उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक बड़ी खबर सामने आई है. एटीएस (एंटी टेररिज्म स्क्वाड) ने परवेज अंसारी के घर से ऐसे कई सीक्रेट डिवाइस और हथियार बरामद किए हैं, जो उसके देश और विदेश के संपर्कों का बड़ा खुलासा कर सकते हैं. आजतक को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, एटीएस की टीम को छापेमारी के दौरान 6 की-पैड मोबाइल फोन मिले हैं, जिनका इस्तेमाल परवेज जम्मू और भारत से बाहर मौजूद अपने संपर्कों से बातचीत के लिए करता था.
एटीएस सूत्रों के अनुसार, इन मोबाइलों में एक इंटरनेशनल सिम कार्ड भी पाया गया है, जो विदेशी नेटवर्क से जुड़ा था. चौंकाने वाली बात यह है कि परवेज ने सिग्नल ट्रेसिंग से बचने के लिए एक विशेष सिस्टम भी तैयार किया हुआ था. यह सिस्टम मोबाइल लोकेशन को ब्लॉक करने और कॉल ट्रैकिंग रोकने में मदद करता था.
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आजतक की एक्सक्लूसिव तस्वीरों में वे मोबाइल और डिवाइस देखे जा सकते हैं, जिनका इस्तेमाल परवेज करता था. एटीएस को परवेज के घर से एक कंप्यूटर सिस्टम और एक सीक्रेट डिस्क भी मिली है. शुरुआती जांच में यह डिस्क बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि इसमें कई संवेदनशील दस्तावेज और संभावित सबूत मौजूद हैं. तकनीकी विशेषज्ञों की टीम इस डिस्क का डेटा रिकवर करने में जुटी है, ताकि परवेज के नेटवर्क और उसकी गतिविधियों के बारे में ठोस जानकारी मिल सके.
इतना ही नहीं, परवेज के ठिकाने से तीन बड़े चाकू और छुरे भी जब्त किए गए हैं. ये हथियार संदिग्ध परिस्थितियों में रखे गए थे, जिनका उपयोग वह आपराधिक गतिविधियों के लिए करता था.
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एटीएस अब बरामद उपकरणों की फॉरेंसिक जांच करा रही है. बरामद मोबाइल और डिस्क से देशविरोधी गतिविधियों और विदेशी फंडिंग से जुड़े सुराग मिलने की संभावना है. परवेज अंसारी के संपर्क जम्मू-कश्मीर से लेकर विदेशों तक फैले हुए थे, और वह एन्क्रिप्टेड कॉल और सोशल मीडिया चैनलों के जरिए संवाद करता था. एटीएस अब इन सब लिंक की गहन पड़ताल कर रही है.
कौन है परवेज अंसारी?
दिल्ली बम धमाके के मामले में फरीदाबाद से हिरासत में लिया गया डॉ. परवेज अंसारी लखनऊ के इंटीग्रल मेडिकल कॉलेज में सीनियर रेजिडेंट के पद पर तैनात था. परवेज उसी शाहीन का छोटा भाई है, जिसे इस धमाके के सिलसिले में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.
पुलिस जांच में सामने आया कि परवेज ने एरा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की थी. इसके बाद वह आगरा मेडिकल कॉलेज से एमडी की पढ़ाई करने गया था. पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने 16 जुलाई 2021 को इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में सीनियर रेजिडेंट के रूप में ज्वाइन किया था.
वहीं, लखनऊ के खंदारी बाजार क्षेत्र में रहने वाले परवेज के पड़ोसियों ने उसे एक बेहद शांत और अंतर्मुखी व्यक्ति बताया. स्थानीय लोगों ने कहा कि वह अपने काम से काम रखता था और किसी भी सामाजिक या पड़ोसी गतिविधियों में शामिल नहीं होता था. कुछ लोगों ने याद किया कि नौकरी से पहले जब वह मोहल्ले के युवाओं के साथ क्रिकेट खेला करता था, तब भी वह बहुत कम बोलता था.
आशीष श्रीवास्तव