लालू परिवार के विवाद से चर्चा में आए रमीज नेमत का बृजभूषण के विरोधी गुट से क्या कनेक्शन है?

आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार में सियासी रार से तेजस्वी यादव के दोस्त रमीज नेमत का नाम भी चर्चा में है. रमीज का सियासी ताल्लुक यूपी के ऐसे राजनीतिक घराने से है, जिसकी अदावत बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण से रही है.

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रमीज नेमत का बीजेपी के सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह के साथ रिश्ते (Photo-ITG) रमीज नेमत का बीजेपी के सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह के साथ रिश्ते (Photo-ITG)

कुबूल अहमद

  • नई दिल्ली,
  • 17 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:51 PM IST

बिहार विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद लालू परिवार में सियासी संग्राम छिड़ गया है. लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने सारे विवाद के लिए तेजस्वी यादव के जिन दो सलाहकारों का नाम लिया है, उसमें एक नाम संजय यादव है और दूसरा नाम रमीज नेमत का है. संजय हरियाणा के हैं तो रमीज का ताल्लुक उत्तर प्रदेश से है.

रमीज नेमत की तेजस्वी यादव से दोस्ती काफी गहरी है. दोनों साथ में पढ़े और क्रिकेट खेले हैं. तेजस्वी यादव की शादी दिल्ली के हाई प्रोफाइल इलाके न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में रहने वाली राजश्री से हुई है, उसी इलाके में रमीज नेमत का भी घर है. हालांकि, रमीज मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलरामपुर के रहने वाले हैं.

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रमीज का ताल्लुकात यूपी के ऐसे सियासी घराने से है, जिसकी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह से रही है. रमीज बाहुबली नेता और पूर्व सांसद रिजवान जहीर के दामाद हैं. रिजवान जहीर और बृजभूषण सिंह के सियासी वर्चस्व की जंग किसी से छिपी नहीं है.

रमीज पूर्व सांसद रिजवान जहीर के दामाद हैं

रमीज नेमत का जन्म 14 नवंबर 1986 को दिल्ली में हुआ. उनके पिता का नाम नियामतुल्लाह है. वे उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के भंगहा कलां गांव के रहने वाले हैं. वे दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे और उनकी पत्नी भी जामिया स्कूल में पढ़ाती थीं. यह परिवार दिल्ली में रह रहा है. नियामतुल्लाह शुरुआत में जामिया नगर के गफ्फार मंजिल कॉलोनी में रहते थे. बाद में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में रहने लगे.

नियामतुल्लाह यूपी के पूर्व सांसद रिजवान जहीर के चचेरे भाई हैं. इसके चलते ही रिजवान जहीर ने अपनी बेटी जेबा की शादी अपने चचेरे भाई नियामतुल्लाह के बेटे रमीज नेमत से 2017 में की. इस लिहाज से रमीज, रिजवान जहीर के दामाद हैं. शादी के बाद से रमीज नेमत बलरामपुर में रहना शुरू कर दिया, क्योंकि जेबा अपने पिता की सियासी विरासत को आगे बढ़ाने की कवायद में थीं.

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बृजभूषण सिंह के साथ रमीज नेमत का कनेक्शन

रिजवान जहीर और बृजभूषण शरण सिंह दोनों पूर्वांचल के बाहुबली माने जाते हैं. देवीपाटन इलाके की सियासत इन्हीं दोनों बाहुबलियों के इर्द-गिर्द सिमटी थी, लेकिन उनके राजनीतिक क्षेत्र पहले बंटे हुए थे. बृजभूषण का गोंडा, बहराइच और कैसरगंज इलाके में सियासी वर्चस्व था तो रिजवान जहीर का बलरामपुर और श्रावस्ती के इलाके में दबदबा था.

नब्बे के दशक में दोनों नेताओं ने अपनी-अपनी सियासी पारी का आगाज किया था. रिजवान जहीर तीन बार तुलसीपुर से विधायक रहे और दो बार बलरामपुर से सांसद रहे हैं. रिजवान जहीर सपा और बसपा से राजनीति करते रहे तो बृजभूषण सिंह बीजेपी के दिग्गज नेता रहे. बृजभूषण सिंह गोंडा से लेकर कैसरगंज संसदीय सीट से सांसद रहे. 

रिजवान जहीर बनाम बृजभूषण शरण सिंह

प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पहली राजनीतिक कर्मभूमि रही बलरामपुर लोकसभा सीट पर रिजवान जहीर ने अपना कब्जा जमा रखा था. ऐसे में रिजवान जहीर के खिलाफ बीजेपी ने 2004 में बृजभूषण सिंह पर दांव लगाया. इसके बाद दोनों के बीच खुलकर सियासी अदावत छिड़ गई और खुलकर जुबानी जंग हुई थी. चुनाव की सियासी बाजी बृजभूषण जीत गए, जिसके बाद रिजवान के साथ खाई और भी गहरी हो गई.

बृजभूषण सिंह और रिजवान जहीर के बीच सिर्फ सियासी अदावत ही नहीं थी बल्कि ठेका-पट्टा से लेकर स्थानीय चुनाव में भी टकराव शुरू हो गए थे. बृजभूषण सिंह ने 2009 में अपना पाला बदलकर सपा में आ गए और उन्होंने बलरामपुर-श्रावस्ती को छोड़कर कैसरगंज सीट पर वापस आ गए, लेकिन अपनी राजनीतिक आधार को पूरे देवीपाटन मंडल तक फैला दिया. ऐसे में जिला पंचायत के चुनाव में बृजभूषण और रिजवान जहीर की सियासी वर्चस्व की लड़ाई जारी रही तो नगर पंचायत के चुनाव में भी दोनों का दखल पूरी तरह से रहा.

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रिजवान जहीर के सियासी वारिस बनने का प्लान

रिजवान जहीर 2004 के बाद कोई भी चुनाव नहीं जीत सके और फिलहाल जेल में हैं. रिजवान जहीर की बेटी जेबा तुलसीपुर विधानसभा सीट से दो बार चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन जीत नहीं सकीं. शादी के बाद रमीज नेमत ने बलरामपुर की राजनीति में अपना सियासी दखल बढ़ाया.

2022 में तुलसीपुर नगर पंचायत चुनाव के दौरान उनकी फिरोज पप्पू के साथ सियासी अदावत बढ़ गई, वो उस समय चेयरमैन थे. पप्पू को बृजभूषण सिंह का करीबी माना जाता था. फिरोज की पत्नी कहकशां फिरोज वर्तमान में नगर पंचायत तुलसीपुर की चेयरमैन हैं. ऐसे में चार जनवरी, 2022 को पूर्व चेयरमैन फिरोज पप्पू की हत्या हो गई थी जिसमें रिजवान जहीर की बेटी जेबा और दामाद रमीज का नाम आया था. 

बृजभूषण सिंह ने फिरोज के परिवार को सियासी मदद दी थी और सीएम योगी से भी उनकी सिफारिश पर मुलाकात हुई थी. इसके चलते रमीज पर कानूनी शिकंजा कसा गया था. इसके चलते रिजवान जहीर की राजनीति हाशिए पर पहुंच गई. रमीज नेमत जमानत पर बाहर हैं, जिस पर 20 नवंबर को अदालत का अहम फैसला आने वाला है.

रमीज की नजदीकियां सपा के साथ भी हैं और 2027 के चुनाव लड़ने के फिराक में हैं. इस बार जेबा की जगह पर खुद चुनाव लड़ने का प्लान बना रखा है. तेजस्वी यादव के साथ उनकी नजदीकियां होने के चलते माना जा रहा है कि सपा से टिकट मिल सकता है, लेकिन अब जिस तरह लालू परिवार में उनका नाम आया है, उसे लेकर सियासी सुर्खियों में हैं.

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तेजस्वी और रमीज की दोस्ती कैसे चढ़ी परवान

रमीज नेमत दिल्ली पब्लिक स्कूल (मथुरा रोड) से अपनी शुरुआती पढ़ाई किए, जहां पर तेजस्वी यादव भी पढ़ा करते थे. तेजस्वी-रमीज साथ में पढ़ते ही नहीं बल्कि क्रिकेट भी साथ खेला करते थे. रमीज दिल्ली के लिए अंडर–14, अंडर–16 और अंडर–19 तक प्रतिनिधित्व किए.

रमीज झारखंड चले गए और 2008–09 में अंडर–22 टीम का कप्तान बनाया गया और वहीं से उनके प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर की शुरुआत हुई. तेजस्वी यादव भी दिल्ली के आईपीएल के लिए खेला करते थे. इसके चलते ही रमीज तेजस्वी यादव के बेहद करीबी, उनके युवा टीम का हिस्सा और चुनाव प्रचार व संगठनात्मक गतिविधियों के अहम मैनेजर रहे हैं.

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