देश की पहली रैपिड रेल का इंतजार खत्म! PM मोदी इस दिन करेंगे उद्घाटन, जानें रूट और बाकी डिटेल्स

जल्द ही लोग RAPIDX में यात्रा कर सकेंगे. पहले फेज में दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के 17 किमी लंबे प्राथमिक खंड को शुरू किया जाएगा. इस कॉरिडोर की कुल लंबाई 82 किमी है, जिसमें से 14 किमी का हिस्सा दिल्ली में है, जबकि 68 किमी का हिस्सा उत्तर प्रदेश में है.

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मयंक गौड़

  • गाजियाबाद,
  • 15 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 12:32 PM IST

देश की पहली रैपिड रेल जल्द पटरी पर दौड़ने के लिए तैयार है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार, 12 अक्टूबर को गाजियाबाद में उन आयोजन स्थलों का निरीक्षण किया जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की पहली रैपिड रेल ट्रांजिट RAPIDX का उद्घाटन करेंगे. पीएम मोदी अगले सप्ताह इस रैपिड रेल का उद्घाटन करने के साथ ही एक रैली को संबोधित करेंगे. 

निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने अधिकारियों को सभी कार्य समय पर पूरा करने का निर्देश दिया. साथ ही उन्होंने भाजपा पदाधिकारियों, जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की. उन्होंने वसुंधरा सेक्टर-8 में पीएम के जनसभा स्थल और साहिबाबाद में रैपिडएक्स स्टेशन का निरीक्षण भी किया. पीएम मोदी 20 या 21 अक्टूबर को इसका उद्घाटन कर सकचे हैं.

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पहले फेज में 17 किमी लंबे प्राथमिक खंड को शुरू किया जाएगा
बता दें, पहले फेज में दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के 17 किमी लंबे प्राथमिक खंड को शुरू किया जाएगा. इस कॉरिडोर की कुल लंबाई 82 किमी है, जिसमें से 14 किमी का हिस्सा दिल्ली में है जबकि 68 किमी का हिस्सा उत्तर प्रदेश में है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) एनसीआर में इस क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) का ऐसा नेटवर्क तैयार कर रहा है जिसे दिल्ली मेट्रो की विभिन्न लाइनों के साथ जोड़ा जाएगा. ये अलवर, पानीपत और मेरठ जैसे विभिन्न शहरों को भी दिल्ली से जोड़ेंगे.

पहले चरण के बाद इस प्रोजेक्ट को दुहाई से मेरठ तक बढ़ाया जाएगा. मेरठ साउथ तक दूसरे चरण में कार्य होगा, तीसरे चरण में साहिबाबाद से दिल्ली के बीच कार्य पूरा होगा. वर्ष 2025 में रैपिड रेल दिल्ली से मेरठ के बीच दौड़ती नजर आएगी. यह सफर महज 55 मिनट में पूरा हो जाएगा.

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180 किलोमीटर की गति से चलाने के लिए डिजाइन की गई है RAPIDX 
आरआरटीएस ट्रेनों को 180 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलाने के लिए डिजाइन किया गया है. हालांकि, ये ट्रेनें पटरियों पर 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेंगी. यह ट्रेन 60 मिनट में 100 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है. 6 कोच वाली इस ट्रेन का लुक बिल्कुल बुलेट ट्रेन की तरह है. आरआरआरटीएस को उन यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो तेज गति और शांत तरीके से लंबी दूरी की यात्रा करना चाहते हैं.

महिलाएं संभालेंगी इन ट्रेनों की कमान
इन आधुनिक हाई स्पीड, हाई-फ्रीक्वेंसी रैपिडएक्स ट्रेनों के संचालन में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी. इस खंड के परिचालन में महिला कर्मचारियों की भागीदारी पुरुष कर्मचारियों से अधिक होगी. प्राथमिक खंड में रैपिडएक्स ट्रेनों के संचालनों के लिए नियुक्त ट्रेन संचालकों में पुरुष संचालकों की तुलना में महिला संचालकों की संख्या अधिक है. इसके अलावा, स्टेशन कंट्रोल, प्रबंधन, संचालन एवं रख-रखाव, ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर, ट्रेन अटेंडेंट आदि के रूप में भी महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी.

पहले खंड में 5 स्टेशन 
पहले खंड में रैपिड रेल साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो के बीच चलाई जाएगी. आरआरटीएस का प्राथमिक खंड देश की ऐसी पहली रेलवे प्रणाली है, जिसे 160 किमी प्रति घंटा की अधिकतम परिचालन गति पर पूरा सफर तय करने के लिए खोला जा रहा है. रैपिडएक्स, यात्रियों के लिए तेज़, सुरक्षित और आरामदायक रीजनल आवागमन सेवा सुनिश्चित करेगा. दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बहुकेंद्रित और संतुलित विकास को सक्षम कर, रोजगार, व्यवसाय और शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराएगा. सार्वजनिक परिवहन के इस सस्टेनेबल साधन से भीड़भाड़ और वायु प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है.

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रैपिड रेल के फीचर्स
रैपिड ट्रेन के कोच में एडजस्ट होने वाली 2x2 की सीटें होंगी और यात्रियों के खड़े होने के लिए विशेष व्यवस्था होगी. इसके अलावा इन ट्रेनों में मुफ्त वाईफाई, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट, सामान रखने की जगह, एक इंफोटेनमेंट सिस्टम और अन्य तरह की सुविधाएं भी मिलेंगी. ऑटोमेटिक प्लग-इन दरवाजों के अलावा रैपिड रेल में जरूरत के आधार पर चुनिंदा दरवाजों को खोलने के लिए पुश बटन होंगे. हर स्टेशन पर सभी दरवाजे खोलने की जरूरत नहीं होगी.

इसके अलावा, हर ट्रेन में एक डिब्बा महिलाओं के लिए रिजर्व रहेगा. इसके अलावा प्रत्येक कोच में 10 - 10 सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व की जाएंगी. प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) लगाए जाएंगे और ट्रेनों के दरवाजों को इस पीएसडी से जोड़ा जाएगा. ऐसा होने से यात्रियों के पटरी पर गिरने जैसी दुर्घटनाओं को पूरी तरह खत्म किया जा सकेगा.  

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