लक्जरी गाड़ियों के लोन फ्रॉड का मास्टरमाइंड मेरठ से गिरफ्तार, UP STF ने किया करोड़ों की ठगी का पर्दाफाश

उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने एक बड़े फाइनेंशियल फ्रॉड का खुलासा करते हुए मेरठ से लक्जरी गाड़ियों के फर्जी लोन रैकेट के मास्टरमाइंड अनंगपाल नागर को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे अलग-अलग बैंकों से करोड़ों रुपये के लोन लेकर महंगी गाड़ियां फाइनेंस करवाईं और बाद में उन्हें बेच दिया. इस गिरोह की जालसाजी का तरीका बेहद पेशेवर था, जिसमें प्रेमिका के नाम पर फर्जी फर्म बनाना, गलत पते पर खाते खुलवाना और बैंकों को आय का झूठा रिकॉर्ड दिखाना शामिल था.

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी. पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.

संतोष शर्मा

  • लखनऊ,
  • 04 जून 2025,
  • अपडेटेड 2:08 PM IST

उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) ने करोड़ों रुपये की लक्जरी गाड़ियों के फर्जी लोन घोटाले का खुलासा करते हुए गैंग के मास्टरमाइंड अनंगपाल नागर को गिरफ्तार कर लिया है. यह कार्रवाई मेरठ के भावनपुर इलाके से की गई, जहां आरोपी लंबे समय से फरार चल रहा था और विभिन्न बैंकों को चूना लगाने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहा था.

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एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि अनंगपाल और उसका गिरोह अलग-अलग बैंकों से महंगी गाड़ियां जैसे फॉर्च्यूनर, स्कॉर्पियो और हाईराइडर फाइनेंस कराता था. इसके लिए वे फर्जी दस्तावेज, आधार कार्ड, पैन कार्ड और गलत पते का सहारा लेते थे. लोन स्वीकृत होने के बाद वे गाड़ी तो ले लेते थे, लेकिन जिस पते पर बैंक को सूचना दी जाती थी, वह छोड़कर किसी अन्य स्थान पर रहने लगते थे. इससे बैंक उनकी किस्तों की वसूली नहीं कर पाते थे.

पूछताछ में अनंगपाल ने खुलासा किया कि उसने अपनी गर्लफ्रेंड प्रीति के नाम पर 'प्रीति डेयरी' के नाम से एक फर्जी फर्म भी बनाई थी. यह फर्म अंसल टाउन, मोदीपुरम मेरठ के फ्लैट में दिखाई गई, जबकि उस पते पर ऐसा कोई व्यवसाय ही नहीं है. इस फर्जी फर्म का उपयोग बैंक लोन लेते वक्त आय और व्यवसायिक पहचान साबित करने के लिए किया गया.

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आरोपी ने बैंकों को चकमा देने के लिए अपने कई साथियों के नाम पर खाते खुलवाए और उनमें गलत पते दर्ज करवाए. इन खातों में पैसे का लेन-देन इस तरह दिखाया गया कि बैंक को यह लगे कि आवेदक की आय स्थिर और नियमित है, ताकि सिविल स्कोर मजबूत नजर आए और लोन आसानी से पास हो जाए.

अब तक की जांच में सामने आया है कि अनंगपाल ने एसबीआई ब्रहमपुरी मेरठ शाखा से अपने गांव के साथी के नाम पर एक फॉर्च्यूनर 40 लाख रुपये में फाइनेंस कराई थी. इसके अलावा उसने इंडियन बैंक यूनिवर्सिटी मेरठ से अपनी महिला मित्र के नाम पर स्कॉर्पियो एन 18.5 लाख में फाइनेंस करवाई. बाद में यह गाड़ी फरवरी 2025 में 11 लाख में मोहित सिवाच नाम के व्यक्ति के पास गिरवीं रख दी गई. इसी तरह टोयोटा फाइनेंस से एक हाईराइडर गाड़ी 18 लाख में फाइनेंस कराई गई, जिसे प्रदीप शर्मा नाम का व्यक्ति इस्तेमाल कर रहा है.

इसके अलावा एक अन्य हाईराइडर गाड़ी आईसीआईसीआई बैंक गुड़गांव से 18 लाख रुपये में फाइनेंस कराई गई, जो कि एक फर्जी पते पर थी. बाद में गाजियाबाद की स्पिनी कंपनी को 16 लाख में बेच दी गई. वहीं एक फॉर्च्यूनर गाड़ी अनंगपाल ने अपनी पत्नी के नाम पर 40 लाख में फाइनेंस कराई और बाद में उसे 14 लाख में विक्की पंडित निवासी आबूलेन मेरठ को बेच दिया.

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एसटीएफ ने अनंगपाल को गिरफ्तार कर लिया है और अब उसके गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश तेज कर दी गई है. पुलिस को शक है कि इस गिरोह ने अब तक दर्जनों गाड़ियों को इसी तरह फर्जी दस्तावेजों के जरिए लोन पर लिया और फिर उन्हें बेचकर मोटा मुनाफा कमाया. पूरे मामले की जांच की जा रही है.

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