'गड़े मुर्दे उखाड़ने से...', Sambhal जामा मस्जिद विवाद पर बोले जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना मदनी

Sambhal News: हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल की यह मस्जिद पूर्व में श्री हरिहर मंदिर था. उनकी तरफ से इसको लेकर कोर्ट में याचिका में डाली गई थी, जिसपर सुनवाई के बाद कोर्ट ने मस्जिद के सर्वे का आदेश दे दिया. सर्वे के कारण इलाके में माहौल गरमा गया है. जिसपर अब मौलाना मदनी ने भी रिएक्ट किया है.

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जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना मदनी जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना मदनी

मिलन शर्मा

  • संभल ,
  • 21 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:02 AM IST

यूपी के संभल स्थित जामा मस्जिद का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. हिंदू पक्ष का दावा है कि यह मस्जिद श्री हरिहर मंदिर है. उनकी तरफ से इसको लेकर कोर्ट में याचिका में डाली गई थी, जिसपर सुनवाई के बाद कोर्ट ने मस्जिद के सर्वे का आदेश दे दिया. सर्वे के कारण इलाके में माहौल गरमा गया है. बयानों का दौर शुरू हो गया है. इस कड़ी में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने भी प्रतिक्रिया दी है. इसके साथ ही उन्होंने संभल की जामा मस्जिद के संबंध में पैदा हुए विवाद और कोर्ट द्वारा सर्वे के आदेश पर गहरी चिंता व्यक्त की है. 

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मौलाना मदनी ने कहा कि इतिहास के झूठ और सच को मिलाकर सांप्रदायिक तत्व देश की शांति और व्यवस्था के दुश्मन बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि पुराने गड़े मुर्दे उखाड़ने से देश की धर्मनिरपेक्ष बुनियादें हिल रही हैं. ऐतिहासिक संदर्भों को दोबारा वर्णित करने की कोशिशें राष्ट्रीय अखंडता के लिए किसी भी तरह से अनुकूल नहीं हैं. 

मौलाना मदनी ने याद दिलाया कि देश ने बाबरी मस्जिद की शहादत सहन की है और उसके प्रभावों से आज भी जूझ रहा है. इसी पृष्ठभूमि में पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 लागू किया गया था ताकि देश मस्जिद-मंदिर विवादों का केंद्र न बनने पाए. सुप्रीम कोर्ट ने भी बाबरी मस्जिद मामले में निर्णय सुनाते हुए इस कानून को अनिवार्य बताया था, लेकिन अदालतें आज इसे नजरअंदाज कर के फैसले दे रही हैं. 

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बकौल मदनी- हर गुजरते दिन के साथ कहीं न कहीं मस्जिद का विवाद खड़ा किया जा रहा है और फिर 'सच्चाई जानने' के नाम पर न्यायालयों से सर्वेक्षण की अनुमति ली जाती है. इसके बाद इस सर्वे को मीडिया द्वारा दो समुदायों के बीच दीवार बनाने के लिए का इस्तेमाल किया जाता है.  

सर्वे के बाद मस्जिद की सुरक्षा बढ़ाई गई

मौलाना मदनी ने आगे कहा कि हम न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन न्यायालयों को फैसला लेते समय यह जरूर देखना चाहिए कि देश और समाज पर इसके क्या प्रभाव पड़ेंगे. फिलहाल, पूरी उम्मीद है कि मस्जिद इंतेजामिया कमेटी जामा मस्जिद की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगी. 

इसके साथ ही उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि यदि आवश्यकता पड़ी, तो जमीयत उलेमा-ए-हिंद कानूनी कार्रवाई में सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष ने देश के सभी नागरिकों से कानून-व्यवस्था की स्थापना के लिए धैर्य और सहनशीलता बनाए रखने की अपील की. साथ ही कहा कि ऐसा कोई कदम न उठाएं जिससे संप्रदायिक शक्तियों के षडयंत्र कामयाब हों. 

मस्जिद के बाहर फोर्स तैनात 

फिलहाल, संभल में सिविल जज की कोर्ट में जामा मस्जिद के श्री हरिहर मंदिर होने का दावा पेश होते ही मस्जिद के अंदर पहले चरण का सर्वे शुरू हो गया है. जिसके चलते जिला पुलिस और प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है. इसके साथ ही मस्जिद की सुरक्षा-व्यवस्था भी बढ़ा दी गई है.

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संभल की जामा मस्जिद के मुख्य द्वार के सामने RRF के जवान तैनात कर दिए गए हैं. इतना ही नहीं मस्जिद की तरफ जाने वाले रास्तों पर बैरिकेडिंग करके पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. जिले के मुख्य चौराहों और कई संवेदनशील इलाकों में भी पुलिस, पीएसी बल की तैनाती की गई है. खुद एडिशनल एसपी ने जामा मस्जिद पहुंचकर मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए.

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