'पिता जी पर सवाल सुन-सुनकर परेशान हो गई हूं...', स्वामी प्रसाद मौर्य की सांसद बेटी संघमित्रा ने कही ये बात, VIDEO

बदायूं से बीजेपी की सांसद संघमित्रा मौर्य से जब उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर सवाल पूछा गया तो वो नाराज हो गईं. उन्होंने तल्ख लहजे में मीडिया से कहा कि पिताजी पर सवाल सुन-सुनकर परेशान हो गई हूं.  बीजेपी की सांसद हूं, बीजेपी का कार्यक्रम है, इसलिए उसी पर सवाल कीजिए. 

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स्वामी प्रसाद मौर्य और उनकी बेटी संघमित्रा (फ़ाइल फोटो) स्वामी प्रसाद मौर्य और उनकी बेटी संघमित्रा (फ़ाइल फोटो) स्वामी प्रसाद मौर्य और उनकी बेटी संघमित्रा (फ़ाइल फोटो) स्वामी प्रसाद मौर्य और उनकी बेटी संघमित्रा (फ़ाइल फोटो)

अंकुर चतुर्वेदी

  • बदायूं ,
  • 26 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 4:06 PM IST

अपने बयानों के चलते अक्सर सुर्खियों में रहने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने हाल ही में समाजवादी पार्टी (सपा) से इस्तीफा देकर खुद की नई पार्टी बनाई है. इसको लेकर जब उनकी बेटी और बदायूं से बीजेपी की सांसद संघमित्रा मौर्य से सवाल पूछा गया तो वो नाराज हो गईं. उन्होंने तल्ख लहजे में मीडिया से कहा कि पिताजी पर सवाल सुन-सुनकर परेशान हो गई हूं. बीजेपी की सांसद हूं, बीजेपी का कार्यक्रम है, इसलिए उसी पर सवाल कीजिए. 

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दरअसल, आज (26 फरवरी) बदायूं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 11 अंडरपास का वर्चुअली लोकार्पण किया गया. रेलवे द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में बदायूं की सांसद डॉ. संघमित्रा मौर्य सहित बीजेपी के तमाम नेता मौजूद रहे. इस मौके पर सांसद और स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य ने पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए. 

जब उनसे पूछा गया कि आपके पिताजी ने नई पार्टी का गठन किया है, ऐसे में बेटी होने के नाते आप क्या कहेंगे? तो इस सवाल पर संघमित्रा मौर्य भड़क उठीं. उन्होंने कहा- पिता और पुत्री से उठकर के अगले सवाल पर भी आना चाहिए. यह सवाल पिछले दो-ढाई साल से सुन-सुन कर मैं परेशान हो चुकी हूं. मैं भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता हूं, पदाधिकारी हूं, भारतीय जनता पार्टी की सांसद हूं और भारतीय जनता पार्टी के लिए कार्य कर रही हूं तो जब जिस चीज का कार्यक्रम हो सवाल भी उसी का ही होना चाहिए. 

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बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने बुधवार को अपनी नई पार्टी का ऐलान कर दिया. उन्होंने इस पार्टी का नाम राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी रखा है. इसके साथ ही उन्होंने जमकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और किसान आंदोलन के समर्थन में बयान दिया.

मालूम हो कि इसी साल 13 फरवरी को स्वामी प्रसाद ने समाजवादी पार्टी में महासचिव पद छोड़ दिया था और हाईकमान पर भेदभाव का आरोप लगाया था. वह 20 साल बसपा में बड़े पदों पर रहे और मायावती सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. इसके बाद 2017 के चुनाव से पहले स्वामी ने पाला बदल लिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे. योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनी तो स्वामी को कैबिनेट मंत्री बनाया गया. हालांकि, 5 साल बाद ही उनका बीजेपी से मोहभंग हो गया और 2022 के चुनाव से पहले सपा में शामिल हो गए थे. अब उन्होंने सपा भी छोड़कर अपनी अलग पार्टी का गठन किया है.

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