Hapur: जिसे मृत बताकर कर रहे थे पुतले का अंतिम संस्कार, अब आया उस शख्स का बयान

हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर स्थित गंगा घाट पर जिसे मृत बताकर पुतले का अंतिम संस्कार किया जा रहा था, अब उसका बयान भी सामने आया है. वहीं, मामले में दो दिल्ली के व्यापारियों को गिरफ्तार किया गया, जो 50 लाख की बीमा राशि पाने के लिए असली शव की जगह पुतला जलाने की कोशिश कर रहे थे. मामले में दो आरोपी फरार हैं, पुलिस उनकी तलाश में है.

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बीमा ठगी के लिए डमी शव का अंतिम संस्कार. (Photo: Screengrab) बीमा ठगी के लिए डमी शव का अंतिम संस्कार. (Photo: Screengrab)

aajtak.in

  • हापुड़,
  • 28 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:29 PM IST

हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर स्थित गंगा घाट पर जिस युवक को मृत दिखाकर पुतले का अंतिम संस्कार किया जा रहा था, अब उसका बयान भी सामने आ गया है. पुलिस के अनुसार, जब अंशुल से संपर्क किया गया तो उसने साफ कहा कि उसे इस घटना की कोई जानकारी नहीं है. वह पूरी तरह स्वस्थ है और प्रयागराज में अपने घर पर है. फिलहाल, इस पूरे फर्जीवाड़े में शामिल दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

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दरअसल, हापुड़ के ब्रजघाट श्मशान घाट पर गुरुवार शाम एक अजीबोगरीब घटना सामने आई थी, जब चार लोग एक कार में शव लेकर पहुंचे और अंतिम संस्कार की तैयारी करने लगे. उन्होंने बाजार से घी और अन्य सामान खरीदा और चुपचाप 'शव' को चिता पर रख दिया. लेकिन उनके घबराए और संदिग्ध व्यवहार ने वहां मौजूद नगरपालिका कर्मचारी नितिन का ध्यान खींच लिया.

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नगरपालिका कर्मचारी की सतर्कता

नितिन ने जब चादर हटाकर देखा तो दंग रह गया. चिता पर रखी 'लाश' वास्तव में एक पुतला थी. उसने तुरंत अधिकारियों और पुलिस को सूचना दी. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और आरोपियों की कार से तीन पुतले बरामद किए. मौके से दो आरोपी कमल सोमानी और उसका साथी आशीष खुराना, (दोनों दिल्ली के उत्तम नगर निवासी) गिरफ्तार कर लिए गए, जबकि दो अन्य मौके से फरार हो गए.

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पूछताछ में खुलासा हुआ कि टेक्सटाइल व्यापारी कमल सोमानी पर 50 लाख रुपये का कर्ज था और वह लंबे समय से तनाव में था. कर्ज चुकाने के लिए उसने एक खतरनाक योजना बनाई. उसने अपने कर्मचारी नीरज के भाई अंशुल के आधार और पैन कार्ड किसी काम का बहाना बनाकर ले लिए और उसके नाम पर 50 लाख का टाटा AIA बीमा करवा लिया.

बीमा क्लेम की बड़ी साजिश

योजना यह थी कि अंशुल को शहर से बाहर भेजकर उसके नाम पर पुतले को जलाया जाए, चिता का रसीद और डेथ सर्टिफिकेट हासिल किया जाए और फिर बीमा क्लेम किया जाए. लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने पकड़ लिया. पुलिस ने सोमानी के फोन से वीडियो कॉल कर अंशुल से बात की, जो उस वक्त प्रयागराज में था. उसने बताया कि उसे अपनी 'मृत्यु' की योजना के बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी.

सर्किल ऑफिसर स्तुति सिंह ने इसे स्पष्ट रूप से बीमा धोखाधड़ी का मामला बताया. पुलिस फरार आरोपियों की तलाश कर रही है और मामले की जांच जारी है.

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