गाजियाबाद में 500 हाउसवाइफ्स को फ्री ड्राइविंग ट्रेनिंग दे रहा ट्रांसपोर्ट विभाग, जानिए क्या है पूरी स्कीम

NCRTC गाजियाबाद में 18 से 35 साल की 500 महिलाओं को अलग-अलग बैचों में ड्राइविंग की ट्रेनिंग दे रहा है. NCRTC ने इस स्कीम के बारे में बताते हुए अपने बयान में कहा, गाजियाबाद में हाउस वाइफ को आजीविका चलाने के लिए ड्राइविंग की ट्रेनिंग दी जा रही है.

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गाजियाबाद में हाउसवाइफ को ड्राइविंग की ट्रेनिंग रहा है NCRTC. (फाइल फोटो) गाजियाबाद में हाउसवाइफ को ड्राइविंग की ट्रेनिंग रहा है NCRTC. (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 11:28 AM IST

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हाउस वाइफ को उनकी आजीविका चलाने और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए ड्राइविंग की ट्रेनिंग देगी. NCRTC की इस पहल के अंतर्गत 18 से 35 साल की आयु लगभग 500 महिलाओं को अलग-अलग बैचों में ड्राइविंग की ट्रेनिंग दी जा रही है. 

'500 महिलाओं को मिलेगी ट्रेनिंग'

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समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इस योजना के बारे में बताते हुए  NCRTC ने अपने बयान में कहा कि एनसीआरटीसी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हाउस वाइफ को आजीविका और आर्थिक रूप से इंडेपेंडेंट बनाने के लिए 18 से 35 साल की 500 महिलाओं को अलग-अलग बैचों में ड्राइविंग की ट्रेनिंग दी जा रही है. यह पहल महिलाओं को सक्षम बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई है ताकि वे अपनी आजीविका बढ़ा सकें और आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें.

कई इलाकों में कराया था सर्वे 

इससे पहले, सर्वेक्षण के माध्यम से गाजियाबाद के विभिन्न इलाकों में महिलाओं के लिए एक जागरूकता अभियान भी चलाया गया था, जिसमें गाड़ी चलाना सीखा कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने के विचार पर जोर दिया गया था. इसी सर्वेक्षण के आधार पर गाड़ी चलाना सीखने में रुचि रखने वाली महिलाओं की एक सूची तैयार की गई है. 

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'4 चरणों में होगी महिलाओं की ट्रेनिंग'

महिलाओं को मारुति मोटर ट्रेनिंग सेंटर के सहयोग से ट्रेनिंग दी जाएगी. यह ट्रेनिंग 21 दिन तक 4 चरणों में चलेगी. शुरुआती चरण में लगभग चार से पांच दिन तक महिलाओं को ड्राइविंग के नियमों और ड्राइविंग के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में एक क्लास के माध्यम से जानकारी दी जाएगी. इसके बाद दूसरे चरण में 3 दिनों तक वाहनों के बारे में तकनीकी जानकारी दी जाएगी. इसके बाद तीसरे चरण में उन्हें चार से पांच दिन तक सिमुलेटर के माध्यम से गाड़ी चलाते समय नियंत्रण बनाए रखना सिखाया जाता है.

बयान में कहा गया, अंतिम और चौथे चरण में महिलाओं को नियंत्रित वातावरण में सड़कों पर ड्राइविंग का अभ्यास करने के लिए निर्देशित किया जा रहा है. इसके अलावा एनसीआरटीसी इन महिला प्रतिभागियों को ड्राइविंग के लिए लर्निंग लाइसेंस प्राप्त करने में सहायता कर रहा है.

क्या है NCRTC

आपको बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम भारत सरकार, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली राज्यों की एक संयुक्त उद्यम कंपनी है. जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को बेहतर तरीके से जोड़े रखने के लिए इसे 'रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम' परियोजना पर काम करता हैं.

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