Kanpur: पोस्टमार्टम हाउस के बाहर जिस भाई के लिए बहन रो रही थी, वो थाने पहुंचकर बोला- मैं जिंदा हूं सर'

कानपुर के घाटमपुर में हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक बहन अपने जिस भाई के शव का पोस्टमार्टम कराने पहुंची थी, वही भाई कुछ देर बाद जिंदा थाने पहुंच गयाय. युवक ने पुलिस से कहा- सर, मैं तो जिंदा हूं, लेकिन मेरी मौत की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दी गई! यह सुनकर पुलिसकर्मी भी दंग रह गए और उधर जिस शव का पोस्टमार्टम हो रहा था, उसे रोक दिया गया.

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थाने में मौजूद युवक व उसके परिजन. (Screengrab) थाने में मौजूद युवक व उसके परिजन. (Screengrab)

रंजय सिंह

  • कानपुर,
  • 14 जून 2025,
  • अपडेटेड 4:58 PM IST

कानपुर के घाटमपुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया, जब एक बहन अपने भाई की लाश का पोस्टमार्टम कराने पहुंची और कुछ ही देर बाद वही भाई थाने में जिंदा लौट आया. थाने में युवक ने पुलिस से कहा कि सर, मैं जिंदा हूं... मेरी मौत का फोटो ही वायरल कर दिया गया. इस घटना से पुलिस से लेकर परिजन तक हर कोई सन्न रह गया. उधर शव का पोस्टमार्टम तुरंत रुकवाया गया और असली पहचान के लिए शव को मोर्चरी में सुरक्षित रखवा दिया गया.

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जानकारी के अनुसार, कानपुर के घाटमपुर क्षेत्र में गुरुवार को ओवरब्रिज के नीचे एक युवक की लावारिस लाश मिली थी. पुलिस ने फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर वायरल किया, ताकि शिनाख्त की जा सके. घाटमपुर की रहने वाली सुमन नाम की महिला ने फोटो देखकर दावा किया कि यह उसके भाई अजय की बॉडी है. वह रोते हुए मौके पर पहुंची और कहा कि यह मेरे छोटे भाई की लाश है, मैंने इसे गोद में खिलाया है.

पुलिस ने कहा ठीक से पहचान लो, सुमन ने कहा कि भला मैं कैसे नहीं पहचानूंगी. सभी को लगा कि अजय गर्मी में बीच के नीचे बैठा होगा, इस वजह से उसकी मौत हो गई. पुलिस ने बहन की शिनाख्त पर बॉडी का पंचनामा किया और उसको पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. सुमन का कहना था कि मेरा भाई अजय कानपुर देहात का रहने वाला है.

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शुक्रवार को सुमन अपने पिता, पति और परिवार वालों के साथ पोस्टमार्टम हाउस पहुंची. परिवार वाले रो रहे थे, तभी उधर घाटमपुर थाने में एक युवक थानेदार धनंजय पांडे के सामने पहुंचा. उसने कहा कि मेरा नाम अजय है, मैं तो जिंदा हूं. पुलिस ने मेरे मरने की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कराई है. थानेदार धनंजय पांडे हैरान रह गए. उन्होंने तुरंत पोस्टमार्टम हाउस में पुलिस कर्मियों को कॉल किया और कहा कि अजय की बॉडी का पोस्टमार्टम हो गया क्या, तो बताया गया कि नंबर आने वाला है. थानेदार ने अधिकारियों को जानकारी दी. इसी के साथ जिस शव का पोस्टमार्टम होने वाला था, उसे रुकवाया.

इस दौरान सुमन को जैसे ही पता चला कि भाई जिंदा थाने पहुंच गया है तो घर वाले विश्वास ही नहीं कर पाए और तुरंत गाड़ी से घाटमपुर थाने पहुंचे. वहां अपने भाई को जिंदा देखते ही सुमन लिपटकर रोने लगी. सुमन ने कहा कि मैं रास्ते भर यही मनाते आ रही थी कि पुलिस ने जो सूचना दी है, वह सही हो.

पुलिस ने जब सुमन से पूछा कि तुमने अपने भाई की पहचान कैसे की तो उसने कहा मेरे भाई का चेहरा ठीक बॉडी से मिलता था, उसकी कदकाठी भी उतनी थी. शव के कपड़े काफी गंदे थे, इसलिए लगा कि मेरा भाई ही होगा. इसके बाद पुलिस ने उस शव को मोर्चरी में रखवा उसकी पहचान के लिए फोटो आसपास जिलों में भेजा है.

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