उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कार से पहुंचे जज के बेटे ने हंगामा कर दिया. दरअसल, जज के बेटे की नो-पार्किंग में खड़ी कार को ट्रैफिक पुलिस ने उठा लिया था. इसी बात को लेकर जज का बेटा आग बबूला हो गया और पुलिसकर्मियों को खरी-खोटी सुना दी. अंत में 1100 रुपये का जुर्माना भरकर कार छुड़वाई. इस मामले का वीडियो वायरल हो रहा है.
लखनऊ के हजरतगंज में नो पार्किंग में खड़ी कार उठाने पर जज के बेटे ने खूब हंगामा किया. अपर जिला जज के बेटे ने कर्मचारियों को खरी खोटी सुनाई और अपशब्द कहे. इसी के साथ धमकी भी दी कि थाने में चलकर थप्पड़ खिलवाऊंगा.
हजरतगंज में सफेद रंग की स्विफ्ट डिजायर कार नो पार्किंग जोन में खड़ी थी. कार को क्रेन से उठाने से पहले ट्रैफिक पुलिस कर्मियों ने लाउडस्पीकर से अनांउस किया कि जिस किसी की कार नो पार्किंग में खड़ी है, वह यहां से ले जाएं, अन्यथा क्रेन के जरिए टो कर लिया जाएगा.
यहां देखें वीडियो
ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने लगभग 2 मिनट तक अनाउंस किया, लेकिन जब वाहन मालिक मौके पर नहीं आया तो यातायात पुलिसकर्मियों ने क्रेन से कार में जैमर लगाकर उसे टो किया और यार्ड लेकर चले गए. जब वाहन मालिक ने देखा कि कार मौके पर नहीं है तो आसपास के लोगों से पूछताछ की. लोगों ने बताया कि कार नो पार्किंग जोन से ट्रैफिक पुलिस ले गई है.
इसके बाद वाहन मालिक वहां पहुंचा, जहां गाड़ियों को खड़ा किया जाता है. ट्रैफिक बूथ यार्ड में जज के बेटे ने कर्मचारियों को रौब दिखाकर हंगामा किया और कहा कि गाड़ी पर पढ़ो क्या लिखा हुआ है. देख इसको, तेरी ऐसी तैसी कर दूंगा. इसी के साथ धौंस दिखाते हुए कहा कि गाड़ी को तत्काल जैमर से फ्री किया जाए और सुपुर्द किया जाए. अगर ऐसा नहीं किया तो थाने ले जाकर थप्पड़ खिलवाऊंगा.
ट्रैफिक कर्मियों को दी धमकी
जज के बेटे ने कहा कि अगर गाड़ी को नहीं खोला तो वह थप्पड़ मारेगा और जेल में चक्की पिसवाएगा. आखिर उसकी गाड़ी उठाई कैसे गई. वहीं ट्रैफिक कर्मी कहते रहे कि यह काम उनका नहीं है. यह काम नगर निगम का है. नगर निगम आकर जैमर खोलेगी और जब तक अधिकारी नहीं कहेंगे, तब तक गाड़ी के पहिए में लगे जैमर को नहीं खोला जाएगा.
1100 रुपये का शमन शुल्क देकर छूटी कार
ट्रैफिक कर्मी ने कहा कि ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस से बात कर लो. इस पर जज के बेटे ने कहा कि क्या वह अब उनको यहां बुलाकर लाएगा. उसे अर्जेंट काम है. इस पर ट्रैफिक कर्मी ने कहा कि ज्वाइंट कमिश्नर का नंबर दे दे रहा हूं, बात कर लो. इस बहस के बाद अंत में 1100 रुपये शमन शुल्क अदा करने के बाद ही कार छूटी. बताया जा रहा है कि गाड़ी मेरठ में तैनात प्रिंसिपल जज के नाम पर रजिस्टर्ड है. लखनऊ के हजरतगंज इलाके में शनिवार को चलाए गए अभियान में 65 गाड़ियां उठायी गईं और 456 वाहनों का ई-चालान हुआ.
सत्यम मिश्रा