Ice बॉक्स में भरकर फेंक दी थी 3 साल की मासूम... दरिंदे को 58 दिन में फांसी, घर भी बुलडोजर से मिट्टी में मिलाया

UP News: बांदा में दुष्कर्म के बाद 3 साल की मासूम के साथ दरिंदे ने हैवानियत की सारी हदें की पार कर दी थीं. बच्ची की दर्दनाक मौत के बाद कोर्ट ने 58 दिन में फांसी की सजा सुनाई. जज ने आदेश दिया कि आरोपी को तब तक लटकाए रखा जाए जब तक उसकी मौत न हो जाए.

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58 दिनों में कोर्ट में 11 गवाह पेश किए गए..(Photo:ITG) 58 दिनों में कोर्ट में 11 गवाह पेश किए गए..(Photo:ITG)

सिद्धार्थ गुप्ता

  • बांदा,
  • 09 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:46 AM IST

उत्तर प्रदेश के बांदा में एक दिल दहला देने वाली घटना में कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. एक 3 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म, फिर उसे आइस बॉक्स में बंद कर जंगल में फेंकने और इलाज के दौरान बच्ची की दर्दनाक मौत के मामले में अदालत ने 58 दिनों में दोषी को सजा सुनाई. आरोपी को फांसी की सजा दी गई. जज ने आदेश दिया कि इस जघन्य अपराध में दोषी को तब तक फांसी पर लटकाया जाए, जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए. इसके अलावा, पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. डीएम जे. रिभा और एसपी पलाश बंसल के निर्देश पर आरोपी के घर को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया. कोर्ट ने इस मामले में पुलिस की भूमिका की सराहना की.

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दरअसल, इसी साल जून महीने का यह मामला है. चिल्ला थाना इलाके में घर के बाहर खेल रही 3 साल की मासूम को टॉफी का लालच देकर आरोपी सुनील निषाद अगवा कर सुनसान जगह ले गया. वहां उसने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया और बच्ची को मरा समझकर आइस बॉक्स में बंद कर जंगल में फेंक दिया.

इधर, परिजन और पुलिस बच्ची की तलाश कर रहे थे. इस दौरान आरोपी अपने घर पहुंचा, जहां उसके कपड़े खून से सने थे. परिजनों ने उसे पकड़कर पुलिस को सौंप दिया. पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर बच्ची को जंगल से बेहोशी की हालत में बरामद कर अस्पताल में भर्ती कराया. प्राथमिक उपचार के बाद बच्ची को कानपुर रेफर किया गया, जहां एक सप्ताह तक आईसीयू में रहने के बाद उसकी मृत्यु हो गई.

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इसके बाद पूरे जिले में लोगों का आक्रोश देखने को मिला. पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर जेल भेजा. साथ ही, कानूनी कार्रवाई के तहत हाल ही में आरोपी का तीन बिस्वा में बना आलीशान मकान बुलडोजर से ढहा दिया गया.

कोर्ट के सरकारी अधिवक्ता कमल सिंह गौतम ने बताया कि पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में पुलिस ने सभी साक्ष्य प्रस्तुत किए. 58 दिनों में फास्ट ट्रैक कोर्ट में 11 गवाह पेश किए गए. 7 जुलाई को आरोप पत्र दाखिल करने के बाद 8 सितंबर को अदालत ने दोषी को सजा सुनाई. जज प्रदीप कुमार मिश्रा ने फांसी की सजा का आदेश दिया और कहा कि इस जघन्य अपराध में दोषी को तब तक लटकाया जाए, जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए.

एसपी पलाश बंसल ने कहा कि इस जघन्य अपराध में कोर्ट द्वारा फांसी की सजा सुनाई गई है, जिससे अपराधियों में भय पैदा होगा. आरोपी ने 3 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई.

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