'जो हश्र होना चाहिए था वह हो गया, ईश्वर ने हमारी सुन ली', अतीक और अशरफ की हत्या पर गनर संदीप निषाद का परिवार

Atiq and Ashraf murder: अतीक और अशरफ की हत्या के बाद से पूरे यूपी में अलर्ट है. हर जिले में पुलिस अलर्ट मोड पर है. हत्याकांड के तीनों आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. उनकी पुरानी क्राइम हिस्ट्री भी मिली है. एक पर पहले से ही हत्या का मामला दर्ज है.

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शहीद सिपाही संदीप निषाद की तस्वीर के साथ लोग. शहीद सिपाही संदीप निषाद की तस्वीर के साथ लोग.

राजीव कुमार

  • आजमगढ़,
  • 16 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 4:30 PM IST

उमेश पाल हत्याकांड में शहीद हुए गनर संदीप निषाद के परिजनों को जब अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जानकारी लगी तो उन लोगों की प्रतिक्रिया हैरत भरी रही. संदीप के भाई ने कहा कि उन लोगों ने कईयों के घर उजाड़े, मां-बहनों की मांग उजाड़ी, जमीनों पर कब्जा किया. ऐसा करने वाले लोगों का यही परिणाम होना चाहिए. 

परिजनों ने यह भी कहा कि जैसे हम लोग संदीप का गम मना रहे हैं वैसे ही आज अतीक के परिवार को भी पता चला कि मौत का गम क्या होता है. वहीं, अतीक और अशरफ के हत्यारों को लेकर परिजनों ने कहा कि हो सकता है कि इनके माता-पिता या भाई-बहन की हत्या अतीक और उनके गुर्गों ने की हो, जिसका उन्होंने बदला लिया है. पुलिस पूरे प्रकरण की जांच कर रही है जो भी खुलासा होगा वह देखा जाएगा, लेकिन ईश्वर ने हम लोगों की सुन ली और जो हश्र होना चाहिए था आज वह हो गया है. 

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अपराधियों का है क्रिमिनल बैकग्राउंड

प्रयागराज में अतीक अहमद और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों अपराधियों का क्रिमिनल बैकग्राउंड है. ये तीनों आरोपी यूपी के अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं. अतीक हत्याकांड में शामिल सनी हमीरपुर, अरुण उर्फ कालिया कासगंज और लवलेश तिवारी बांदा जिले का रहने वाला है.

सनी सिंह के खिलाफ 15 केस

दर्ज सनी सिंह हमीरपुर जिले के कुरारा कस्बे का रहने वाला है. वो कुरारा पुलिस थाने का हिस्ट्रीशीटर है, जिसकी हिस्ट्रीशीट नंबर 281A है. उसके खिलाफ करीब 15 केस दर्ज हैं. उसके भाई पिंटू ने बताया कि वो बीते 10 साल से अपने घर नहीं आया है. सनी के पिता जगत सिंह और मां की मौत हो चुकी है.

लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या (फाइल फोटो)

सनी के तीन भाई थे, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है और दूसरा भाई पिंटू घर पर रहता है और चाय की दुकान चलाता है. भाई ने बताया कि ये ऐसे ही घूमता-फिरता रहता था और फालतू के काम करता रहता था. हम उससे अलग रहते हैं, वो बचपन में ही घर से भाग गया था.

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अरुण के खिलाफ कई मामले

अतीक-अशरफ हत्याकांड में कासगंज का अरुण उर्फ कालिया भी शामिल था. वो सोरों थाना क्षेत्र के बघेला पुख्ता का रहने वाला है. अरुण के पिता का नाम हीरालाल बताया जा रहा है. वो छह साल से बाहर रह रहा था. उसके माता-पिता की मौत करीब 15 पहले हो चुकी थी. अरुण ने जीआरपी थाने में तैनात पुलिसकर्मी की हत्या कर दी थी, जिसके बाद से ही वो फरार है. अरुण के दो छोटे भाई भी हैं, जिनके नाम धर्मेंद्र और आकाश हैं, जोकि फरीदाबाद में रहकर कबाडे का काम करते हैं.

पहले भी जेल जा चुका है लवलेश

बांदा में लवलेश तिवारी के घर का पता चल गया है. वो शहर कोतवाली के क्योतरा इलाके का रहने वाला है. उसके पिता ने आजतक से बात करते हुए कहा कि हमसे उसका कोई मतलब नहीं था. वह कभी-कभी ही घर आता-जाता था. 5-6 दिन पहले ही बांदा आया था. लवलेश इससे पहले एक मामले में जेल भी जा चुका है. लवलेश के खिलाफ चार पुलिस केस हैं. इनमें पहले मामले में उसे एक महीने की सजा हुई थी. दूसरा मामला लड़की को थप्पड़ मारने का था, उसमें डेढ़ साल की जेल हुई थी. तीसरा मामला शराब से जुड़ा हुआ था, इसके अलावा एक और मामला है.

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