मेरठ में 'भैया' कहने पर भड़का डॉक्टर! किसान की बेटी का इलाज रोका, भाकियू का हंगामा

मेरठ जिला अस्पताल में भाकियू पदाधिकारी की 6 वर्षीय बेटी का इलाज सिर्फ इसलिए रोका गया क्योंकि उन्होंने डॉक्टर के सहयोगी कर्मचारी को 'भैया' कह दिया था. कर्मचारी की अभद्रता से नाराज़ भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी के नेतृत्व में किसानों ने धरना दिया. बाद में अस्पताल प्रभारी को हाथ जोड़कर मामला शांत करना पड़ा.

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मेरठ जिला अस्पताल में धरने पर बैठे किसान (Photo- ITG) मेरठ जिला अस्पताल में धरने पर बैठे किसान (Photo- ITG)

उस्मान चौधरी

  • मेरठ ,
  • 16 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:13 PM IST

Uttar Pradesh News: मेरठ के जिला अस्पताल में सोमवार को उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया, जब एक भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के पदाधिकारी की बेटी का इलाज सिर्फ इसलिए रोक दिया गया क्योंकि उन्होंने डॉक्टर को 'भैया' कह दिया था. इस घटना से भड़के भाकियू कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी के नेतृत्व में अस्पताल में धरना दिया, जिसके बाद एसआईसी (अस्पताल प्रभारी) को हाथ जोड़कर मामले को शांत करना पड़ा.

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यह मामला मेरठ के प्यारेलाल शर्मा जिला अस्पताल का है. भाकियू के जिला सचिव बिट्टू जंगेठी अपनी 6 साल की बेटी शिवांशी (जो सिर दर्द की समस्या से पीड़ित थी) को लेकर बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाने पहुंचे. आरोप है कि जब उन्होंने डॉक्टर के सहयोगी कर्मचारी को 'भैया' कहकर पुकारा, तो कर्मचारी भड़क गया. उसने बिट्टू को फटकार लगाते हुए अभद्रता की और इलाज करने से मना कर दिया.

आरोप है कि डॉक्टर/कर्मचारी ने गुस्से में पर्चा फेंक दिया और विवाद बढ़ने पर अस्पताल के गार्ड को बुला लिया. इतना ही नहीं, उसने पुलिस को बुलाने की धमकी देते हुए डायल 112 को कॉल कर लिया. मायूस बिट्टू ने इसकी सूचना तत्काल जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी को दी. सूचना मिलते ही चौधरी सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ जिला अस्पताल पहुंच गए और उन्होंने एसआईसी से शिकायत की.

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एसआईसी/कार्यवाहक अधीक्षक डॉ. योगेश अग्रवाल के कक्ष में वार्ता के दौरान किसान कार्यकर्ता असंतुष्ट हो गए और वहीं जमीन पर धरने पर बैठ गए. इसी दौरान, तनाव के माहौल में शिवांशी (बीमार बच्ची) को चक्कर आ गए, जिससे अफरातफरी मच गई. तब डॉक्टरों ने तुरंत उसका इलाज शुरू किया और कार्यवाहक अधीक्षक डॉ. योगेश अग्रवाल ने हाथ जोड़कर माफी मांगी, तब जाकर मामला शांत हुआ. किसानों को आश्वासन दिया गया कि आगे किसानों के साथ उचित व्यवहार किया जाएगा और अभद्रता करने वाले कर्मचारी पर कार्रवाई होगी.

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