राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार और अयोध्या से पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार सुबह निधन हो गया. उन्होंने मध्य प्रदेश में अंतिम सांस ली. वे 75 वर्ष के थे. उनके निधन की खबर से अयोध्या, संत समाज और राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है.
रीवा में चल रही थी रामकथा, बिगड़ी तबीयत
जानकारी के मुताबिक, डॉ. रामविलास दास वेदांती 10 दिसंबर को दिल्ली से मध्य प्रदेश के रीवा पहुंचे थे, जहां उनकी रामकथा चल रही थी. इसी दौरान बुधवार को अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई. उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया. चिकित्सकों ने लगातार उपचार के प्रयास किए, लेकिन इलाज के दौरान उनका निधन हो गया.
राम मंदिर आंदोलन का मजबूत चेहरा
डॉ. वेदांती राम जन्मभूमि आंदोलन के अग्रणी चेहरों में गिने जाते थे. उन्होंने इस आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. अयोध्या से सांसद रहते हुए उन्होंने संसद से लेकर सड़कों तक राम मंदिर निर्माण की आवाज को पूरी मजबूती से उठाया था. उनके निधन को संत समाज और राम भक्तों के लिए अपूरणीय क्षति माना जा रहा है.
सीएम योगी ने जताया दुःख
सीएम योगी ने 'एक्स' पर लिखा- श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख स्तंभ, पूर्व सांसद एवं अयोध्या धाम स्थित वशिष्ठ आश्रम के पूज्य संत डॉ. रामविलास वेदांती जी महाराज का गोलोकगमन आध्यात्मिक जगत और सनातन संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति है. उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि. उनका जाना एक युग का अवसान है. धर्म, समाज व राष्ट्र की सेवा को समर्पित उनका त्यागमय जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा है. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान और शोक संतप्त शिष्यों एवं अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें.
यूपी के दोनों डिप्टी सीएम- केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक समेत तमाम बड़े नेताओं ने वेदांती के निधन पर शोक प्रकट किया है. अयोध्या में उनके निवास के बाहर लोगों की भीड़ उमड़ रही है. ऐसे में पुलिस-प्रशासन भी सुरक्षा-व्यवस्था में लग गया है. क्योंकि, वेदांती को अंतिम विदाई देने के लिए कई वीवीआईपी आ सकते हैं.
मयंक शुक्ला