मैनपुरी के इस गांव में घूम रहे सैकड़ों कुंवारे लड़के, खस्ताहाल सड़क के चलते नहीं आ रहे रिश्ते, अखिलेश यादव भी कर चुके हैं क्षेत्र की नुमाइंदगी

Mainpuri News: इस गांव का नाम नगला खुशाली है, जो करहल विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है. यहां के बाशिंदे नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं, क्योंकि गांव को जाने वाला जो रास्ता है वो बरसात के मौसम में दलदल व कीचड़ में तब्दील हो जाता है. इससे सबसे बड़ी समस्या गांव के युवाओं के लिए खड़ी हो गई है. 

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मैनपुरी में सड़क के लिए प्रोटेस्ट करते ग्रामीण (Photo: ITG) मैनपुरी में सड़क के लिए प्रोटेस्ट करते ग्रामीण (Photo: ITG)

पुष्पेंद्र सिंह

  • मैनपुरी ,
  • 11 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 4:11 PM IST

यूपी के मैनपुरी जिले का एक गांव चर्चा में है. क्योंकि, इस गांव के अधिकांश लड़कों की शादी नहीं हो पा रही. इसकी वजह है खस्ताहाल सड़क. इसको लेकर ग्रामीणों ने धरना-प्रदर्शन भी किया है. दरअसल, गांव में सड़क न होने के कारण युवाओं के रिश्ते नहीं आ रहे. 100 से अधिक लड़के कुंवारे घूम रहे हैं, जबकि उनकी शादी की उम्र हो गई है और वो दुल्हन की तलाश में हैं. 

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आपको बता दें कि इस गांव का नाम नगला खुशाली है, जो करहल विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है. यहां के बाशिंदे नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं, क्योंकि गांव को जाने वाला जो रास्ता है वो बरसात के मौसम में दलदल व कीचड़ में तब्दील हो जाता है. इससे सबसे बड़ी समस्या गांव के युवाओं के लिए खड़ी हो गई है. 

ग्रामीणों की माने तो नगला खुशाली गांव में बदहाल सड़क की वजह युवाओं के विवाह के लिए रिश्ते तक नहीं आ रहे. एक सैकड़ा से अधिक अविवाहित युवा इस गांव में ऐसे हैं जिनकी शादी की उम्र निकलती जा रही है. ये गांव घिरोर थाना क्षेत्र में स्थित है. 

बेहद खराब है गांव की सड़कें  

आप जब इस गांव को जाने वाली सड़क को देखेंगे तो सोचेंगे कि सड़क में गढ्ढे हैं या गढ्डों में सड़क. बरसात में ये सड़क पानी और कीचड़ से तालाब और दलदल में तब्दील हो जाती है. फिर इस पर वाहन तो छोड़िये, पैदल चलना भी दूभर हो जाता है. 

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अखिलेश यादव रह चुके हैं क्षेत्र से विधायक 

गौरतलब है कि ये वही करहल विधानसभा क्षेत्र है जहां से सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव भी विधायक रह चुके हैं. लगातार समाजवादी पार्टी के ही यहां से विधायक रहे हैं. फिर भी इन बेचारे गांव वालों की सुध लेने वाला कोई भी नहीं है. ग्रामीणों ने कई बार जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से रास्ते के लिए गुहार लगाई लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा. 

यादव बाहुल्य इस गांव के लोगो का ज्यादातर समर्थन हमेशा ही समाजवादी पार्टी को ही रहा है फिर चाहे वो लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा, हमेशा यहां साइकिल ही आगे रही है. इस गांव में एक सरकारी स्कूल भी है लेकिन बच्चे कम होने की वजह से उसको भी तीन किलोमीटर दूर मर्ज कर दिया गया है. अब बच्चों के अभिभावक उनको दूर विद्यालय भेजने को तैयार नहीं है. इसके लिए भी ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया था. मगर बदहाल सड़क के साथ स्कूल मर्जर को लेकर कोई उनकी नहीं सुन रहा. 

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