यूपी स्थिति पीलीभीत जिला प्रशासन ने बड़े पैमाने पर सिख समुदाय के लोगों का कथित तौर पर ईसाई धर्म में धर्मांतरण की शिकायतों के बाद मामले की जांच शुरू कर दी है. प्रशासन ने बताया कि सिख संगठन के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा मामले को प्रशासन के संज्ञान में लाया गया है, जिसके बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई है.
जिला मजिस्ट्रेट संजय कुमार सिंह ने शनिवार को कहा, 'सिखों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को हमसे मुलाकात की और बड़े पैमाने पर सिखों के अवैध धर्मांतरण का आरोप लगाया. मैंने पूरनपुर के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट को जिला पुलिस के साथ मिलकर मामले की जांच करने का निर्देश दिया है.'
शुक्रवार को हुई बैठक के दौरान ऑल इंडिया सिख पंजाबी कल्याण परिषद के सदस्यों ने दावा किया कि हाल ही में लगभग 3,000 सिखों को ईसाई धर्म में धर्मांतरण किया गया है.
'अधिकारियों ने प्रशासन को सौंपी लिस्ट'
उन्होंने अधिकारियों को 160 परिवारों की लिस्ट भी सौंपी और आरोप लगाया कि उनका धर्म परिवर्तन कराया गया. प्रतिनिधिमंडल के सदस्य हरपाल सिंह जग्गी ने मीडिया को बताया, 'नेपाली पादरी प्रलोभन देकर लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन करा रहे हैं.'
उन्होंने फरवरी में आयोजित एक कार्यक्रम का भी जिक्र किया, जिसमें 180 परिवारों ने कथित तौर पर सिख धर्म में घर वापसी की.
जग्गी ने दावा किया कि इस तरह के अवैध धर्मांतरण 2020 से क्षेत्र के सीमावर्ती गांवों में हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि भोले-भाले पीड़ितों को दबाव, प्रलोभन और बीमारियों को ठीक करने के झूठे वादों से बहकाया गया.
इस मामले में 13 मई को अवैध धर्मांतरण के आरोप में हजारा थाने में आठ नामजद व कई अज्ञात आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
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