उत्तर प्रदेश के इटावा में महिला और उसकी मासूम बेटी की मगध एक्सप्रेस से फेंक कर हत्या मामले में कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. अपर जिला जज फास्ट ट्रैक सुनीता शर्मा ने मृतका के सिविल इंजीनियर पति को दोषी पाए जाने पर उम्रकैद की सजा सुनाई है. ये हत्याएं साल 2020 में हुई थीं. इटावा के जिला शासकीय अधिवक्ता शिवकुमार शुक्ला ने बताया कि पक्ष एवं विपक्ष की बहस के बाद अपर जिला जज फास्ट ट्रैक सुनीता शर्मा ने उम्र कैद की यह सजा सुनाई है.
उन्होंने बताया कि सिविल इंजीनियर पति को उम्र कैद की सजा सुनाए जाने में पत्नी के मोबाइल सिम ने बड़ी भूमिका अदा की है. असल में पत्नी और अपनी एक वर्ष की बेटी को ट्रेन से फेंकते वक्त इंजीनियर ने पत्नी का मोबाइल फोन रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया था लेकिन उसका सिम अपने मोबाइल फोन में डाल लिया था. इंजीनियर की यही चूक उसे अपनी पत्नी और बेटी को हत्या का दोषी ठहराने और उम्रकैद की सजा दिलाने में बड़ा अहम साबित हुई है. मालूम हुआ कि इंजीनियर ने किसी अन्य महिला से अवैध संबंधों के चलते अपनी पत्नी और अपनी बेटी की हत्या की वारदात को अंजाम दिया था.
शुक्ला ने बताया कि 27 जनवरी 2020 को दिल्ली से पटना जाते समय सिविल इंजीनियर चन्दन राय चौधरी ने षड्यंत्र के तहत चलती मगध एक्सप्रेस ट्रेन से अपनी पत्नी पूर्वी गांगुली और एक साल की मासूम बेटी शालिनी को रेल पटरी पर फेंक दिया था, जिससे दोनों की दर्दनाक मौत हो गई थी, इंजीनियर ने अपनी पत्नी और मासूम बेटी को ट्रेन से फेंकने के बाद उसके मोबाइल फोन को भी तोड़कर रेल पटरी पर फेंक दिया लेकिन उसका सिम निकाल कर अपने मोबाइल में डाल लिया था. पत्नी और बच्ची को रेल पटरी पर फेंकने के बाद उसने अपनी साली के फोन से ही दोनों के लापता होने की जानकारी दी थी. दोपहर ढाई बजे उसने दोनों की मौत होने की पुष्टि कर फोटो भेज दी थी. वहीं इससे पहले जब दोनों के बारे में पूछा जा रहा था तो पति ने यह कह दिया था कि वह लोग सो रहे हैं जब जाग जायेंगे तब आपसे बात करवा दी जाएगी .
फंफूद रेलवे स्टेशन के पास पूर्वी गांगुली और एक साल की मासूम बेटी शालिनी के शव बरामद हुए थे. पूर्वी के पिता और इंजीनियर के ससुर प्रदोष गांगुली ने 18 मार्च 2020 को इटावा के राजकीय रेलवे पुलिस थाने में इंजीनियर चंदन राय समेत उसके परिवार के कई लोगों के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया,जिसमें चन्दन और उसकी मां को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया था. लेकिन अदालत ने पुलिस की जांच पड़ताल के आधार पर दहेज हत्या से मामला हटा कर हत्या की धारा 302 में तब्दील कर चलाया.
शासकीय अधिवक्ता शुक्ला बताते हैं कि इंजीनियर चंदन राय चौधरी की एक गलती ने उसको उम्रकैद की सजा दिलाने में अहम भूमिका अदा की है. वास्तविकता में अपनी पत्नी और बेटी को मगध एक्सप्रेस से रेलवे ट्रैक पर फेंक कर हत्या करने के बाद चंदन राय ने उसके मोबाइल को भी रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया था लेकिन सिम अपने मोबाइल फोन में डाली जिसके बाद वह अपनी साली और ससुराल के लोगों से लगातार बात करता रहा.
अदालत में बहस के दरमियान इसी बिंदु के आधार पर इंजीनियर चंदन राय चौधरी को हत्या का दोषी माना गया है और उसे उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. चंदन राय चौधरी को उम्र कैद की सजा के लिए करीब 12 लोगों को अहम गवाही कराई गई है जिसके बाद इस मामले में सजा सुनाई गई. हत्या की शिकार हुई पूर्वी मूलरूप से बिहार के पटना जिले के आर.एन.हाउस यारपुर, थाना गर्दनीबाग पटना की रहने वाली थी.
अमित कुमार गुप्ता