हापुड़ की मोनाड यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्री और मार्कशीट रैकेट की जांच एक बार फिर सुर्खियों में है. सूत्रों के मुताबिक, अब उन्नाव के सरस्वती मेडिकल कॉलेज का नाम भी इस नेटवर्क से जुड़कर सामने आया है. बताया जा रहा है कि कॉलेज के कुछ छात्रों की डिग्रियां और मार्कशीटें मोनाड यूनिवर्सिटी के फर्जी दस्तावेजों के जरिए जारी की गई थीं.
मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हाल ही में मोनाड यूनिवर्सिटी से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की है. जांच एजेंसी अब सरस्वती मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल अखिलेश मौर्या के कनेक्शन की भी जांच कर रही है. ईडी का मानना है कि इस नेटवर्क के जरिए न केवल फर्जी डिग्रियां जारी की जा रही थीं, बल्कि इसमें मनी लॉन्ड्रिंग की भी बड़ी भूमिका है.
दो साल पहले STF ने किया था भंडाफोड़
जांच का दायरा बढ़ाने में उत्तर प्रदेश एसटीएफ (STF) की पुरानी रिपोर्ट अहम साबित हुई है. करीब दो साल पहले एसटीएफ ने मोनाड यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्री रैकेट का भंडाफोड़ किया था, जिसमें यूनिवर्सिटी के चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
उस समय सामने आया था कि छात्रों से मोटी रकम लेकर उन्हें फर्जी डिग्रियां और मार्कशीटें दी जाती थीं. अब ईडी इस मामले में नए वित्तीय सुरागों की जांच कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस नेटवर्क के जरिए कितने करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई और किन संस्थानों तक इसके तार फैले हैं.
संतोष शर्मा