UP: कुत्ते की मौत पर कराया ब्रह्मभोज, गाड़ी से खाना भेजकर आस-पास के कुत्तों को कराया भोजन

आपने आरिफ और सारस की दोस्ती की कहानी तो सुनी होगी. उससे भी अनूठी कहानी मैनपुरी के शेरू और ब्रजभूषण उर्फ जुग्गी लाल की है. मौजेपुर रहने वाले जुग्गी लाल यादव ने 18 साल पहले एक पिल्ला को पाला था, जिसके पैर में चोट लगी थी. ठीक होने के बाद दोनों में दोस्ती हो गई. शेरू की 18 मार्च को मौत हो गई.

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भोज में इस तरह इलाके के कुत्तों को परोसा गया खाना. भोज में इस तरह इलाके के कुत्तों को परोसा गया खाना.

पुष्पेंद्र सिंह

  • मैनपुरी,
  • 03 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 10:56 PM IST

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एक अनोखा मामला सामने आया है. कुत्ते की मौत के बाद उसकी याद में मालिक ने ब्रह्मभोज किया. इस भोज में आस-पास के गांव के सभी लोगों को आमंत्रित किया गया था. साथ ही गांव और आस-पास के कुत्तों के लिए गाड़ी से खाना भेजकर कुत्तों को भोजन कराया गया. मामला भोगांव कोतवाली क्षेत्र के मौजेपुर गांव का है.

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जानकारी के मुताबिक, मौजेपुर के रहने वाले ब्रजभूषण उर्फ जुग्गी लाल यादव के घर 18 साल पहले एक पिल्ला शेरू आ गया था. उस दौरान उसके पैर में चोट लगी थी. जुग्गी लाल ने उसके पैर का इलाज कराया और वह ठीक हो गया. फिर शेरू उसके साथ ही रहने लगा. धीरे-धीरे जुग्गी लाल को उसके प्रति स्नेह बढ़ता गया और उन्होंने उसे पाल लिया. 

ब्रह्म भोज में खाना खाते लोग.

6 महीने पहले दिखना बंद हो गया था 

शेरू हमेशा उसके साथ ही रहता था और उनके जानवरों की रखवाली करता था. घर के सदस्यों को भी उसने कोई नुकसान नहीं पहुंचाया. इस दौरान करीब 6 महीने पहले  शेरू को दिखना बंद हो गया. मगर, जुग्गी लाल ने उसकी देखभाल की. इसी बीच 18 मार्च को शेरू की मौत हो गई. इसके बाद जुग्गी लाल ने ब्रह्मभोज करने का निर्णय लिया और एक अप्रैल को भोज किया गया.  

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वहीं, शेरू का मालिक जुग्गी लाल ने बताया कि 18 साल पहले  पैर में चोट लगा एक कुत्ते का पिल्ला उनके घर पर आ गया था. मैंने उसके पैर का इलाज कराया और वो ठीक हो गया. फिर शेरू कहीं नहीं गया. धीरे-धीरे मेरा भी उसके प्रति स्नेह बढ़ता गया और मेने उसे पाल लिया.

वह मेरे जानवरों की रखवाली करता था. वहीं, जुग्गी का बेटा शोभाराम ने बताया कि शेरू हमारा सबसे प्रिय जानवर था. उसकी याद में दावत कर रहे हैं. अंतिम समय मे भी उसने मेरे दरवाजे को नहीं छोड़ा. 

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