गाजियाबाद में हाल ही में पकड़ी गई करोड़ों रुपये की 1 लाख 57 हजार कफ सिरप की बड़ी खेप का कनेक्शन वाराणसी से जुड़ा मिला है. इस सिलसिले में खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन ने वाराणसी के कोतवाली थाने में 27 फर्मों के 28 दवा कारोबारियों पर NDPS एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया है. इस कार्रवाई से न केवल वाराणसी बल्कि पूरे पूर्वांचल के दवा व्यापार में हड़कंप मच गया है.
जांच में सामने आया है कि फैंसीडिल कफ सिरप का निर्माण बंद होने के बावजूद लगभग 100 करोड़ रुपये की सिरप की खेप स्टॉक की जा रही थी. इसे झारखंड, बिहार और यूपी में घुमाने के बाद नशे के उपयोग के लिए विदेश तक भेजा जा रहा था. ड्रग विभाग को शक है कि इस पूरे सिंडिकेट का मुख्य सरगना वाराणसी से ही ऑपरेट कर रहा था.
पकड़ी गई करोड़ों रुपयों की कफ सिरप की खेप
सूत्रों के अनुसार झारखंड के रांची स्थित शैली ट्रेडर्स नाम की फर्म सुपर स्टॉकिस्ट थी. इसी फर्म ने वाराणसी के 93 मेडिकल स्टोर्स को करीब 84 लाख फैंसीडिल सिरप सप्लाई की थी. जांच में पाया गया कि वाराणसी की 9 फर्म मौके पर बंद थीं, जबकि कुछ फर्मों के पास स्टॉक का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला. कई जगह फर्जी बिलिंग और अवैध डायवर्जन के सबूत भी मिले हैं.
ड्रग इंस्पेक्टर जुनाब अली के मुताबिक फैंसीडिल में कोडिन होता है, जिसका दुरुपयोग नशे के रूप में किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि कई फर्मों ने भारी मात्रा में सिरप खरीदा, लेकिन बिक्री के रिकॉर्ड नहीं मिले. इससे साफ है कि सिरप बाजार में मरीजों तक नहीं पहुंच रहा था, बल्कि सीधे नशे के नेटवर्क में भेजा जा रहा था. उन्होंने बताया कि शैली ट्रेडर्स और उसके मालिक पर अवैध सप्लाई का शक गहरा है.
CDR और दस्तावेजों की जांच में जुटी पुलिस
वहीं, कोतवाली के एसीपी अतुल अंजान त्रिपाठी ने कहा कि सभी आरोपियों के CDR और दस्तावेजों की जांच की जा रही है. अन्य जिलों में दर्ज FIR को भी जांच में शामिल किया जाएगा. प्रशासन का कहना है कि यह अंतर्राज्यीय सिंडिकेट वर्षों से सक्रिय हो सकता है. आगे भी कई और नाम सामने आने की संभावना है.
रोशन जायसवाल