सामने चर्चा करते हैं कि इसमें क्या-क्या लिखा है, लेकिन रिपोर्ट गोपनीय बताई जाती है. सरकार का सूचना विभाग बताता है क्या चलाना और क्या नहीं चलाना है. ऐसी गोपनीय रिपोर्ट के बारे में जनता जानती है. ऐसी रिपोर्ट सिर्फ मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए आती है. 

भाजपा का बयान 

वहीं, संभल दंगों पर आई रिपोर्ट पर भाजपा नेता ने भी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा- संभल रिपोर्ट से सच सामने आया है. देशभर में जनसंख्या असंतुलन के प्रयास हो रहे हैं. संभल में हिंदुओं की आबादी कम हुई. जहां भी सुरक्षा के एहसास का अभाव होता है, वहां पलायन होता है, डेमोग्राफी चेंज हो जाती है. हमारी सरकार ने इस ओर काम किया है, पूर्व में सिर्फ तुष्टीकरण होता था.

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यूपी के मंत्री ने कही ये बात 

मंत्री जेपीएस राठौर ने कहा कि अखिलेश यादव की सरकार में दंगे होते थे तो महीनों चलते थे, योगी सरकार में मुख्यमंत्री को दंगाइयों का इलाज करना मालूम है, उन्हें दंगाइयों की गर्मी निकालना आता है. संभल में सम्राट पृथ्वीराज चौहान के जमाने और उनसे भी पूर्व बनी इमारतें मिली है, जिनमें हिंदू साक्ष्य है कुछ भी छुपा नहीं है. सपा सांसद बर्क के बयान की वजह से यह दंगा भड़का है और अगर दोबारा उनकी तरफ से इस तरह के बयान दिए जाएंगे तो योगी सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई भी करेगी. पुरानी सरकारों में संभल आतंकी संगठनों का मुख्य केंद्र हुआ करता था. 

दरअसल, संभल दंगों की जांच रिपोर्ट के मुताबिक, बार-बार दंगे-फसाद से जिले में हिंदू आबादी लगातार कम होती गई. अब सिर्फ वहां 15 प्रतिशत हिंदू बचे हैं. जबकि, आजादी के वक्त संभल नगर पालिका में 45 प्रतिशत हिंदू थे. 

रिपोर्ट में दावा किया गया कि दंगों और तुष्टिकरण की राजनीति ने इस जिले की डेमोग्राफी ही बदल दी. जहां, आजादी के वक्त संभल नगर पालिका क्षेत्र में 55% मुस्लिम और 45% हिंदू रहते थे, वहीं वर्तमान में संभल में लगभग 85% मुस्लिम और 20% हिंदू रहते हैं.

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