उत्तर प्रदेश के झांसी से चौंकाने वाला मामला सामने आया है. महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी में रखे महिला के शव की आंख और कान कुतरे मिले. मृतका के परिजनों का कहना है कि शव को चूहों ने नुकसान पहुंचाया है, जबकि मेडिकल कॉलेज के सीएमएस का कहना है कि फ्रीजर में चूहों का पहुंचना संभव नहीं है. यह काम किसी छोटे कीड़े या कॉकरोच का हो सकता है. मामले की जांच शुरू कर दी गई है.
मामला झांसी के गुरसराय थाना क्षेत्र का है. 27 वर्षीय क्रांति पटेल ने बीते दिनों मानसिक तनाव में जहर खाकर जान दे दी थी. परिजन तुरंत महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज लेकर आए, जहां इलाज के दौरान क्रांति की मौत हो गई. सूचना पर पहुंची पुलिस ने छानबीन के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी के फ्रीजर में रखवा दिया.
जब शव को पोस्टमार्टम के लिए निकाला गया, तो परिजनों ने शव की स्थिति देखकर हंगामा शुरू कर दिया. परिजनों का आरोप था कि जब उन्होंने महिला के चेहरे और शरीर को देखा तो उसकी एक आंख, कान और शरीर के कई हिस्सों पर कुतरने के निशान थे. परिवार के लोगों ने मोर्चरी प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए.
परिजनों का आरोप- फ्रीजर में शव सुरक्षित नहीं था, रुपए भी लिए
सक्षम पटेल ने कहा कि हमारी दीदी ने जहर खाकर सुसाइड कर लिया था. हम लोगों ने बॉडी को यहां फ्रीजर में रखवा दिया था. सक्षम का आरोप है कि बॉडी रखवाने के लिए हमसे 400 रुपये लिए गए. हम लोग बॉडी रखकर चले गए. जब वापस आकर बॉडी देखी तो शरीर पर कई जख्म थे, ऐसा लग रहा है कि चूहों ने बॉडी की आंख, कान और हाथ खा लिया है.
जब इस बारे में मेडिकल कॉलेज के सीएमएस सचिन माहौर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता है, क्योंकि फ्रीजर में किसी भी चूहे या फिर जीव जंतु के अंदर जाने की जगह नहीं है. हो सकता है किसी कीड़े या फिर कॉकरोच का यह काम हो सकता है. फिलहाल इसकी जांच कराई जा रही है. दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.
सीएमएस सचिन माहौर ने कहा कि एक महिला का शव आया था, जिसको फ्रीजर में रखा गया था. फ्रीजर से निकाला गया तो बॉडी की आंख में कटे के निशान थे. फ्रीजर में किसी जानवर के घुसने की गुंजाइश नहीं है. कह नहीं सकते हैं कि बॉडी की आंख की पुतली किसने खाई. हो सकता है किसी कॉकरोज या फिर छोटे कीड़े ने खाया है.
घटना के बाद मोर्चरी की सुरक्षा और स्वच्छता पर सवाल
इस घटना ने मोर्चरी की सुरक्षा व्यवस्था, फ्रीजर सिस्टम की कार्यक्षमता और अस्पताल के रखरखाव पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. परिजन का कहना है कि यदि शव फ्रीजर में सुरक्षित था, तो उस पर इस तरह के घाव कैसे आए? क्या फ्रीजर में कोई तकनीकी खराबी थी या मोर्चरी का ढांचा ही इतना कमजोर है कि उसमें कोई चूहा या कुछ और घुस सकता है. फिलहाल मामले की जांच जारी है. परिजन दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
प्रमोद कुमार गौतम