सुल्तानपुर में डकैत मंगेश यादव के एनकाउंटर को लेकर सियासत तेज हो गई है. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मंगेश को मार गिराये जाने के बाद पुलिस-प्रशासन पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि 'जाति' देखकर उसकी जान ली गई. अखिलेश के बयान के बाद अब सपा का एक प्रतिनिधिमंडल जौनपुर में मंगेश के घर पहुंचा है. इस प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई लाल बिहारी यादव कर रहे हैं, जो कि यूपी विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष हैं. वह मंगेश के परिवार को सांत्वना देने पहुंचे हैं.
बता दें कि सुल्तानपुर में सर्राफा कारोबारी की दुकान से दिनदहाड़े हुई करोड़ों की लूट के मामले में एसटीएफ ने गुरुवार (5 अगस्त) की सुबह मंगेश यादव को एनकाउंटर में मार गिराया था. इस एनकाउंटर पर सपा मुखिया ने सवाल उठाए थे.
अखिलेश यादव ने 'एक्स' पर लिखा- लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नकली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ दिखावटी गोली मारी गई और ‘जात’ देखकर जान ली गई.
मंगेश यादव की क्राइम कुंडली
गौरतलब हो कि एनकाउंटर में मारा गया मंगेश यादव एक लाख का इनामी था. मंगेश पर जौनपुर, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़ आदि जिलों में चोरी, लूट, डकैती जैसे संगीन अपराधों के कई मुकदमे दर्ज थे. सुल्तानपुर के करौदीकला थाने में साल 2022 में मंगेश यादव पर गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज हुआ था.
इतना ही नहीं मंगेश पर चोरी, लूट के साथ-साथ डकैती में मिले माल को भी चोरी करने का मुकदमा लिखा गया था. वो डकैती में शामिल अपने साथियों का माल भी हड़प जाता था. उसका अपने इलाके में खौफ था.
दरअसल, बीते 28 अगस्त को सुल्तानपुर शहर में चौक क्षेत्र के ठठेरी बाजार में भरत जी सर्राफा के यहां दिनदहाड़े करोड़ों की लूट हुई थी. बदमाशों ने महज कुछ ही मिनट में ये डकैती की थी और मौके से भाग निकले थे. जिसके बाद गुरुवार की सुबह इस मामले में फरार चल रहा 1 लाख का फरार इनामी बदमाश एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में ढेर हो गया. यह एनकाउंटर देहात कोतवाली के हनुमानगंज बाईपास पर हुआ.
संतोष शर्मा