2 दिन, 2 बार गिरफ्तारी, दोनों बार जमानत... मुरादाबाद में करणी सेना के योगेंद्र राणा पर पुलिस से झगड़ा और रंगदारी मांगने का था आरोप

करणी सेना के नेता योगेंद्र राणा लगातार विवादों में हैं. बीते गुरुवार और शनिवार को दो अलग-अलग घटनाओं में उनकी दो बार गिरफ्तारी हुई, लेकिन दोनों बार उन्हें तुरंत जमानत मिल गई. राणा को शराब के नशे में लोगों और फिर पुलिसकर्मियों से भिड़ने के आरोप में भी गिरफ्तार किया गया था. उनके समर्थक पुलिस पर फंसाने का आरोप लगा रहे हैं.

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24 घंटे में जमानत पर बाहर आया योगेंद्र राणा (Photo- ITG) 24 घंटे में जमानत पर बाहर आया योगेंद्र राणा (Photo- ITG)

जगत गौतम

  • मुरादाबाद ,
  • 08 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:33 PM IST

यूपी के मुरादाबाद में करणी सेना के नेता योगेंद्र राणा का नाम पिछले कुछ समय से लगातार विवादों में रहा है. बीते गुरुवार और शनिवार को हुई दो अलग-अलग घटनाओं में एक बार फिर से राणा का नाम सामने आने के बाद सवाल उठने लगे हैं. इन घटनाओं ने पुलिस व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं. 

दरअसल, योगेंद्र राणा की 2 दिन में 2 बार गिरफ्तारी हुई लेकिन दोनों बार उसे जमानत मिल गई. जमानत पर बाहर आने के बाद राणा पुलिसवालों के सामने मुस्कुराता हुआ नजर आया. इस बीच सोशल मीडिया पर राणा के समर्थकों की तमाम पोस्ट वायरल हो रही हैं जिनमें कहा जा रहा है कि करणी सेना के उपाध्यक्ष को पुलिस और प्रशासन फंसा रहा है. इसको लेकर उन्होंने थाने के बाहर धरना भी दिया. 

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आपको बता दें कि गुरुवार रात मझोला क्षेत्र में योगेंद्र राणा शराब के नशे में लोगों से भिड़ता नजर आया. जब किसी ने पुलिस को फोन किया तो हालात और बिगड़ गए. मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने बताया कि राणा की कार संदिग्ध हालत में खड़ी थी, शराब की गंध इतनी तेज थी कि दूरी से ही महसूस हो रही थी. मगर जैसे ही पूछताछ शुरू हुई, राणा भड़क गया और पुलिसवालों से ही भिड़ बैठा.

हैरानी की बात ये रही कि इतने बड़े हंगामे के बाद भी राणा 24 घंटे तक लॉकअप में नहीं रहा. थोड़ी ही देर बाद योगेंद्र राणा कचहरी से जमानत लेकर हंसते हुए बाहर निकलते दिखाई दिया. उसके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर लिखा- “शेर वापस आ गया… वेलकम बैक किंग!”

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गौरतलब है कि शनिवार रात ऐसी ही कहानी दोबारा दोहराई गई. कटघर इलाके में पड़ोसी सुमित ठाकुर ने आरोप लगाया कि राणा ने उसकी कनपटी पर पिस्टल लगाकर रंगदारी मांगी. रिपोर्ट दर्ज होते ही पुलिस ने राणा को पकड़ लिया. लेकिन कुछ ही देर में थाने का माहौल बदलने लगा. उसके भाई चैतन्य ठाकुर और करीब 15–16 लोग थाने में जमा हो गए. बातों-बातों में दबाव इतना बढ़ गया कि राणा को रात 2 बजे थाने से ही छोड़ दिया गया.

पीड़ित बार-बार गुहार लगाता रहा कि उसके साथ अन्याय हुआ है, लेकिन सिस्टम 'दबाव' में झुकता हुआ दिखाई दिया. जबकि, गुरुवार की रात SSP ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे. वहीं, योगेंद्र राणा के समर्थकों का कहना है कि झूठे केस में राणा को फंसाया गया है और पुलिस प्रशासन की ये मनमानी नहीं चलेगी.

उधर, इस घटना पर एसपी सिटी रणविजय सिंह का कहना था कि मझोला क्षेत्र में पुलिस टीम के साथ अभद्रता की गई और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाई गई. दो लोगों को हिरासत में लिया गया और उनका मेडिकल कराया गया. गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है. अन्य आरोपियों की तलाश जारी है, सभी को कोर्ट में पेश किया जाएगा. 

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